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मसूर उत्पादन में वृद्धि ?

मसूर उत्पादन में वृद्धि ? हैदराबाद : भारतीय व्यापारियो की वैश्विक मसूर उत्पादन पर नजर है, क्योंकि अनुकूल मौसम से आगामी वर्ष 2026 के उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। कनाडा के विश्लेषकों के अनुसार मसूर बाजार पर मुख्यतः कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्लैक सी देशों का अधिक है। एग्रीकल्चर कनाडा के अनुसार वर्तमान वर्ष कनाडा में मसूर का उत्पादन 23 लाख 30 हजार टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले कम है, जबकि ऑस्ट्रेलिया में उत्पादन 16 लाख टन हो सकता है एवं ब्लैक सी क्षेत्र में लाल और हरी मसूर मिलाकर 8 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है। तुर्की सांख्यिकी संस्थान के अनुसार वर्तमान वर्ष तुर्की में मसूर की बुवाई पिछले वर्ष के समान हुई, लेकिन तुर्की के दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों में सुखे की स्थिति है, जिसकी उत्पादन क्षेत्र में 90 प्रतिशत की भागीदारी और फसल उतारा मे कमी के कारण उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले 16 प्रतिशत घटकर 3 लाख 40 हजार टन होने का अनुमान है, क्योंकि किसानों के अनुसार फसल उतारा बहुत घटकर प्रति एकड़ 100 से 150 किलो ही आ रहा है। मुंबई में कनाड़ा की आयातित मसूर कंटेनर में 6150-6175 रुपये, मुंद्रा बंदरगाह पर 5950, हाजिरा पर 6000 रुपये तथा कोलकता में कनाडा की 6100 रुपये, ऑस्ट्रेलिया की 6150 रुपये, के मूल्य पर व्यापार हुआ। देश मे दाल-दलहनों के मूल्योें में गिरावट और कुछ क्षेत्रो में वर्षा होने से मंडियो में मसूर की ावक कमजोर पड़ गई है, लेकिन मूल्य स्थिर रहे। मध्य प्रदेश के दमोह में 1500 बोरी अशोकनगर में 300 एवं सागर में 400 बोरी की आवक पर 5900-6200 रुपये तथा मध्य प्रदेश के गंजबसौदा, अशोकनगर, बीना लाइनों में 5500-6100 रुपये तथा इंदौर मंडियों में देसी मसूर 6050-6100 रुपये के मूल्य पर व्यापार होने से स्टॉकिस्ट माल बाहर निकाल रहे है।उत्तर प्रदेश की मंडियों में आवक जारी रहने से पिछले सप्ताह ललितपुर में 300-400, झांसी, महोबा, उरई, मौरानीपुर में लगभग 1700-1800 बोरी की आवक पर 5800-6125, छोटी मसूर 6400-6500 तथा बरेली में बोल्ड 6600 -6650, बारीक 7000-7050 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 9, 2025, 6:12 am
चना स्टाकिस्टो की बिक्री का दबाव

चना स्टाकिस्टो की बिक्री का दबाव हैदराबाद : भारतीय मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान वर्ष मानसून का जल्दी आगमन हो गया और विभाग ने जून से सितंबर के दौरान वर्षा सामान्य (पिछले 50 वर्षो के औसत वार्षिक वर्षा) के मुकाबले 105 प्रतिशत रहने का अनुमान किया है, ऐसी स्थिती में व्यापारियो का अनुमान है, कि देश में आागमी सीजन के लिए चना उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। जानकार सूत्रो के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटक और सीमा पर स्थित आंध्रं तेलंगाना में चने के साथ आकर्षक मूल्यो के कारण तिलहनों में करडी, सूर्यफुल की बुवाई बढ़ सकती है, लेकिन आंध्र तेलंगाना और तमिलनाडु के कुछ जिलो में मूंग उड़द, मक्का जैसे जिसों की बुवाई वर्तमान वर्ष के समान हो सकती, क्योंकि जलाशयो में पानी की कमी नही रहेगी और अधिक वर्षा से भूमि का जल स्तर भी अधिक रहेगा। भारत सरकार ने वर्ष, 2024-25 के लिये देश में चना का उत्पादन 1 करोड़ 13 लाख 40 हजार टन होने का अनुमान किया है, जो पिछले पांच वर्षों के औसत उत्पादन 1 करोड़ 19 लाख 70 हजार टन के मुकाबले कम है, जिससे सरकार को पीली मटर के कर मुक्त आयात की समय अवधि बढाने का दबाव पड़ा है। पिछले सप्ताह मुुंबई बंदरगाह पर आयातित तंजानिया का चना 5550-5575 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ, लेकिन तंजानिया का नया चना अगस्त में आने की संभावना से महाराष्ट्र के स्टॉकिस्ट माल की बिक्री करने से मंदी का रुख रहा एवं पिछले सप्ताह आस्ट्रेलिया का 5675 मुंद्रा बंदरगाह पर 5575 रुपये के मूल्य पर बहुत कम मात्रा में व्यापार हो रहा है। व्यापारिक सूत्रो के अनुसार देश में माल का पर्याप्त स्टॉक है और मटर आयात की कर मुक्त अवधि बढ़ाने से और अन्य दलहनों में कमजोर ग्राहकी से दाल मिलो की खरीदी बहुत धिमी गती से हो रही है। तमिलनाडु में फुटाना दाल तैय्यार करनेवाले कारखानेदार दैनिक आवश्यकता के अनुसार खरीदी कर रहे है, जिससे इरोड डिलेवरी आंध्र का 6350 तथा कर्नाटक का 6450 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ , जबकी महाराष्ट्र के विक्रेता 6300 रुपये पर भी बिक्री के लिए प्रयास कर रहे है, लेकिन पिछले सप्ताह तमिलनाडु की फुटाना मिले केवल आंध्र, कर्नाटक का माल खरीदी कर रही है। महाराष्ट्र के लातुर, में 4 से 5 हजार कट्टे की आवक पर 5200-5550 रुपये अकोला,अमरावती, खामगांव, दरियापुर, कारंजा, हिंगनघाट लाइन में 5200-5500 रुपये, उदगीर लाइन में 5300-5525 रुपये, दुधनी सोलापुर लाइन में मिल क्वालिटी 5100-5700 अन्नागीरी 5800-6000 रुपये, राजकोट में 1500-2000 बोरी की आवक पर देसी चना 5200-5350, कांटा चना 5450-5550 और काबुली 1500 बोरी की आवक पर 7400 -9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में 25-30 मोटर की आवक पर राजस्थान का चना 5775-5800, मध्य प्रदेश का 5700-5750 रुपये एवं मध्य प्रदेश के सभी मंडियों में मिलाकर लगभग 25 से 30 हजार बोरी की आवक पर 4500-5200 रुपये तथा देवास में काबुली 1500 बोरी की आवक पर 700-8900 उज्जैन 7500-8800 तथा इंदौर में डालर 8000-8400 सादा चना 5800-5900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। राजस्थान की मंडियों में 5000-5400 रुपये तथा उत्तर प्रदेश के झांसी, ललितपुर लाईन में 5400-5600 रुपये तथा कर्नूल, कड़पा, चित्तूर, ओंगोल लाईन में जेजे चना 5800-5900 कॉक-2 काबुली 6000-6400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 9, 2025, 6:11 am
ग्रीष्मकालीन मूंग आवक में वृद्धि - खरीफ बुवाई प्रारंभ

ग्रीष्मकालीन मूंग आवक में वृद्धि - खरीफ बुवाई प्रारंभ हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार देश में ग्रीष्मकालीन सीजन के लिये मूंग का रिकार्ड उत्पादन हो रहा है और खरीफ सीजन के लिए बुवाई का काम प्रारंभ हो गया है। केंद्र सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन के लिए के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाकर 8768 रुपये कर दिये जाने से बुवाई में वृद्धि का संकेत मिल रहा है तथा उत्पादन अच्छा होता है, तो 2026 का पुरे वर्ष में 8-10 प्रतिशत से अधिक तेजी नही आएगी। देश में मानसून जल्दी आने से दक्षिण भारत के उत्पादक केंद्रों पर बुवाई कार्य प्रारंभ हो गया है और कर्नाटक में सरप्लस पूर्व मानसूनी वर्षा होने से राज्य में 1 मार्च से 31 मई, 2025 तक बुवाई पिछले वर्ष के 16 हजार 400 हेक्टर के मुकाबले बढकर 16 हजार 600 हेक्टर पर हो गई है तथा बुवाई का काम तेजी से हो रहा है और व्यापारिक सूत्रो के अनुसार उत्तरी कर्नाटक के कलबुर्गी, बीदर, रायचूर लाईन में किसान सोयाबीन की बुवाई धिमी गती से कर रहे है, लेकिन मूंग उड़द की बुवाई तेज गती से कर रहे है जिससे अनुमान हैकि नये सीजन में आवक पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक रहेगी। पिछले सप्ताह आंध्र लाईन का दाल क्वालिटी चेन्नई डिलेवरी 7400 पॉलीश 7650 रुपये, गुजरात के पोरबंदर, वेरावल लाईन का पॉलीश मूंग 8350 रुपये और जबलपुर लाईन का क्लिन माल 7900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। देश के प्रमुख ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पादक राज्यो में लगातार सप्लाई से मूल्य स्थिर होकर जबलपुर, हरदा, होशंगाबाद, रतलाम और आस-पास की लाईनो की सभी लोकल मंडियो में मिलाकर दैनिक 15-20 हजार बोरी की आवक पर 5500-7250 रुपये, गुजरात के राजकोट में दैनिक 5-7 हजार बोरी और अन्य सभी मंडियो में मिलाकर लगभग 15 हजार बोरी मूंग की आवक पर मूल्य घटकर 6000-8000 रुपये तथा मोठ 4000-5400 रुपये और उत्तर प्रदेश के उरई में 5 हजार बोरी की आवक पर 6000-6510 ललितुपर 4-5 हजार बोरी की आवक पर 6000-6300 बढ़िया 6500-7400 के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के लातुर, सोलापुर, जालना लाईन में मिलाकर 700-800 बोरी ग्रीष्मकालीन मूंग की आवक पर मिल क्वालिटी मूंग 6000-7200 रुपये तथा चमकी 7800-8550 रुपये एवं राजस्थान के नागोर, किशनगढ़, जोधपुर, बिकानेर लाईन में 8-9 हजार बोरी की आवक पर सादा मूंग 5300-6200, बढ़िया 6800 -7400 केकडी में 2200-2500 बोरी की आवक पर 6800-7200 रुपये मूंग मोगर 9550-9650 रुपये , जोधपुर में मोठ 4200-4800 रुपये तथा नोखा में 800 बोरी की आवक पर 4500-5000 रुपये तथा जयपुर में मूंग 6600-7500 तथा मूंग दाल 8400-8900 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है।

Updated On: June 9, 2025, 6:08 am
कर्नाटक में तुवर बुवाई प्रारंभ

कर्नाटक में तुवर बुवाई प्रारंभ हैदराबाद : कर्नाटक कृषि विभाग के अनुसार राज्य में पूर्व मानसूनी वर्षा अधिक होने से 31 मई तक ं तुवर की बुवाई पिछले वर्ष के 8800 हेक्टर के मुकाबले 4100 हेक्टर में हुई है तथा उत्तरी कर्नाटक में बुवाई का काम आागमी दो सप्ताह बाद तेज गति से होने का अनुमान है, जिसका प्रमुख कारण केंद्र सरकार द्वारा खरीफ सीजन के लिए तुवर का समर्थन मूल्य 450 रुपये बढ़ाकर 8000 रुपये कर दिया है। व्यापारिक सूत्रो के अनुसार अफ्रीकी देशों में बंपर उत्पादन से भारत में आयात बढ़ने की संभावना से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार की लेमन दो सप्ताह में 55 डालर घटकर 720 डालर प्रति टन प्रस्तावित किया जा रहा है। मुंबई में आयातित लेमन 6350-6400, मटवारा एवम् मोजांबिक सफेद 6150 गजरी 5850,अरूषा किस्म 6250-6300 रुपये एवम् चेन्नई में लेमन में 6400 रुपयेे के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र की तुवर चेन्नई डिलेवरी 7500-7600 रुपये तथा गुजरात लाइन की बीडीएन 7700-7800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ एवं कर्नाटक की तुवर विरुधनगर, सेलम, डिलेवरी लाल 7300 रुपये तथा सफेद 7600 रुपये, कर्नाटक की कटनी डिलेवरी 6800-6850 रुपये, रायपुर डिलेवरी कर्नाटक एवं महाराष्ट्र की 6900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के सोलापुर में प्रतिदिन 12 से 15 मोटर तुवर की आवक पर गुलाबी किस्म 6500-6900, एवरेज 6700-6850 रुपये तथा लातुर में मारुती, सफेद, गुलाबी 6500-6700 रुपये एवम् कर्नाटक के रायचुर, गदग, हुबली, बीदर, सेडम लाइनों में 6500-6700 रुपये, कलबुर्गी में 6000-6900 रुपये तथा गुजरात के राजकोट में 6000-6800 रुपये तथा लातुर फटका 10100-10500 रुपये, सव्वा नंबर 9000-9300, अकोला में फटका 9600-10900, सव्वा नंबर 8600 -9200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 9, 2025, 6:06 am
आंध्र कर्नाटक में मूंगफली बुवाई प्रारंभ -उत्तर में नये माल की आवक

आंध्र कर्नाटक में मूंगफली बुवाई प्रारंभ -उत्तर में नये माल की आवक हैदराबाद : आंध्र के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र रॉयलसीमा का अनंनतपूर जिला देश का सबसे बड़ा मूंगफली उत्पादक माना जाता है और राज्य के 18 लाख 80 हजार हेक्टर मूंगफली बुवाई क्षेत्र में केवल अनंतपुर में लगभग 8 लाख हेक्टर में बुवाई होती है एवं तेल की मात्रा अधिक होने से रायलसीमा के मूंगफली बीज के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में अधिक मांग रहती है। वर्तमान वर्ष जल्दी मानसून आने के साथ लगातार वर्षा होने से किसानों द्वारा सरकारी सब्सिडी दर पर सप्लाई होने वाले मूंगफली बीज से बुवाई प्रारंभ हो गई हैं। कर्नाटक में इस वर्ष मानसून पूर्व वर्षा अधिक होने से बुवाई का काम प्रारंभ हो गया है और कर्नाटक में 1 मार्च से 31 मई, 2025 तक सामान्यतः वर्षा 115 एमएम के मुकाबले लगभग 149 प्रतिशत बढकर 286 एमएम होने से मूंगफली की बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 2600 हेक्टर के मुकाबले बढ़कर 6100 हेक्टर पर हुई है तथा बुवाई का काम तेजी से हो रहा है। यूएसडीए की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में मई के चौथे सप्ताह तक मूंगफली बुवाई निर्धारित क्षेत्र के मुकाबले 69 प्र.क्षेत्र में हो गयी, जो एक वर्ष पूर्व के मुकाबले 4 प्र.अधिक है, तथा वर्जीनिया में 90 प्रतशित होने के बावजूद पिछले वर्ष के मुकाबले 3 प्रतिशत कम है तथा नॉर्थ कैरोलिना, जियोर्जिया और अलबामा भी प्रमुख मूंगफली उत्पादक राज्य है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार वर्ष, 2025-26 के लिए मूंगफली की कटाई मौसम अनुकूल रहने पर सितंबर से होगी तथा 7 लाख 58 हजार हेक्टर में बुवाई होकर अनुमानित उत्पादन 31 लाख टन का हो सकता है। यूरोपीय संघ के मूंगफली आयात में वृद्धि हुई है, जिसमें अर्जेंटिना की भागीदारी एक वर्ष पूर्व के मुकाबले 65 प्रतिशत अधिक हुई है, जबकि चीन यूरोपीय संघ के लिये निर्यात में अमेरिका को पीछे करके दुसरे स्थान पर आ गया है, लेकिन अमेरिका से यूरोपीय संघ के लिए निर्यात में 60 प्रतिशत कमी के बावजूद अमेरिका में मूंगफली की बुवाई तेज गति से हो रही है। अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में 40-50 बोल्ड मूंगफली दाना का मूल्य 1190 डालर, 50-60 बोल्ड1150, 60-70 बोल्ड 1135 डालर, जावा 50-60 का मूल्य 1245 डालर, 60-70 जावा 1160 डालर और 70-80 1165 डालर प्रति टन के आसपास है, ऐसी स्थिति में जावा का मूल्य 10580 रुपये रहने से भारतीय निर्यात में कमी की संभावना रहेगी। पिछले सप्ताह उत्तरप्रदेश में नयेमाल की आवक प्रारंभ होने से मूल्यों में 150 से 200 रुपये की गिरावट हुई है और ईटा, मैनपुरी, माधवगंज और आस-पास लाईन की मंडियों में अबतक 1000-1200 बोरी नये मूंगफली की आवक पर नमी वाला 3600-4500 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है और अनुमान है कि आगामी सप्ताह से आवक में वृद्धि हो सकती है। महाराष्ट्र के परभणी, हिंगोली, नांदेड वाशिम लाईन में पिछले सप्ताह 30 से 35 हजार बोरी की आवक पर 200 से 250 रुपये की गिरावट होकर गुलाबी किस्म 5000-5500, सफेद 5800-5900 रुपये तथा एवं मध्य प्रदेश के नीमच, मंदसोर और आस-पास लाईन में 45 से 50 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया माल 4850-5150, मीडियम 4600-4900, एवरेज 4350-4550 रुपये तथा ओडिशा के बहरामपुर, कटक लाईन में प्रतिदिन 8 से 10 हजार बोरी की आवक पर 5100-5200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तेलंगाना के लोकल मंडियों में मूंगफली 4800-6330 रुपये तथा आंध्र के कर्नूल, आदोनी, अनंतपुर जिले में 5000-6500, मूंगफली दाना चेन्नई डिलेवरी 80/90 काउंट 9400-9500 रुपये, 70-80 काउंट महाराष्ट्र के लिये 9800-10,000 रुपये, 60-70 काउंट 10,500 रुपये, 60-65 काउंट 10,700-10,800 रुपये, 90-100 काउंट 9000-9100, कल्याणी में 7300 चेन्नई के लिये 7500 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। नंदिकोटकूर में एचपीएस दाना 90-100 काउंट 8500 रुपये, 80-90 काउंट 9000 रुपये, 70-80काउंट 9200 रुपये, 60-70 काउंट 10,000 रुपये, 50-60 काउंट 10,700 रुपये, 140-160 काउंट का 7000 रुपये के मूल्य पर व्यापारहुा। कर्नाटक की मंडियों में सप्ताहिक लगभग 6 से 7 हजार बोरी की आवक पर कदिरी लेपाक्षि 4500-5500 तथा चेल्लाकेरे मूंगफली दाना 80-90 काउंट 9400 रुपये, 60-70 काउंट 9800 रुपये, 60-65 काउंट 10, 000 रुपये, 90-100 काउंट 9200, कल्याणी 7700, तमिलनाडु के कोड़ुमुड़ी, बोथपाड़ी लाईन में मूंगफली 6800 -7300 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात की मंडियों में मूंगफली 5000-5400 रुपये क्वालिटी के अनुसार तथा मूंगफली दाना मुंद्रा डिलेवरी 50/60 काउंट 8100 रुपये, 50/55 काउंट 8175 रुये, 40/50 काउंट 8250 रुपये, 38/42 काउंट 8450 तथा टीजे 80-90 काउंट 8250 रुपये, 50-60 काउंट 8550, टीजे क्वालिटी एमपी, युपी लाईन का 80-90 काउंट 8000 ,50-60 काउंट 8350 के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 9, 2025, 6:04 am
आगामी दो वर्षों तक उड़द की लगातार सप्लाई ?

आगामी दो वर्षों तक उड़द की लगातार सप्लाई ? हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार आगामी दो वर्षों तक भारत में उड़द की लगातार सप्लाई जारी रहने की संभावना है, क्योंकि विदेशो में प्रति वर्ष उत्पादन बढ़ रहा है, जिससे भारत में लगातार आयात के साथ घरेलू बढ़ता उत्पादन तेजी को ब्रेक लगाता रहेगा। अफ्रीकी देश तंजानिया ने धारवाड़ के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएसडी) से 24 टन उड़द बीज की खरीदी किया है और आगामी वर्ष के लिये 50 टन का ऑर्डर दिया है। विश्वविद्यालय का बीज सिस्टम मालवी, नेपाल और अन्य देशों को भी आकर्षित कर रहा है तथा विश्वविद्यालय ने भारत में डीएसबी 21 तथा डीएसबी 34 किस्में सहित 550 क्विंटल उड़द बीज बिक्री किया है तथा विश्वविद्यालय सूत्रो के अनुसार वर्तमान वर्ष मूंग और उड़द बीजों की बिक्री में वृद्धि हुई है। कर्नाटक कृषि विभाग के अनुसार राज्य में पूर्व मानसूनी वर्षा अधिक होने से राज्य में 1 मार्च से 31 मई, 2025 तक खरीफ सीजन उडद की बुवाई पिछले वर्ष के 7900 हेक्टर के मुकाबले बढकर 12 हजार 600 हेक्टर पर होने के बाद बुवाई का काम तेज गती से हो रहा है। व्यापारिक सूत्रो के अनुसार म्यानमार में किसानों को उड़द उत्पादन में अधिक लाभ से अनुमानित उत्पादन 10 लाख टन के आस -पास हुआ तथा जिसमें 40 प्रतिशत की बिक्री औ़र अब तक 60 प्रतिशत बकाया स्टॉक, भारत में ब्राजील से और अन्य देशों से आयात हो रहा है और आगामी वर्ष तंजानिया से सप्लाई बढ़ने की संभावना है।भारत में लगातार रबी और ग्रीष्मकालीन उत्पादन बढ़ रहा है और सोयाबीन की मेहरबानी से खरीफ उड़द बुवाई में वृद्धि के संकेत मिल रहे है। अनुकूल मौसम से खरीफ सीजन के दौरान बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के अनुमान एवं आयातित माल की भारी उपलब्धता के कारण मिलर्स की आवश्यकतानुसार खरीदी कर रहे है।अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार उड़द के मूल्य स्थिर होकर एसक्यू उड़द 840-845 डालर और एफएक्यू डिलेवरी 770 डालर प्रस्तावित किया जा रहा है, जिसमें अनुमानित 10 डालर की और भी कमी आ सकती है। चेन्नई में हाजिर में आयातित एसक्यू 7500 एफएक्यू 6725 रुपये, ब्राजील का उड़द 7600-7700 रुपये तथा मुुंबई में एफएक्यू उड़द 6850 तथा कोलकता में 6800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के जबलपुर लाइन का नया ग्रेविटी क्लीन चेन्नई डिलेवरी 7700-रुपये,आंध्र का पीयू 38 किस्म 7300 रुपये तथा गुजरात का टी9 देशी मिक्स 8100 रुपये आंध्र का पॉलिश 7400 रुपये तथा महाराष्ट्र के सांगली, बार्शी तथा सोलापुर लाइन का 7750-7800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के कृष्णा, नंदियाल लाइन में पॉलिश 7300, सादा 7050 तथा प्रोद्युटुर, कड़पा लाइन में पॉलिश 7200 तथा सादा 7000 रुपये तथा मध्य प्रदेश की सभी मंडियो में मिलाकर दैनिक 35-40 हजार बोरी की आवक में केवल जबलपुर में 10-12 हजार बोरी की आवक पर 6000-6700 रुपये, दमोह में 6000-6650 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 9, 2025, 6:02 am
देश में तिल की भारी आवक- मंदी का रुख

देश में तिल की भारी आवक- मंदी का रुख हैदराबाद : जानकार सूत्रों के अनुसार इस समय पूर्वी भारत में नये लाल तिल की दैनिक अनुमानित आवक 15-18 हजार, गुजरात में ग्रीष्मकालीन तिल की 30 से 35 हजार , तमिलनाडु में 15 हजार, आंध्र, तेलंगाना, महाराष्ट्र में 8-9 हजार तथा अन्य उत्पादक राज्यो में 4-5 हजार बोरी सहित लगभग 70-75 हजार बोरी की आवक और स्टॉकिस्ट सामने नही आ रहे है एवं किराणा व्यापारियों की आवश्यकता के अनुसार खरीदी के कारण मंदी का रुख रहा और गुजरात से अन्य राज्यो के लिए सफेद माल 9900-10100 रुपये एवं सॉर्टेक्स 10500 रुपये प्रति क्विंंटल के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। कर्नाटक में 1 मार्च से 31 मई, 2025 तक सामान्यतः वर्षा 115 एमएम के मुकाबले लगभग 149 प्रतिशत अधिक होने से तिल की बुवाई 4700 हेक्टर के मुकाबले 7100 हेक्टर में हुई है और बुवाई का काम जारी है। पश्चिम बंगाल की लोकल मंडियो में लाल तिल 6500-6600, ईरोड़ डिलेवरी 7800- 8000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात में ग्रीष्मकालीन सफेद क्रशिंग तिल 7500-8500 रुपये और 98.2 क्वालिटी 9000-9500 रुपये, 99.1 किस्म का 9750-9900 रुपये, किराणा क्वालिटी 10,000-10,100, काला माल जेड़ ब्लैक 14,250-15,700, एवरेज किस्म 11,500-13,750 रुपये प्रति क्विंटल तथा तमिलनाडु के ईरोड, विरुधनगर, मदुराई, त्रिची लाईन मिल डिलवरी प्रति 75 किलो बोरी 7200 रुपये (टैक्स सहित) व्यापार हो रहा है । तमिलनाडु के शिवगिरी, कोडुमुड़ी, अंतियूर, कल्लाकुर्ची, तिरुकोविलूर और आस-पास के मंडियों में साप्ताहिक 12 से 15 हजार बोरी की आवक पर काला 12,800-13,630, लाल 9900-12,650, सफेद 9800-10,700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के पार्वतीपुरम्, चीपुरुपल्ली, बोब्बिली लाईन में पिछले साप्ताहिक 4 से 5 हजार बोरी की आवक पर 8900-9000 रुपये तथा आंध्र के नरसारावपेट, ओंगोल, कडपा लाईन में पिछले एक सप्ताह में 6 से 7 मोटर की आवक पर लाल तिल 9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।तेलंगाना के निजामाबाद, मेटपल्ली लाईन में पिछले सप्ताह 10 से 15 मोटर की आवक पर 8700-9700 रुपये और महाराष्ट्र के यवतमाल, अर्णी, कारंजा लाईन में सफेद माल 8000-9200 रुपये एंव ग्वालियर में हल्लिंग 8700-8800 रुपये, 99.1 किस्म का 9600-9700और कानपुर एवम् आगरा में हल्लिंग माल 8700-8800 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 9, 2025, 6:01 am
नये मेथी की आवक मे वृद्धि

नये मेथी की आवक मे वृद्धि जावरा : जानकार सूत्रो के अनुसार गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश में होली त्यौंहार के बाद फसल कटाई का काम तेजी से प्रारंभ हुआ है, लेकिन मूल्य कम रहने से माल की बिक्री धीमी गति से कर रहे है, इसके बावजूद तीनों राज्यो में मिलाकर एक सप्ताह में अनुमानित 45 हजार बोरी से अधिक आवक हुई और किराणा व्यापारियो की खरीदी प्रारंभ हो गई है, लेकिन 15 अप्रैल से आवक अधिक होने की संभावना रहेगी। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार नीमच में पिछले सप्ताह 6 से 7 हजार, जावरा में 14 से 15 हजार, मंदसोर में 6 से 7 हजार बोरी एवम् गुजरात में 8 से 10 हजार और राजस्थान में 2 से 3 हजार बोरी की आवक पर नमी वाला 4100-4300, मीडियम 5000-5200, बढ़िया माल 6000-6200, मोटा दाना 6800-7200 रुपये तथा पुराना माल 4800-6200 रुपये एवं जावरा में नया बढ़िया फाफड़ा किस्म 9000-9500, मीडियम 8000-8500 रुपये और राजकोट में एवरेज 4400-5100, मीडियम बेस्ट 5150-5500, बढ़िया माल 5600-6100 रुपये एवं राजस्थान के रामगंजमंडी, कोटा, नोखा लाईनों में नमी वाला माल 4200-4500, सूखा माल 4800-5200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: March 25, 2025, 6:32 am
लालमिर्च की रिकार्ड आवक - स्टाकिस्टो की खरीदी

लालमिर्च की रिकार्ड आवक - स्टाकिस्टो की खरीदी गुंटूर : देश की सभी मंडियो में मिलाकर पिछले एक सप्ताह में लगभग 18 लाख बोरी से अधिक आवक हुई है तथा व्यापारिक सूत्रो के अनुसार आंध्र के मुख्य मंत्री के साथ व्यापारियो और अधिकारियो की बैठक के बाद बढ़िया किस्मो के मूल्यो में अधिक गिरावट को ब्रेक लग गया है , लेकिन अन्य राज्यो के व्यापारियो का अनुमान है कि मूल्यो में लगभग 1000 रुपये की कमी हो सकती है क्योंकि मार्च वार्षिक लेखा जाखा का अंतिम समय है, जिससे बड़े खरीददारो की कमी रह सकती है। पिछले सप्ताह गुंटूर में कर्नूल, एम्मिगनूर, प्रकाशम, गुंटूर, पलनाडु, कृष्णा, भद्राद्री कोत्तागुड़ेम् और नलगोंडा लाईन से लगभग 7 लाख 30 हजार बोरी की आवक पर 6 लाख 60 हजार बोरी की बिक्री हुई, जिसमें सभी मीडियम, मीडियम बेस्ट किस्मों के सहित तेजा फटकी में 500 रुपये, शार्क-स्पार्क, रोमी में 300 रुपये, तेजा में 200 रुपये की गिरावट हुई और बाकी अन्य किस्मों के मूल्य स्थिर रहे, जिससे क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है। खम्मम शीतगृहो में शनिवार तक लगभग 12 लाख 51 हजार 873 बोरी का स्टॉक हुआ, इससे अनुमान हैकि इस वर्ष स्टॉक में वृद्धि हो सकती है। जानकार सूत्रों के अनुसार गुंटूर मंडी में आरमूर, तेजा किस्मों की आवक अधिक हो रही है और बाहरी राज्यों के लिये मांग कमजोर रहने से स्टॉकिस्ट व्यापारियों सहित पावडर कारखानेदारों ने माल की खरीदी करके शीतगृहों में स्टॉक कर रहे है। कर्नूल, एम्मिगनूर और आस-पास के लाईन में तीसरी तु़राई का कार्य तेजी से हो रहा है और बाकी अन्य क्षेत्रो में दूसरी तु़राई का कार्य जारी है तथा डीलक्स किस्मों की आवक कम हो रही है, जबकी मीडियम, मीडियम बेस्ट किस्मों की अधिक आवक हो रही है। गुंटूर में तेजा 11,000-13,500 रुपये, डीलक्स 13,600-13,800, अधिकतर माल 12,000-13,500, डीडी 11,000-13,000 रुपये, 341 किस्म 12,000-14,000, डीलक्स 14, 200-14,500 रुपये, नं-5 किस्म 11, 000-14,000 रुपये, 273, कुबेरा 10, 000 -13,000 334, सुपर-10 किस्म 9000-13,000, आरमुर 10,000-11,000, डील्कस सुपीरियर 11,200-11,300, स्पार्क-शार्क 10,500-12,000, डीलक्स 12,200 रुपये, रोमी 10,500-12,000, डीलक्स 12,200 रुपये, 355 ब्याडगी 11,000-13,500, डीलक्स 13,600-13,800, सिंजेंटा ब्याडगी 5531 किस्म 10,000-12,000 रुपये, 2043 ब्याडगी 12,000-15,000, बंगारम 10,000-11,500, डीलक्स 11,600-12,000, बुलेट 10,000-12,000, डीलक्स 12,500-13,000, क्लासिक 9000-10,500 रुपये, सीड़ मिडियम 7500-10,500, तेजा फटकी 6500-7500, डीलक्स लालकट 8000-10,000, साधारण फटकी 4000-6500, डीलक्स फटकी 7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। दाचेपल्ली में पिछले सप्ताह रविवार को लगभग 10 से 12 हजार बोरी की आवक पर नया तेजा 13,200-13,900, रोमी-26 तथा शार्क किस्म 12,000-12,800, सुपर-10 किस्म 12,000-13,000, आरमुर 10,500-11,000, तेजा फटकी 7000-7500, सुपर-10 फटकी 4000-5000, आरमु़र फटकी 5500-6000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। खम्मम में पिछले सप्ताह के दौरान 3 लाख 55 हजार से 3 लाख 60 हजार बोरी लालमिर्च की आवक पर बढ़िया तेजा 14,000, मीडियम 13,000-13,500 रुपये, फटकी 6000 रुपये एवम् वरंगल मेेंं 2 लाख 50 हजार से 2 लाख 60 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया तेजा (शेष भाग पृष्ठ 2 पर) 14,100, मीडियम 12,500-14,000 रुपये, बढ़िया 341 किस्म 14,000, मीडियम 12,500-13,800 रुपये, वंडरहाट बेस्ट 17,500, मीडियम 13,500-17,000 रुपये, 5531 किस्म 12,000, सी-5 किस्म 12,000-13,500, बढ़िया दीपिका 17,200, मीडियम 15,000-17,000, बढ़िया टमाटा किस्म 28,000, मीडियम 22,000-27,000, सिंगलपट्टी 40,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। हैदराबाद मेेंं एक सप्ताह में लगभग 55 से 60 हजार बोरी की आवक पर महबूबनगर, गदवाल लाईन की तेजा 10,000-13,000, सुपर-10 किस्म 8000-12,000, आरमुर 9000-10,500 रुपये और 341 किस्म 12,000-13,500, बेस्ट 14,000-14,500 रुपये, सी-5 किस्म 12,500-13,000, ब्याडगी 2043 किस्म 11,000-12,000, बेस्ट 13,500 रुपये, ़273, सिंजेंटा किस्म 10,500-11,500, बढ़िया माल 12,000 रुपये, तेजा फटकी 6000-6500, साधारण फटकी 3000-5500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। कर्नाटक के ब्याडगी में शुक्रवार को लगभग 2 लाख 25 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर ढब्बी डीलक्स 29,000-32,000, बेस्ट 21,000-24,000 रुपये, बढ़िया 5531 किस्म 8500-11,000, केडीएल डीलक्स 22,000-25,000, बेस्ट 16,000-19,000 रुपये, केडीएल मीडियम 8000 -10,000 रुपये, 2043 किस्म 11,000-15,000 रुपये, डीडी 12,000-13,500 रुपये, 334, सुपर-10 किस्म 9500-12,500, रुद्रा ब्याडगी 11,000-13, 000, केडीएल मीडियम 8000-10,000 रुपये, 5531 फटकी 4000-6000 रुपये, 2043 तथा केडीएल फटकी 2300-3700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट गोंडल और आस- पास के लाईनो में मिलाकर साप्ताहिक 45-50 हजार बोरी की आवक पर सानिया डीलक्स 8600-9750, मीडियम 7000-8500, रव्वा किस्म 12,500-15,000, देसी पट्टा 22,500-27,500, फटकी 2500-4000 रुपये एवम् छत्तीसगढ़ के जगदलपूर में 14 से 15 हजार बोरी की आवक पर तेजा 13,500-14,000, शार्क-1 किस्म 12,000-12,500, फटकी 7000-7200 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: March 10, 2025, 4:52 am
तीन लाख बोरी से अधिक नया धनिया की आवक

तीन लाख बोरी से अधिक नया धनिया की आवक हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार होली के बाद धनिया के मूल्यो में मंदी का रुख रहेगा, जिससे वायदा मूल्यो पर असर हो रहा है। एनसीडीईएक्स पर धनिया का अप्रैल वायदा सोमवार को 8030 रुपये खुलकर शुक्रवार तक 96 रुपये घटकर 7934 रुपये और मई वायदा 134 रुपये घटकर 8012 रुपये पर बंद हुआ, जिसमें और भी गिरावट हो सकती है, क्योंकि पिछले सप्ताह मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र, तेलंगाना जैसे धनिया उत्पादक लाईन में लगभग 3 लाख 50 हजार बोरी से अधिक नये व पुराने माल की आवक में केवल गुजरात में 2 लाख बोरी से अधिक और राजस्थान मध्य प्रदेश में 1 लाख बोरी से अधिक नये माल की आवक हुई और होली के बाद 17 मार्च से आवक का दबाव बढ़ सकता है औ़र किसान वर्तमान मूल्यो पर माल बेचकर बाहर निकलना लाभदायक मान रहे है। अनुमान हैकि आगामी सप्ताह व्यापारियो की खरीदी कमजोर रहेगी जिससे से धनिया का मूल्यों में 150-200 रुपये की गिरावट हुई। राजस्थान के रामगंजमंडी में एक सप्ताह में 55 से 60 हजार बोरी धनिये की आवक पर बादामी 6600-6800, ईगल 7000-7200, स्कूटर किस्म 7500-7600, मीडियम हरा माल 8200-8500 रुपये एवम् बारन मंडी में प्रतिदिन 1800 से 2000 बोरी नये माल की आवक पर नमी वाला 4000-6000, बादामी 6500-6600 रुपये तथा 400 से 500 बोरी पुराने माल की बिक्री पर बादामी 6300-6400, ईगल 6500-6700 रुपये, जूनागढ़ में क्लीन ईगल 7600, स्कूटर 8600 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्यप्रदेश के नीमच में साप्ताहिक 18 से 20 हजार बोरी नये माल की आवक पर नमी वाला 5500-5800, बादामी 6500-6800, ईगल 7200-7500 तथा हरा माल 8000-9000 रुपये तथा गुना में साप्ताहिक 8 से 9 हजार बोरी नये माल की आवक पर 5000-6500 रुपये तथा 2000 से 2500 बोरी पुराने माल की बिक्री पर बादामी 6500-6700, ईगल 6800-7000 रुपये एवम् कुंभराज में 4 से 5 हजार बोरी की आवक पर नमी वाला 5500-6300 रुपये तथा 1500 बोरी पुराने माल की आवक पर बादामी 6600-6800, ईगल 6900-7100, स्कूटर किस्म 7400-7500 एवम् बिनागंज में 1000 से 1200 बोरी की आवक पर नमी वाला 5000-6100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में पिछले एक सप्ताह में 80 से 85 हजार बोरी नये माल की आवक पर एवरेज 6250-6750, ईगल किस्म 7000-7375, स्कूटर 7250-8125, बढ़िया हरा कलर वाला 8250-8735 रुपये तथा गोंडल में 90 से 95 हजार बोरी नये माल की आवक पर ईगल 7600-7800, स्कूटर किस्म 8000-8500, हरा माल छोटा दाना 9000-11,000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। आंध्र के ओंगोल में बादामी धनिया 3500 रुपये, ईगल और स्कूटर 3600 रुपये तथा नया ईगल 3800, स्कूटर 3900 रुपये (प्रति 40 किलो) के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: March 10, 2025, 4:50 am