हैदराबाद ः उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ के उत्पादक लाइनों में वर्तमान रबी सीजन के लिये मसूर फसल की स्थिति बहुत अच्छी है तथा फरवरी प्रथम सप्ताह से नया सीजन प्रारंभ होने की संभावना है, जिससे मूल्यों पर दबाव पड़ रहा है, क्योंकि तुवर दाल के मूल्यों भारी गिरावट से मसूर दाल की खपत वाले क्षेत्रों में तुवर दाल की खपत बढ रही है। मुंबई में कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया की मसूर 6000-6100 रुपये तथा हाजिरा एवं मुंदरा पर कनाडा की 5725-5750 रुपये तथा दिल्ली में मध्य प्रदेश लाइन की 6725 रुपयेे के मूल्य पर व्यापार हुआ, जबकि कानपुर में मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश की मसूर 6500 रुपये, बरेली में मोटी मसूर 6625-6650 रुपये, बारीक 7000 रुपये और बहराईच में 7200-7250 रुपये तथा महोबा, झांसी, ललितपुर में मोटी 5700-5900, बारीक 6100-6200 रुपये तथा गंजबसौदा, कटनी, सागर, दमोह, अशोकनगर लाइनों में 5600-6000 रुपये एवं इंदौर में 6000-6100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। काबुली चने में मंदी का रुख व्यापारिक सूत्रों के अनुसार देश में आागमी महीने से नया काबूली चने की आवक प्रारंभ होने की संभावना से स्टॉकिस्टों की बिक्री का दबाव बढ़ रहा है तथा शादी-विवाह सीजन रहने के बावजूद काबूली चने में लगातार मंदी का रुख रहा। सोमवार 6 जनवरी को इंदौर में काबूली चना 40-42 काउंट व्यापार 300 रुपये घटकर 13,800 रुपये होने के बाद शनिवार तक घटकर 13,400 रुपये तथा 44-46 काउंट का सोमवार को 13,500 रुपये के मुकाबले शनिवार तक घटकर 13,100 रुपये, 46-48 काउंट का सोमवार को 13,200 रुपये के मुकाबले शनिवार तक घटकर 12,800 रुपये तथा 50-52 काउंट का सोमवार को 12,600 रुपये के मुकाबले शनिवार तक घटकर 12,200 रुपये एवम् 58-60 काउंट का सोमवार को 11,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार होने के बाद शनिवार तक घटकर 11,200 रुपये और 80-85 काउंट का सोमवार को 100 रुपये घटकर 9300 रुपये तक पहुंचने के बाद शनिवार तक घटकर 9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:04 pmहैदराबाद : व्यापारिक सूत्रों के अनुसार वर्तमान वर्ष 2024-25 खरीफ सीजन तिल उत्पादन में कमी के बावजूद मूल्यों में वृद्धि नहीं हो रही है, जिसका प्रमुख कारण पाकिस्तान के उत्पादन में वृद्धि से विदेशों के लिये भारतीय तिल निर्यात में कमी आ रही है और मकर संक्रांति की मांग के बावजूद घरेलू तिल के मूल्यों में अधिक वृद्धि नहीं हुई। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले पाँच वर्षों से रबी तथा ग्रीष्मकालीन सीजन के उत्पादन में और बुवाई क्षेत्र में वृद्धि होने से तेल के मिलों को पूरा वर्ष तिल सप्लाई में कमी नहीं आ रही है। आंध्रप्रदेश के कडपा, पुलिवेंदुला लाईन में नई तिल की आवक प्रारभं हो गई, लेकिन पिछले कुछ दिनों से माल की क्वालिटी रेनटच आ रही है, लेकिन अनुमान है कि आगामी दिनों में माल की क्वालिटी अच्छी आ सकती है। आंध्र के नरसारावपेट लाईन शीतगृहो में स्टॉक रखा हुआ माल 10,000-11,100, कड़पा, बदवेल लाईन लोकल में लाल तिल 11,000, विरुद्धनगर डिलेवरी (75 किलो) 10500-11,000, लाल किस्म 10500-11,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह भद्राचलम के चिन्नूर लाईन में प्रतिदिन 50 बोरी नई तिल की आवक पर 10,800-11,000 रुपये प्रति क्विंटल और 75 किलो बोरी 8700 रुपये मूल्य पर तमिलनाडु के लिये डिलीवरी व्यापार हुआ। ओडिंश के मलकनगिरी लाईन में नये सफेद तिल की आवक प्रारंभ हो गई और वर्तमान में 30 से 40 बोरी की आवक पर 9000-10,000 रुपये लोकल लजू के मूल्य पर व्यापार हुआ और आगामी 15 दिनों में आवक बढ़ सकती है। पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल से साप्ताहिक 4 सेे 5 मोटर ग्रीष्मकालीन तिल की बिक्री पर लोकल में 3 प्र. एफ.एफ क्लीन 9000-9200 रुपये, 2 प्र.एफ.एफ कंडीशन 10,100-10,200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। उत्तरप्रदेश के सीतापूर, जलालाबाद, उरई और आस-पास के लाईन में 4 से 5 हजार बोरी की आवक पर 10,800-11,100 रुपये के मूल्य पर व्यापार होकर तमिलनाडू के लिये लदान हुआ। उत्तरप्रदेश के कानपुर और मध्य प्रदेश के ग्वालियर लाईन में हल्लिंग क्वालिटी तिल 11,500-11,600 रुपये तथा 99.98 प्रतिशत और 99.97 प्र. मुंबई, मुंद्रा डिलेवरी हल्लिंग तिल 15,300-15,450 रुपये, गुजरात का 99.1 प्र. ग्रीष्म कालीन सीजन का माल 12,200 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। गुजरात के तिल उत्पादक केन्द्रों पर 10 से 12 हजार बोरी की आवक पर 95.5 प्र. 8500-9500, मिडियम हल्लिंग 10,000-10,100, बढिया 10,875-11,500 रुपये, 98.2 प्रतिशत का 11,200-11,500 रुपये, 99.1 प्र. 12,000- 12,200, सफेद किराना किस्म 13,000-14,000 रुपये, प्रिमीयाम जेड ब्लैक 24,250- 24,750, काला माल 22,750-24,000, एवरेज 16,500-22,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तमिलनाडु के शिवगिरी, मुत्तर, मैलामपाडी लाईन 600-700 बोरी की आवक पर काला तिल लोकल में 16,500-17,000, लाल 10,500-14,650 रुपये, सफेद माल 12,000-14,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तुवर का बंपर उत्पादन-फरवरी में मंदी की संभावना मुंबई ः आगामी सप्ताह से आवक बढने की संभावना है तथा व्यापारिक अनुमानों के अनुसार इस समय गलबुर्गा, बीदर, भालकी,रायचुर, सेडम, चितापुर, कुस्तगी लाइन की सभी मंडियों में मिलाकर दैनिक 80-85 हजार बोरी की आवक हो रही है, जिसमें गुलबर्गा में 5000-5500 बोरी , भालकी में 2000-2500 बोरी की आवक पर लोकल मंडियों मे 6300-7100 रुपये और बढिया क्वालिटी का माल 8400-8750 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर लोकल लूज व्यापार हो रहा है और इस समय इन लाइनों का नया माल देश के दाल मिलों के लिये लदान हो रहा है। महाराष्ट्र के लातुर, औराद लाइन की बढिया तुवर चेन्नई डिलेवरी 8300 रुपये, अहमदनगर लाइन की ग्रेविटी क्लीन 8400 रुपये और मीडियम 8000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के रायलसीमा लाइन में तेज गति से फसल की कटाई का कार्य हो रहा है तथा संक्रांति के बाद आवक बढने की संभावना है। महाराष्ट्र के उत्पाद केंद्रों की मंडियों में प्रतिदिन 50-60 हजार बोरी की आवक हो रही है, जिसमे ंसोलापुर में 75-80 मोटर लातुर में 14-15 हजार, अकोला में 14-15 हजार बोरी की आवक पर सफेद 7700, मारुति 7800, गुलाबी 7900-8000 रुपये, एवरेज क्वालिटी 7600-7900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ है। चेन्नई में लेमन तुवर का मूल्य 6800-6850 रुपये, मुंबई में लेमन 6900, मोजांबिक की गजरी 6300, सफेद किस्म 6500-6550 रुपये, मटवारा 6250-6300, केन्या का सफेद तुवर 6400 रुपये तथा अरुषा 6800-6850 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक की नई तुवर कटनी डिलेवरी 8300-8400 रुपये और तुवर दाल फटका 12800-13000 कर्नाटक की तुवर इंदौर डिलेवरी 8200 तथा महाराष्ट्र की 7900 रुपय के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। नागपुर में फटका दाल 13700-13800, सव्वा नंबर 12800-12900 और लातुर में फटका 13400-13600, सव्वा नंबर 11400-11600 रुपये, अकोला में फटका 12600-13800, सव्वा नंबर 11000-11800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:02 pmमुंबई ः व्यापारिक सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु के विल्लुपुरम, कोविलपट्टी लाईन में उड़द फसल की कटाई तेजी से हो रही है, लेकिन अधिक वर्षा से माल की क्वालिटी दागी हो गयी तथा विल्लुपुरम लाईन में प्रतिदिन 4 से 5 हजार बोरी नये माल की आवक पर 5000-5800 रुपये, बढ़िया माल 7000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर लोकल लूज व्यापार होकर चेन्नई डिलेवरी 6 से 7 प्रतिशत दागी माल 7200 रुपये, आंध्र लाईन का पीयु-31 किस्म 8000, पीयु-37 क्वालिटी 8050 रुपये तथा गुजरात लाईन का टी-9 किस्म 8900 रुपये के मूल्य पर व्यपार हो रहा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार चेन्नई बंदरगाह पर ब्राजील से आयातित उड़द का व्यापार 8900 रुपये के मूल्य पर व्यापार होने के कारण तेजी की संभावना नहीं रहेगी, जिसका प्रमुख कारण आगामी महीने से आंध्र के गुंटूर, प्रकाशम लाईन में रबी सीजन उड़द की आवक की लगातार सप्लाई होने की संभावना है और अब-तक आंध्र की उड़द की फसल को कोई नुकसान नहीं है, इसके अतिरिक्त मार्च महीने तक तेलंगाना, आंध्र लाईन की लगातार माल की सप्लाई रहेगी। गुंटूर लोकल मार्केट में पॉलिश उड़द 50 रुपये घटकर 7850 रुपये, अनपॉलिश 7750 रुपये, उड़द गोटा पॉलिश 11000, एसक्यू 10600 रुपये और एफएक्यू 10350 रुपये, उत्तर प्रदेश के चंदौसी में 7950 रुपये, सारणपुर लाइन में 7650-7700 रुपये, दिल्ली डिलेवरी 8100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र तथा तेलंगाना का उड़द विरुधनगर डिलेवरी 8050 रुपये तथा महाराष्ट्र के सोलापुर में 6100-8300 रुपये, लातूर में 7000-8100 रुपये तथा अकोला में सादा 8000 तथा मध्य प्रदेश के इंदौर में 7500-8000, अशोकनगर, विदिशा, गंजबसौदा लाइनों में 5500-7500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:00 pmमुंबई ः देश के प्रमुख तुवर उत्पादक राज्यों में बंपर उत्पादन के साथ माल की आवक बढने से तुवर दाल के मूल्योें में भारी गिरावट के कारण मूंग दाल की खपत पर प्रभाव पड़ रहा है, जिससे देश के सभी उत्पादक क्षेत्रों में मूल्य स्थिर हो गये हैं, क्योंकि दाल मिलें अपनी आवश्यकता के अनुसार खरीदी कर रही हैं। राजस्थान के नागोर, मेड़ता लाइन का चमकी मूंग चेन्नई डिलेवरी 9400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। राजस्थान के नागोर में 10 हजार बोरी की आवक पर 7200-8000 रुपये, किशनगढ, मेड़ता, सुमेरपुर, केकड़ी , पाली लाइन में 10-12 हजार बोरी की आवक पर लोकल मंडियों में 6000-7800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है और इस समय राजस्थान का नया मूंग उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु दाल मिलों के लिये लदान हो रहा है। राजस्थान की सभी मंडियों मे मिलाकर प्रतिदिन 10-12 हजार बोरी नये मोठ की आवक पर लोकल मंडियों में 4300-4800 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। कर्नाटक के गदग में 7000-8011 रुपये, बीदर में 6050-8300 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ, जबकि महाराष्ट्र के लातुर, उदगीर में 6000-8800 रुपये, गुजरात के राजकोट, जूनागढ में 6000-9000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के पिपरिया, हरदा लाइन में 6000-8700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मेथी में ग्राहकी कमजोर जावरा ः व्यापारिक सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात में अब-तक मेथी की फसल की स्थिति बहुत अच्छी है और अनुकूल मौसम से माल की क्वालिटी बढिया आने की संभावना है और आगामी महीने के मध्य से नया सीजन बकाया स्टॉक के साथ प्रारंभ होने जा रहा है, जिससे नया सीजन में मंदी आने की संभावना से देश के किराणा व्यापारी बिक्री के अनुसार माल की खरीदी कर रहे है, जिससे मंडियों में आवक का पूरा माल बिक्री नहीं होने से पिछले सप्ताह मेथी के मूल्यों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई। मध्यप्रदेश के जावरा मंडी में प्रतिदिन 1500 बोरी मेथी की आवक पर एवरेज माल 5200-5400, मीडियम 5500-5600, बढिया 6100-6500, मोटा दाना 6800-7000, फाफड़ा 7500-8000 रुपये तथा नीमच में प्रतिदिन 1600 से 1800 बोरी की आवक पर एवरेज माल 5100-5200, मीडियम 5400-5500, बढिया 5800-6500, मोटा दाना 6800 रुपये और मंदसौर में 300 से 400 बोरी की आवक पर एवरेज 5000-5200, मीडियम 5400-5600, बढिया 6000-6500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में पिछले एक सप्ताह के दौरान 500 से 600 बोरी की आवक पर एवरेज 4500-5150, मीडियम 5200-5600, बढिया 5650-5900, किराणा क्वालिटी 6000-6250 रुपये तथा राजस्थान के कोटा, मेड़ता, नोखा, रामगंजमंडी लाईन की मंडियों में मिलाकर 800 से 1000 बोरी की आवक पर एवरेज 4500-4600, मीडियम बेस्ट 5000-5200, बढिया 5500-5700 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 12:59 pmहैदराबाद : जानकार सूत्रों के अनसुार देश में खरीफ और रबी सीजन मूंगफली उत्पादन में वृद्धि हो रही है और अभी तक किसानों के पास भारी मात्रा में माल का स्टॉक है और निर्यात की कमजोर मांग से मूल्यों में वृद्धि नहीं हो रही है, लेकिन उत्पादकों को लगभग समर्थन मूल्य के समान मूल्य प्राप्त होने से बुवाई क्षेत्र में वृद्धि कर रहे है। महाराष्ट्र के नांदेड़, हिंगोली, परभणी लाईनों में आगामी फरवरी अंत तक बुवाई का काम प्रारंभ हो जायेगा और नये माल की आवक मई महीने से प्रारंभ हो सकती है तथा अनुमान है कि पानी की भारी उपलब्धता से बुवाई क्षेत्र में वृद्धि हो सकती है।इस समय गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र, तेलंगाना जैसे मूंगफली उत्पादक राज्यों में दैनिक आवक लगभग 4 लाख बोरी के आस-पास हो रही है और ऐसी स्थिति मार्च महीने तक जारी रहने की संभावना है। गुजरात की सभी मंडियों में मिलाकर प्रतिदिन अनुमानित लगभग आवक 50 हजार 60 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश में 60 -70 हजार, राजस्थान में 1 लाख बोरी, मध्य प्रदेश में 60-70 हजार बोरी की आवक पर और आंध्र, तेलंगाना में साप्ताहिक 40 से 50 हजार बोरी एवम् कर्नाटक में साप्ताहिक लगभग 50 से 60 हजार बोरी की आवक हो रही है। आंध्रप्रदेश मे पिछले सप्ताह अदोनी में 8 से 9 हजार, एम्मिगनूर में 6-7 हजार बोरी नये मूंगफली की आवक पर 4500-5900 रुपये तथा कर्नूल में 3 से 4 हजार बोरी, अनंतपुर जिले में 4 से 5 हजार बोरी की आवक पर कदिरी लेपाक्षी 4000-5000, बेस्ट के-6 पी-नट मिक्स क्वालिटी 5000-6500 रुपये एवम् एचपीएस दाना 80-90 काउंट लोकल में 8900-9000,चेन्नई 9500-9600 रुपये, 70-80 काउंट 9,400, 60-70 काउंट 10000-10,100 रुपय, तामिलनाडू के लीय मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह तेलंगाना के वनपर्ती लाईन में 80 से 90 हजार बोरी की आवक पर 5500-7000 रुपये तथा केसमुद्रम, जडचर्ला, महबूबनगर, गदवाल लाईन में मिलाकर लगभग 10 से 12 हजार बोरी मूंगफली की आवक पर 4470-6735 रुपये, वनपर्ती लाईन में एचपीएस दाना 80-90 काउंट लोकल में 9600 रुपये, 70-80 काउंट 9800 रुपये, 60-70 काउंट 10000 रुपये, 60-65 काउंट 10,300 रुपये,60-65 काउंट 10500 रुपये 60-65 90-100 काउंट 9300, कल्याणी 7500 रुपये मूल्य पर व्यापार होकर हैदराबाद, महाराष्ट्र, उत्तरी तेलंगाना के लिये लदान हो रहा है। उत्तर प्रदेश की मंडियो में किसानों का माल 3800-4300 रुपये और मूंगफली दाना 60/70 काउंट 7300 रुपये के मूल्य पर व्यापार होकर गुजरात, महाराष्ट्र एवम् तमिलनाडु के लिये लदान हो रहा है। गुजरात के गोंडल राजकोट,जूनागढ लाईन में 4500-6000 रुपये, राजकोट में 20 नंबर सुपर क्वालिटी सूखा माल 5600-5800, मीडियम 5350-5550, एवरेज 5150-5350 तथा बीटी-39 सुपर क्वालिटी 5500-5985, मीडियम 4500-5000, एवरेज 4250-4500 रुपये एवम् मूंगफली दाना मुंद्रा डिलेवरी बोल्ड नया 50-60 काउंट 7750 रुपये, 40/50 काउंट 7950 रुपये, 38/42 काउंट 8150 रुपये, न्यू बोल्ड 39 किस्म 40-50 काउंट 7950 रुपये, मध्य प्रदेश, उ.प्रदेश का नया टीजे लोकल में 80-90 काउंट में 7000 रुपये, 50-60 काउंट 7850,140-160 काउंट 6800 रुपये मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के धामनोद, नीमच, मंदसोर, रतलाम लाईन में प्रतिदिन 30 से 40 हजार बोरी की आवक पर बढिया 5000-5250, मीडियम 4700-5000, एवरेज 4700-4800 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। कर्नाटक के बेल्लारी, चल्लाकेरे, दावनगेरे, शीरा, यादगिरी, चित्रदूर्ग लाईनों 50-60 हजार बोरी की आवक पर कदिरी लेपाक्षी 4000-5500 रुपये, के-6 किस्म 6000-7000, मूंगफली दाना चेल्लाकेरे में नया एचपीएस दाना 80-90 काउंट 9050-9100 रुपये, 90-100 काउंट 8800-8850 रुपये, 70-80 काउंट 9300-9400 रुपये, कल्याणी 7200-7300, के-6 मिक्सिंग माल 8700-8800 रुपये, 90-100 काउंट 8800-8850 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। राजस्थान के जयपूर, बिकानेर और आस-पास के लाईन में मूंगफली 4700-5100, मूंगफली दाना 40-50 काउंट का 7700 रुपये एवं 50-60 काउंट 7500 रुपये, 60-65 काउंट 7300 रुपये, 60-70 काउंट 7100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। नये ज्वार - बाजरा हैदराबाद ः आंध्र के चागलमर्री, नंदियाल लाईन में नई ज्वार की आवक प्रारंभ होकर प्रतिदिन 1-2 मोटर की आवक पर महेंद्रा किस्म 2400-2600, मिल्क व्हाईट 2000-2300, पीला माल 3500-3700, लाल 2400-2600 रुपये प्रति क्विंटल तथा कर्नाटक के ज्वार उत्पादक केंद्रोंं पर 2 हजार बोरी की आवक पर 2200-2600 रुपये और रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में पिछले एक सप्ताह में आवक घटकर केवल 1 से 2 हजार बोरी ज्वार की आवक पर सफेद किस्म 4400-4500, मीडियम 4200-4350, पीला 2250-2775 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के लातूर में प्रति दिन 2 से 3 हजार बोरी ज्वार की आवक पर 2200-3000 रुपये मूल्य परव्यापार हुआ। बाजरा ः कर्नूल के बाजरा उत्पादक लाईन में प्रतिदिन 1 से 2 मोटर की बिक्री पर 2260-2830 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में प्रतिदिन 600 बोरी बाजरा की आवक पर 2500-3000 रुपये, उत्तर प्रदेश के उत्पादक मंडियों में 10 से 15 हजार बोरी की आवक पर एड़िबुल बाजरा 2400-2450 रुपये महाराष्ट्र के लिये तथा कैटिलफीड़ माल रुपये के मूल्य पर व्यापार होकर पंजाब, महाराष्ट्र के लिये लदान हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 12:58 pmहैदराबाद ः ः उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के उत्पादक लाइनों में वर्तमान रबी सीजन के लिये मटर फसल की स्थिति बहुत अच्छी है तथा आगामी दो सप्ताह बाद नये मटर की आवक प्रारंभ होने का अनुमान है, इसके साथ चना का बंपर उत्पादन होने के अनुमान से मिलर्स आवश्यकतानुसार खरीदी कर रहे हैं, जिससे मूल्य स्थिर हो गया है।मुंबई में कनाडा की आयातित मटर 3500 रुपये तथा मुंद्रा एवं हाजिरा पर 3330-3400 रुपये, कोलकाता में 3500, मुंबई में रूस का आयातित मटर 3400, हजीरा, मुंद्रा में 3250-3330, कोलकाता में 3375-3400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।उत्तर प्रदेश के महोबा में 1300-1400 बोरी की आवक पर सफेद 3200-3250 रुपये, हरा 10000-13000 रुपये, राट में 500 बोरी की आवक पर सफेद 3100-3300 रुपये, ललितपुर में 100-120, झांसी, ओरई लाइन में 400-500 बोरी की आवक पर सफेद 3100-3300, हरा माल 8,000-12,000 रुपये तथा कानपुर में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की मटर 3675 रुपये तथा मध्य प्रदेश में 2400-3125 रुपये तथा हरा माल 6500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 12:56 pmहैदराबाद : देश में 20 दिसंबर तक तिलहनों की बुवाई पिछले वर्ष के 1 करोड़ 89 हजार हेक्टर के मुकाबले घटकर 95 लाख 22 हजार हेक्टर पर हुई, जिसमें सरसों की बुवाई पिछले वर्ष के 93 लाख 73 हजार हेक्टर के मुकाबले 88 लाख 50 हजार हेक्टर तथा मूंगफली की बुवाई 3 लाख 12 हजार हेक्टर के मुकाबले घटकर 2 लाख 89 हजार हेक्टर पर हुई है, लेकिन अनुकूल मौसम से फसल उतारा में वृद्धि होने का अनुमान किया जा रहा है। वर्तमान वर्ष 2024-25 में रबी सीजन के लिये 21 दिसंबर तक कर्नाटक में मूंगफली की बुवाई 1 लाख 08 हजार हेक्टर के मुकाबले 1 लाख 45 हजार हेक्टर पर हुई है। देश के मूंगफली उत्पादक लाईनों में माल की आवक अधिक हो रही है, लेकिन बढ़िया किस्मों की कमी से मूल्यों में 200 से 250 रुपये की वृद्धि हुई।
Updated On: January 8, 2025, 7:49 amहैदराबाद : देश में वर्तमान रबी सीजन के लिये 20 दिसंबर तक पौष्टिक अनाज (मोटे अनाज) की बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 46 लाख हेक्टर के मुकाबले 44 लाख 80 हजार हेक्टर पर हुई, जिसमें जौ की बुवाई 8 लाख 1 हजार हेक्टर के मुकाबले घटकर 6 लाख 62 हजार हेक्टर तथा मक्का की बुवाई पिछले वर्ष के 16 लाख 73 हजार हेक्टर के मुकाबले घटकर 16 लाख 5 हजार हेक्टर पर हुई है। वर्तमान वर्ष 2024-25 में रबी सीजन के लिये 21 दिसंबर तक कर्नाटक में मक्का की बुवाई पिछले वर्ष के 94 हजार हेक्टर के मुकाबले बढ़कर 1 लाख 30 हजार हेक्टर पर हुई है। देश के सभी उत्पादक राज्यों में माल की आवक के मुकाबले इथनाल, पौल्ट्री उद्योग की मांग से मूल्य स्थिर हो गये है।
Updated On: January 8, 2025, 7:48 amहैदराबाद : इस समय देश में मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र, तेलंगाना से नये लालमिर्च की सप्लाई में वृद्धि के बावजूद मूल्यों में अधिक कमी नहीं आ रही है, लेकिन पिसाई कारखानेदारों सहित किराणा व्यापारी अपनी आवश्यक्ता के अनुसार ही माल की खरीदी कर रहे है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार देश में पिसाई कारखानेदारों की बढ़िया लालमिर्च के लिये अच्छी मांग है, जिससे मूल्य मजबूत हो गये, क्योंकि वर्षा होने से और मौसम अधिक ठंड रहने से अनुमान के मुकाबले नये माल की आवक नहीं हो रही है, लेकिन कर्नूल, एम्मिगनूर, प्रकाशम और तेलंगाना के महबूबनगर, गद्वाल लाईनों में फसल कटाई का कार्य तेजी से हो रहा है, लेकिन वर्षा के कारण किसानों के माल की आवक कम रहने से अनुमान है कि आगामी सप्ताह से नये माल की आवक बढ़ सकती है। इस समय गुंटूर मंडी यार्ड में डीलक्स किस्मों की अच्छी मांग है, लेकिन शीतगृहों से मीडियम, मीडियम बेस्ट किस्मों की आवक अधिक हो रही है, जिससे क्वालिटी के अनुसार व्यापार होने के कारण मूल्य स्थिर हो गये तथा अनुमान है कि गुंटूर शीतगृहों में लगभग 25 से 26 लाख बोरी लालमिर्च का स्टॉक है, जिसकी सप्लाई भी फरवरी में बड़ सकती है। पिछले सप्ताह गुंटूर मंडी यार्ड में शीतगृहों से केवल चार दिन के बाजार में गुंटूर से 1 लाख 50 हजार बोरी और आस-पास लाईन के मंडियों से 60 हजार बोरी मिलाकर 2 लाख 10 हजार बोरी की आवक में 1 लाख 85 हजार बोरी की बिक्री हुई। गुन्टूर के शीतगृहों में स्टाक रखी हुई तेजा 12,500-16,000,अधिकतर माल 14,000-15500 रुपये, 355 ब्याडगी 9000-11,500,सिंजेंटा ब्याडगी 5531 किस्म 9000-13,000, डीडी 10,000-13,000 रुपये, 341 किस्म 10,000-15,000 रुपये, नं-5 किस्म 10,000-14,000 रुपये, कुबेरा, 273 किस्म 9000-11,000 रुपये, बढ़िया 334, सुपर-10 किस्म 13,500-14,500, मीडियम, मीडियम बेस्ट 11,500-13,000, आरमुर 10,000-12,000, स्पार्क-शार्क किस्म 12,000-14,500 रुपये, रोमी किस्म 12,500-15,000 रुपये, 2043 ब्याडगी 10,000-12,000,क्लासिक 8000-11,000, बुलेट, बंगारम् 9000-13,500, बीएफ किस्म 6500-8500, तेजा फटकी 7500-8500, साधारण फटकी 3500-6000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर क्वालिटी अनुसार व्यापार हुआ। गुंटूर में पिछले सप्ताह कर्नूल, एम्मिगनूर, प्रकाशम और तेलंगाना के महबूबनगर, गद्वाल लाईनों से 56 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक हुई, जिसमें 52 हजार बोरी की बिक्री हुई और तेजा, 341, डीडी जैसे डीलक्स किस्मों की अच्छी मांग रही, लेकिन बाकी अन्य किस्मों के मूल्य स्थिर रहे। गुंटूर में नई तेजा 13,000-16,000, डिलक्स 16,200-16,300, डीडी 12,000-14,500 रुपये, सिंजेंटा ब्याडगी 5531 किस्म का 10,000-13,000 रुपये, 341 किस्म 13,000-15,000 रुपये, नं-5 किस्म 10,000-13,000 आरमुर, 355 ब्याडगी 10,000-12,000 रुपये, 334, सुपर-10 किस्म 11,000-13,000, स्पार्क-शार्क किस्म 10,000-13,000 रुपये, कुबेरा, 273 किस्म 10,000-12,000, सीड़ मिडियम किस्म 8000-11,000 रुपये, 2073 ब्याडगी किस्म 10000-12000, तेजा फटकी 8000-10,000, डीलक्स 10,500 रुपये, साधारण फटकी 4500-7000, डीलक्स 7500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। खम्मम के शीतगृहों में अब-तक लगभग 4 लाख 39 हजार 700 बोरी लालमिर्च का स्टॉक है, जिसमें पिछले एक सप्ताह के दौरान 3 से 4 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर बढ़िया तेजा 16,011 रुपये, फटकी 7000-8000 रुपये तथा 30-35 हजार बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर बढिया तेजा 16,000, मीडियम 15,000-15,500, फटकी 7000-7500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। वरंगल में पिछले सप्ताह 2 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर तेजा 14,000-16000 रुपये 341 किस्म 12000-14000 रुपये और 25 से 30 हजार बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर बढिया तेजा 13000-15,500, वंडरहॉट 11,000-13,300 रुपये, 341 किस्म 11,500-14,500 रुपये, 5531 किस्म 10,000-12,000 रुपये, अग्नी किस्म 11,000-12,200 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। हैदराबाद में पिछले एक सप्ताह के दौरान महबूबनगर, गदवाल लाईनों से 7 से 8 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर नमी वाली सीड़ क्वालिटी 8000-12,000, तेजा 12,000-16,000, आरमुर किस्म 10,000-12,300 रुपये, 341 किस्म 9000-14,000, ब्याडगी,2043,डीडी किस्म 11000-14,000 रुपये, 273 सिंजेटा 10,000-12,000, तेजा फटकी 6000-8000 रुपये, फटकी 3000-5500 रुपये तथा 2 हजार बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर बढिया तेजा 14,000-15,000, आरमुर 10,500-12,000, सिंजेटा 10,000-12,000, सुपर-10 किस्म 10,000-14,000 रुपये, 341 एवं डीडी किस्म 10,000-13,000 रुपये, 273 किस्म 10,000-12,000 रुपये, बढिया 2043 किस्म 10,000-12,500, सीड़ फटकी 4000-5000, रूपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। कर्नाटक के ब्याडगी में सोमवार व गुरुवार मिलाकर 95 से 1 लाख बोरी नये लालमिर्च की आवक पर ढब्बी 32,000-35,000 रुपये, बढ़िया 5531 किस्म 9500-13,000, केडीएल डीलक्स 28,000-31,000, बेस्ट केडीएल 20,000-24,000 रुपये, मीडियम 9000-11500 रुपये, 2043 किस्म 10,000-13,000 रुपये,डीडी किस्म 12,500-14,000 रुपये 5531 फटकी 5500-7500 रुपये, 2043 एवं केडीएल फटकी 2500-4000 रुपये तथा 30 से 35 हजार बोरी शीतगृहों के माल की आवक में 18 से 20 हजार बोरी की बिक्री हुई, जिसमें ढ़ब्बी 18,000-21,000, मीडियम 16,000-17,000, केडीएल 14,000-16,000 रुपये, 2043 किस्म 10,000-13,000 रुपये, 5531 किस्म 9000-11500, सीड़ फटकी 5000-7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में प्रतिदिन 3 से 4 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर सानिया किस्म 12,000-14,000, रव्वा किस्म 12,500-15,000, मीडियम 9000-11,000, फटकी 3500-6000 रुपये एवम् महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार के दिन 20 से 25 मोटर नये माल की आवक पर तेजा 13,000-15,000, मीडियम 8000-8500, नंदूरबार में प्रतिदिन 4-5 हजार क्विंटल की आवक पर नमी वाली तेजा 3800-4000, मीडियम 3000-3500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्यप्रदेश के बेड़िया में पिछले एक सप्ताह के दौरान 40 से 45 हजार बोरी की आवक पर माही फूलकट 14,500-16,800, मीडियम 8500-11,000, डंडीदार 10,500-13,000, फूलकट फटकी 6500-7500, डंडीदार फटकी 6000-7000 रुपये तथा इंदौर, कुकक्षी, धामनोद लाईन की मंडियों में मिलाकर 10-12 हजार बोरी की आवक पर माही 16,000-16,500, बढिया 18000 डंडीकट 17000-17500, फटकी 5500-6000, मोटी फटकी 4000-4500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। छत्तीसगढ़ के जगदलपूर में पिछले सप्ताह 3 से 4 हजार बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर तेजा 14,000-16,000 रुपये, 4884 किस्म 9000-12,000, तेजा फटकी 7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 8, 2025, 7:48 amउंझा : व्यापारिक सूत्रों के अनुसार दिसंबर वायदा समाप्ती के कारण जीरा के हाजिर और वायदा मूल्यों में गिरावट हुई है, लेकिन अब-तक गुजरात और राजस्थान में बुवाई पिछले वर्ष के मुकाबले कम हुई है और बुवाई का कार्य जारी है, लेकिन अनुमान है कि वर्ष 2025 जीरा व्यापार के लिये लाभदायक बन सकता है। पिछले सप्ताह कमजोर ग्राहकी से जीरा के मूल्यों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई। एनसीडीईएक्स पर जनवरी वायदा पिछले सोमवार के दिन 24,210 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 110 रुपये घटकर 24,100 मार्च वायदा 490 रुपये घटकर 23,340 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह ऊंझा मंडी में 45 से 50 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 20,000-20,550, मीडियम 21,500-22,500, बढ़िया 23,000-23,500 रुपये क्लीन क्वालिटी 24500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह राजकोट में 8 से 10 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 20,500-21,500, मीडियम 21,600-22,000, बढ़िया 22,000-22,500, युरोपीयन 22,550-22,750, किराणा किस्म 22,800-23,000 रुपये तथा गोंडल, हलवड़, जुनागढ, बनासकांटा एवं आस-पास लाईन की मंडियों में मिलाकर 15 से 16 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 21,000-21,500, मीडियम 22,000-22,500, बढ़िया माल 23,000-23,200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। राजस्थान के मेडता, नागोर, पाली, जोधपुर और आस-पास के लाईन में मिलाकर साप्ताहिक 8 से 12 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 21,000-21,300, मीडियम 23,000-23,500, बढिया 24,500-25,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 8, 2025, 7:48 am