मेथी आवक में वृद्धि जावरा : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार राजस्थान , गुजरात, मध्य प्रदेश में मेथी फसल कटाई तेजी से हो रही है और गर्मीके कारण माल सूखा एवं कलर वाला आ रहा है तथा अनुमान हैकि एक सप्ताह में लगभग 70-75 हजार बोरी की आवक हुई तथा अप्रैल में साप्ताहिक एक लाख बोरी आवक होने का अनुमान है । व्यापारिक सूत्रों के अनुसार नीमच में पिछले सप्ताह 14 से 15 हजार, जावरा में 20 से 25 हजार, मंदसोर में 8 से 10 हजार बोरी की आवक पर नमी वाला 3800-4000 रुपये, एवरेज 4600-4800, मीडियम 5000-5500, मीडियम बेस्ट 6200-6500 रुपये, बढ़िया मेथी 7000-8000, फाफड़ा किस्म 8500-9000 रुपये एवम् राजस्थान के रामगंजमंडी, कोटा, नोखा लाईनों में 6 से 7 हजार बोरी की आवक पर नमी वाला 4000-4200, मीडियम 4500-4800, बढ़िया किस्म 5000-5500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: March 31, 2025, 7:32 amतेलंगाना से लालमिर्च, हल्दी, तिल खरीदी की योजना हैदराबाद : अमेरिकी खाद्य पदार्थ की बड़ी कंपनी मैकडॉन्लड्स ्रफ्रेंच फाई और आलू पैटीज के लिये गुजरात से आलू तथा कर्नाटक के चिकमगलुरु से अराबिका कॉफी बीन्स और लाहोल और स्पिति (हिमाचल प्रदेश में), नासिक और ऊटी से सलाद तथा पश्चिम भारत से टमाटर की खरीदी करता है और अब कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ क्रिस कैम्पजिंस्की राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिलकर तेलंगाना से कुछ मसाला वाले जिंसों की खरीदी की योजना के लिए अवगत कराया है। तेलंगाना के अधिकारी सूत्रों के अनुसार कंपनी का राज्य से लालमिर्च, हल्दी और तिल की खरीदी करने की योजना है। तेलंगाना के निजामाबाद में होने वाली आरमूर हल्दी लंबी काड़ी और अधिक कर्कक्युमिन के लिये प्रसिद्ध है और अपनी विशेषताओं के लिये भूभौगोलिक सूचकांक (जीआई) दर्जा प्राप्ति के लिये देख रहा है। खंमम जिले की तेजा लालमिर्च प्रसिद्ध है तथा वरंगल की चपाटा लालमिर्च अधिक ओलियोरेजिन के कारण बढिया कलर के लिये प्रसिद्ध है और इसमें तिखापन कम रहता है।
Updated On: March 31, 2025, 7:31 amतमिलनाडु में नये तिल की आवक प्रारंभ हैदराबाद : जानकार सूत्रों के अनुसार इस वर्ष तमिलनाडु में तिल का उत्पादन कम होने का अनुमान है, लेकिन भारत से निर्यात के बजाय आयात होने से कमजोर उत्पादन के बावजूद मूल्यो में अधिक वृद्धि नही हो रही है। जानकार सूत्रो के अनुसार भारत में वर्ष 2024 जनवरी से फरवरी तक कुल तिल का आयात 40 हजार 351 टनका हुआ, जिसके मुकाबले वर्तमान जनवरी-फरवरी मे 42 हजार 496 टन का हुआ और तमिलनाडु तथा पूर्वी आंध्र में नये माल की आवक प्रारंभ हो गई है और तेलंगाना , गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में अप्रैल अंत या मई से आवक प्रारंभ हो जाएगी। तमिलनाडु के शिवगिरी, कोडुमुड़ी, अंतियूर, कल्लुकुर्ची, तिरुकोविलूर और आस-पास के लाईन में साप्ताहिक 2000 से 2500 बोरी नये तिल की आवक पर काला माल 15,900-19,600, लाल किस्म 13,200-14,600, सफेद 13,500-14,270 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। उत्तर प्रदेश के महोबा में 600-700 बोरी की आवक पर 8500-9500 रुपये तथा झांसी में 7800-8500 रुपये और मध्य प्रदेश के नीमच मंडी में एक सप्ताह में 400 से 500 बोरी की आवक पर 10,800-11,000, मिडियम 10,300- 10,500, एवरेज 9800-10,000 रुपये और ओडिशा के मलकनगिरी लाईन में दागी माल 8000-8500 रुपये एवं पश्चिम बंगाल से साप्ताहिक 4 से 5 मोटर की बिक्री पर 3 प्र. एफ.एफ क्लीन 8500-8600 रुपये, 2 प्र. एफ.एफ कंडीशन 9000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। ग्वालियर में हल्लिंग 10,300-10,400 रुपये, 99.1 किस्म का 10,700-10,900, हल्लिंग क्वालिटी 99.97 किस्म मुंद्रा, मुबंई डिलेवरी 13,850-13,900 रुपये, 99.98 प्रीमियम क्वालिटी 13,950 रुपये तथा कानपुर में हल्लिंग माल 10,400-10,500 रुपये प्रति क्विंटल के अनुसार व्यापार हुआ। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम्, चीपुरुपल्ली लाईन में फसल कटाई प्रारंभ होकर नये माल की छिट पुट आवक हो रही है और नरसारावपेट, ओंगोल लाईन के लोकल मंडियों में 10,000-10,500 रुपये तथा कडपा, बदवेल, पुलिवेंदुला, दुव्वुरु लाईन में प्रतिदिन आवक 3 से 4 मोटर की आवक पर लाल तिल 10,500, सफेद तिल 11,200 रुपये विरुद्धनगर डिलेवरी प्रति 75 किलो बोरी लाल 8200, सफेद तिल 8400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: March 31, 2025, 7:28 amचने पर आयात शुल्क नई दिल्ली : कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दुसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्तमान वर्ष भारत में वर्ष 2023-24 के रबी सीजन में चना उत्पादन 1 करोड़ 10 लाख 40 हजार टन हुआ और 2024-25 में मामूली बढकर 1 करोड़ 15 लाख 40 हजार टन होने का अनुमान किया गया है, लेकिन फसल की स्थिती के देखते हुए कुल उत्पादन 1 करोड़ 21 लाख 60 हजार टन होने का अनुमान है और सरकारी खरीदी के बावजूद मूल्यो में वृद्धि नही होने से वर्तमान रबी सीजन में बंपर फसल से गुरुवार को जारी अधिसूचना के अनुसार 1 अप्रैल से आयातित चने पर पुनः 10 प्रतिशत आयात शुल्क लागू करने का निर्णय लिया गया है। घरेलू सप्लाई में कमी और मूल्यों में वृद्धि से सरकार का आयात शुल्क मुक्त किये जाने से भारत में ऑस्ट्रेलिया और तंजानिया जैसे देशों से चना का बंपर आयात हुआ है, जिससे पर्याप्त उपलब्धता से मूल्यों पर दबाव पड़ा है। सरकार ने चना घरेलू कमी में सुधार और मूल्यों को नियंत्रण के लिये पिछले वर्ष मई से जारी कर मुक्त आयात करने का अवसर समाप्त हो जाएगा तथा इस निर्णय से संकेत मिलता है कि सरकार किसानों को फसल पर बढिया मूल्य प्राप्ति के लिये प्रतिबद्ध है। वर्तमान सीजन के लिये देश में मसूर का उत्पादन एक वर्ष पूर्व के 15 लाख 60 हजार टन के मुकाबले बढकर 16 लाख 40 हजार टन और तुवर का उत्पादन पिछले वर्ष के 33 लाख 10 हजार टन के मुकाबले बढकर 33 लाख 40 हजार टन होने का अनुमान किया गया है।
Updated On: March 31, 2025, 7:26 amनये मेथी की आवक मे वृद्धि जावरा : जानकार सूत्रो के अनुसार गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश में होली त्यौंहार के बाद फसल कटाई का काम तेजी से प्रारंभ हुआ है, लेकिन मूल्य कम रहने से माल की बिक्री धीमी गति से कर रहे है, इसके बावजूद तीनों राज्यो में मिलाकर एक सप्ताह में अनुमानित 45 हजार बोरी से अधिक आवक हुई और किराणा व्यापारियो की खरीदी प्रारंभ हो गई है, लेकिन 15 अप्रैल से आवक अधिक होने की संभावना रहेगी। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार नीमच में पिछले सप्ताह 6 से 7 हजार, जावरा में 14 से 15 हजार, मंदसोर में 6 से 7 हजार बोरी एवम् गुजरात में 8 से 10 हजार और राजस्थान में 2 से 3 हजार बोरी की आवक पर नमी वाला 4100-4300, मीडियम 5000-5200, बढ़िया माल 6000-6200, मोटा दाना 6800-7200 रुपये तथा पुराना माल 4800-6200 रुपये एवं जावरा में नया बढ़िया फाफड़ा किस्म 9000-9500, मीडियम 8000-8500 रुपये और राजकोट में एवरेज 4400-5100, मीडियम बेस्ट 5150-5500, बढ़िया माल 5600-6100 रुपये एवं राजस्थान के रामगंजमंडी, कोटा, नोखा लाईनों में नमी वाला माल 4200-4500, सूखा माल 4800-5200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: March 25, 2025, 6:32 amलालमिर्च की रिकार्ड आवक - स्टाकिस्टो की खरीदी गुंटूर : देश की सभी मंडियो में मिलाकर पिछले एक सप्ताह में लगभग 18 लाख बोरी से अधिक आवक हुई है तथा व्यापारिक सूत्रो के अनुसार आंध्र के मुख्य मंत्री के साथ व्यापारियो और अधिकारियो की बैठक के बाद बढ़िया किस्मो के मूल्यो में अधिक गिरावट को ब्रेक लग गया है , लेकिन अन्य राज्यो के व्यापारियो का अनुमान है कि मूल्यो में लगभग 1000 रुपये की कमी हो सकती है क्योंकि मार्च वार्षिक लेखा जाखा का अंतिम समय है, जिससे बड़े खरीददारो की कमी रह सकती है। पिछले सप्ताह गुंटूर में कर्नूल, एम्मिगनूर, प्रकाशम, गुंटूर, पलनाडु, कृष्णा, भद्राद्री कोत्तागुड़ेम् और नलगोंडा लाईन से लगभग 7 लाख 30 हजार बोरी की आवक पर 6 लाख 60 हजार बोरी की बिक्री हुई, जिसमें सभी मीडियम, मीडियम बेस्ट किस्मों के सहित तेजा फटकी में 500 रुपये, शार्क-स्पार्क, रोमी में 300 रुपये, तेजा में 200 रुपये की गिरावट हुई और बाकी अन्य किस्मों के मूल्य स्थिर रहे, जिससे क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है। खम्मम शीतगृहो में शनिवार तक लगभग 12 लाख 51 हजार 873 बोरी का स्टॉक हुआ, इससे अनुमान हैकि इस वर्ष स्टॉक में वृद्धि हो सकती है। जानकार सूत्रों के अनुसार गुंटूर मंडी में आरमूर, तेजा किस्मों की आवक अधिक हो रही है और बाहरी राज्यों के लिये मांग कमजोर रहने से स्टॉकिस्ट व्यापारियों सहित पावडर कारखानेदारों ने माल की खरीदी करके शीतगृहों में स्टॉक कर रहे है। कर्नूल, एम्मिगनूर और आस-पास के लाईन में तीसरी तु़राई का कार्य तेजी से हो रहा है और बाकी अन्य क्षेत्रो में दूसरी तु़राई का कार्य जारी है तथा डीलक्स किस्मों की आवक कम हो रही है, जबकी मीडियम, मीडियम बेस्ट किस्मों की अधिक आवक हो रही है। गुंटूर में तेजा 11,000-13,500 रुपये, डीलक्स 13,600-13,800, अधिकतर माल 12,000-13,500, डीडी 11,000-13,000 रुपये, 341 किस्म 12,000-14,000, डीलक्स 14, 200-14,500 रुपये, नं-5 किस्म 11, 000-14,000 रुपये, 273, कुबेरा 10, 000 -13,000 334, सुपर-10 किस्म 9000-13,000, आरमुर 10,000-11,000, डील्कस सुपीरियर 11,200-11,300, स्पार्क-शार्क 10,500-12,000, डीलक्स 12,200 रुपये, रोमी 10,500-12,000, डीलक्स 12,200 रुपये, 355 ब्याडगी 11,000-13,500, डीलक्स 13,600-13,800, सिंजेंटा ब्याडगी 5531 किस्म 10,000-12,000 रुपये, 2043 ब्याडगी 12,000-15,000, बंगारम 10,000-11,500, डीलक्स 11,600-12,000, बुलेट 10,000-12,000, डीलक्स 12,500-13,000, क्लासिक 9000-10,500 रुपये, सीड़ मिडियम 7500-10,500, तेजा फटकी 6500-7500, डीलक्स लालकट 8000-10,000, साधारण फटकी 4000-6500, डीलक्स फटकी 7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। दाचेपल्ली में पिछले सप्ताह रविवार को लगभग 10 से 12 हजार बोरी की आवक पर नया तेजा 13,200-13,900, रोमी-26 तथा शार्क किस्म 12,000-12,800, सुपर-10 किस्म 12,000-13,000, आरमुर 10,500-11,000, तेजा फटकी 7000-7500, सुपर-10 फटकी 4000-5000, आरमु़र फटकी 5500-6000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। खम्मम में पिछले सप्ताह के दौरान 3 लाख 55 हजार से 3 लाख 60 हजार बोरी लालमिर्च की आवक पर बढ़िया तेजा 14,000, मीडियम 13,000-13,500 रुपये, फटकी 6000 रुपये एवम् वरंगल मेेंं 2 लाख 50 हजार से 2 लाख 60 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया तेजा (शेष भाग पृष्ठ 2 पर) 14,100, मीडियम 12,500-14,000 रुपये, बढ़िया 341 किस्म 14,000, मीडियम 12,500-13,800 रुपये, वंडरहाट बेस्ट 17,500, मीडियम 13,500-17,000 रुपये, 5531 किस्म 12,000, सी-5 किस्म 12,000-13,500, बढ़िया दीपिका 17,200, मीडियम 15,000-17,000, बढ़िया टमाटा किस्म 28,000, मीडियम 22,000-27,000, सिंगलपट्टी 40,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। हैदराबाद मेेंं एक सप्ताह में लगभग 55 से 60 हजार बोरी की आवक पर महबूबनगर, गदवाल लाईन की तेजा 10,000-13,000, सुपर-10 किस्म 8000-12,000, आरमुर 9000-10,500 रुपये और 341 किस्म 12,000-13,500, बेस्ट 14,000-14,500 रुपये, सी-5 किस्म 12,500-13,000, ब्याडगी 2043 किस्म 11,000-12,000, बेस्ट 13,500 रुपये, ़273, सिंजेंटा किस्म 10,500-11,500, बढ़िया माल 12,000 रुपये, तेजा फटकी 6000-6500, साधारण फटकी 3000-5500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। कर्नाटक के ब्याडगी में शुक्रवार को लगभग 2 लाख 25 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर ढब्बी डीलक्स 29,000-32,000, बेस्ट 21,000-24,000 रुपये, बढ़िया 5531 किस्म 8500-11,000, केडीएल डीलक्स 22,000-25,000, बेस्ट 16,000-19,000 रुपये, केडीएल मीडियम 8000 -10,000 रुपये, 2043 किस्म 11,000-15,000 रुपये, डीडी 12,000-13,500 रुपये, 334, सुपर-10 किस्म 9500-12,500, रुद्रा ब्याडगी 11,000-13, 000, केडीएल मीडियम 8000-10,000 रुपये, 5531 फटकी 4000-6000 रुपये, 2043 तथा केडीएल फटकी 2300-3700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट गोंडल और आस- पास के लाईनो में मिलाकर साप्ताहिक 45-50 हजार बोरी की आवक पर सानिया डीलक्स 8600-9750, मीडियम 7000-8500, रव्वा किस्म 12,500-15,000, देसी पट्टा 22,500-27,500, फटकी 2500-4000 रुपये एवम् छत्तीसगढ़ के जगदलपूर में 14 से 15 हजार बोरी की आवक पर तेजा 13,500-14,000, शार्क-1 किस्म 12,000-12,500, फटकी 7000-7200 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: March 10, 2025, 4:52 amतीन लाख बोरी से अधिक नया धनिया की आवक हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार होली के बाद धनिया के मूल्यो में मंदी का रुख रहेगा, जिससे वायदा मूल्यो पर असर हो रहा है। एनसीडीईएक्स पर धनिया का अप्रैल वायदा सोमवार को 8030 रुपये खुलकर शुक्रवार तक 96 रुपये घटकर 7934 रुपये और मई वायदा 134 रुपये घटकर 8012 रुपये पर बंद हुआ, जिसमें और भी गिरावट हो सकती है, क्योंकि पिछले सप्ताह मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र, तेलंगाना जैसे धनिया उत्पादक लाईन में लगभग 3 लाख 50 हजार बोरी से अधिक नये व पुराने माल की आवक में केवल गुजरात में 2 लाख बोरी से अधिक और राजस्थान मध्य प्रदेश में 1 लाख बोरी से अधिक नये माल की आवक हुई और होली के बाद 17 मार्च से आवक का दबाव बढ़ सकता है औ़र किसान वर्तमान मूल्यो पर माल बेचकर बाहर निकलना लाभदायक मान रहे है। अनुमान हैकि आगामी सप्ताह व्यापारियो की खरीदी कमजोर रहेगी जिससे से धनिया का मूल्यों में 150-200 रुपये की गिरावट हुई। राजस्थान के रामगंजमंडी में एक सप्ताह में 55 से 60 हजार बोरी धनिये की आवक पर बादामी 6600-6800, ईगल 7000-7200, स्कूटर किस्म 7500-7600, मीडियम हरा माल 8200-8500 रुपये एवम् बारन मंडी में प्रतिदिन 1800 से 2000 बोरी नये माल की आवक पर नमी वाला 4000-6000, बादामी 6500-6600 रुपये तथा 400 से 500 बोरी पुराने माल की बिक्री पर बादामी 6300-6400, ईगल 6500-6700 रुपये, जूनागढ़ में क्लीन ईगल 7600, स्कूटर 8600 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्यप्रदेश के नीमच में साप्ताहिक 18 से 20 हजार बोरी नये माल की आवक पर नमी वाला 5500-5800, बादामी 6500-6800, ईगल 7200-7500 तथा हरा माल 8000-9000 रुपये तथा गुना में साप्ताहिक 8 से 9 हजार बोरी नये माल की आवक पर 5000-6500 रुपये तथा 2000 से 2500 बोरी पुराने माल की बिक्री पर बादामी 6500-6700, ईगल 6800-7000 रुपये एवम् कुंभराज में 4 से 5 हजार बोरी की आवक पर नमी वाला 5500-6300 रुपये तथा 1500 बोरी पुराने माल की आवक पर बादामी 6600-6800, ईगल 6900-7100, स्कूटर किस्म 7400-7500 एवम् बिनागंज में 1000 से 1200 बोरी की आवक पर नमी वाला 5000-6100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में पिछले एक सप्ताह में 80 से 85 हजार बोरी नये माल की आवक पर एवरेज 6250-6750, ईगल किस्म 7000-7375, स्कूटर 7250-8125, बढ़िया हरा कलर वाला 8250-8735 रुपये तथा गोंडल में 90 से 95 हजार बोरी नये माल की आवक पर ईगल 7600-7800, स्कूटर किस्म 8000-8500, हरा माल छोटा दाना 9000-11,000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। आंध्र के ओंगोल में बादामी धनिया 3500 रुपये, ईगल और स्कूटर 3600 रुपये तथा नया ईगल 3800, स्कूटर 3900 रुपये (प्रति 40 किलो) के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: March 10, 2025, 4:50 amमध्य मार्च से जीरा की आवक बढ़ने की संभावना हैदराबाद : गुजरात के जीरा उत्पादक केंद्रों पर नये माल की आवक बढ़कर लगभग एक सप्ताह लगभग 4 लाख बोरी तक पहुंच गई है और 17 मार्च से आवक बटकर साप्ताहिक 5 लाख बोरी तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि वायदा बाजार मूल्यो में वृद्धि तथा मई के बाद पिछले दो वर्षो का बकाया स्टॉक बाहर निकलने की संभावना से किसानों द्वारा फसल कटाई के साथ मंडियो में माल की बिक्री कर रहे है और वर्तमान वर्ष माल की क्वालिटी भी बहुत अच्छी आ रही ह, लेकिन इस समय देश के किराणा व्यापारी जल्दी स्टॉक में नही जाना चाहते है, क्योंकि होली के बाद राजस्थान की आवक बढ़ती है और उत्पादन भी अछा हो रहा है, जिसका प्रमुख कारण कई क्षेत्रो में सौंफ की जगह जीरा बुवाई हुई है , जिससे कम से कम 1000 रुपये प्रति क्विंंटल की कमी हो सकती है। पिछले सप्ताह एनसीडीईएक्स पर सोमवार के दिन जीरा का मार्च वायदा 20,950 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 375 रुपये की वृद्धि होकर 21,325 रुपये, अप्रैल वायदा 65 रुपये बढ़कर 20,835 रुपये, मई वायदा 100 बढ़कर 20,750 रुपये पर बंद हुआ तथा अनुमान हैकि मई वायदा 21000 को क्रास करने के बाद घटकर 20,000 रुपये तक पहुंच सकता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान गुजरात के ऊंझा में लगभग 3 लाख बोरी से अधिक की आवक पर एवरेज 18, 000 -18,500, मीडियम बेस्ट 19,500 -21,000, बढ़िया 22,000-23,500 रुपये क्लीन माल 24,500-26,000 तथा 14 से 15 हजार बोरी पुराने माल की बिक्री पर 18,000-19,500 रुपये क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। राजकोट में पिछले सप्ताह लगभग 35 से 40 हजार बोरी नये जीरे की आवक पर नमी वाला माल 18,250-19,125, मीडियम 19,150-19,625, बढ़िया 19,750-20,150 रुपये, युरोप 20,150-20,625, किराणा 20,750-21,300 रुपये तथा 2500 से 3000 बोरी पुराने माल की बिक्री पर 18,000-19,500 रुपये एवम् गोंडल, जामनगर, हलवड़ लाईन में मिलाकर प्रति दिन 15 से 20 हजार बोरी नये माल की आवक पर 17,500-18,500 रुपये बढ़िया 19,500-20500 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ।
Updated On: March 10, 2025, 4:48 amनई हल्दी साप्ताहिक आवक दो लाख बोरी - वायदा में भारी गिरावट हैदराबाद : देश के हल्दी उत्पादक केंद्रों पर हल्दी की आवक तेज गती से बढ़ रही है, क्योंकि उत्पादको का अनुमान हैकि महाराष्ट्र में आवक बढ़ने के बाद मंदी का रुख रहेगा और वायदा में लगातार गिरावट से महाराष्ट्र में एक सप्ताह में अनुमानित 20 हजार बोरी पुराने माल के स्टॉकिस्टो की बिक्री तथा किसानों के नये माल की आवक बढ़ने से सभी उत्पादक केंद्रो पर मिलाकर एक सप्ताह में लगभग दो लाख बोरी से भी अधिक नये माल की आवक हुई, जिसमें केवल निजामाबाद में लगभग 1 लाख 25 हजार, मेटपल्ली में 15-16 हजार बोरी की आवक हुई तथा अनुमान है,कि होली के बाद 17 मार्च से माल की अधिक आवक रहेगी। एनसीडीईएक्स पर सोमवार को हल्दी का अप्रैल वायदा 12,400 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 644 रुपये की गिरावट होकर 11,756 रुपये और मई वायदा 12,236 रुपये खुलने के बाद 436 रुपये घटकर 11,800 रुपये, जून वायदा 12,024 रुपये पर बंद हुआ। तेलंगाना के निजामाबाद में लगभग 1 लाख 25 हजार बोरी नये माल की आवक पर काडी 10,000-12,400, गठ्ठा 8000-9500 रुपये, पॉलीश काड़ी 12,500-12,800, गट्ठा 11,200-11,500 रुपये तथा मेटपल्ली में 15 से 16 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 8500-11,000, गट्ठा 7000-9500 रुपये एवम् आंध्र के दुग्गिराला में एक सप्ताह में 250 से 300 बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी व गट्ठा 9700-9800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के बसमतनगर में पिछले सप्ताह के दौरान 500 से 600 बोरी नये माल की आवक पर काड़ी व गट्ठा 10,000-11,500 रुपये तथा 8 से 10 हजार बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी 10,500-12,000, गट्ठा 10, 000 -11,000 रुपये और हिंगोली में 1000 से 1200 बोरी नये माल की आवक पर काड़ी 11,000-12,000, गट्ठा 10, 000 -11,200 रुपये तथा 6 से 7 हजार बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी 11,000-12,200, गट्ठा 10,500-11,000 रुपये तथा सांगली में 60 से 65 हजार बोरी नये माल की आवक पर काड़ी व गट्ठा 12,000-13,500, कड़पा क्वालिटी 13,000-13,500 रुपये तथा नांदेड़ में साप्ताहिक 3 हजार बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी 11,500-13,000, गट्ठा 11,200-12,300 तथा सांगली में निजामाबाद लाईन का नया काड़ी व गट्ठा 10,500-12,500 रुपये तथा ओड़ीशा के बरहमपुर में प्रतिदिन लगभग 200 से 250 बोरी नई हल्दी की आवक पर काड़ी 9500, पालीश काड़ी 9800-10,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। तमिलनाडु के ईरोड़ में लगभग 18 से 20 हजार बोरी नये माल की आवक पर काड़ी 10,549-13,954, गट्ठा 9055-12,511 रुपये तथा पुरानी काड़ी डंक वाला माल 6169 रुपये, बढ़िया माल 12,659, गट्ठा हल्का माल 5011, बढ़िया माल 11,458 रुपये तथा पेरुंदुरै में 1700 से 1800 बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी 7245-12,555, गट्ठा 6388-11,459 रुपये, नई काड़ी 10,019-13,055, गट्ठा 8250-11,599 रुपये एवम् गोबीचेट्टी पालयम में काड़ी 11,699-13,042, गट्ठा 10, 600-11,042 तथा पुरानी काड़ी व गट्ठा 8900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: March 10, 2025, 4:45 amअप्रैल-जून में खाद्य तेलों पर मंदी के बादल ? मुंबई : चीन द्वारा अमेरिका से सोयाबीन आयात पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाये जाने के साथ अप्रैल-जून तिमाही के दौरान खाद्य तेल के मूल्यों पर दबाव बने रहने का अनुमान है। अदानि विलमर के सूत्रों के अनुसार अप्रैल-जून में खाद्य तेल के मूल्य कम रहने का अनुमान है, क्योंकि सस्ते आयातित खाद्य तेल मार्च के तीसरे सप्ताह में पहुंचेगा और अप्रैल से बिक्री प्रारंभ होगी, जिससे वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम तिमाही में मूल्य निचले स्तर पर स्थिर हो सकता है। औद्योगिक सूत्रों के अनुसार अप्रैल में खाद्य तेल का मूल्य वर्तमान के मुकाबले 4 प्रतिशत कम हो सकता है या 4 रुपये प्रति किलो की गिरावट का अनुमान है, क्योंकि आयात लागत वर्तमान के 150-155 रुपये प्रति किलो के मुकाबले कम पड़ेगा। चीन के निर्णय से पिछले तीन दिनों में वैश्विक सोया तेल के सोयाबीन तेल का मूल्य तीन दिन पूर्व 1150 डालर प्रति टन था, जो घटकर 1100 डालर प्रति टन हो गया है, जिससे पिछले तीन दिनों में सूर्यफूल तेल का मूल्य 1190 डालर के मुकाबले घटकर 1150 डालर और पाम तेल का 1240 डालर से घटकर 1200 डालर प्रति टन हो गया, लेकिन मलेशिया में पाम तेल के कम उत्पादन से शुक्रवार को पाम तेल के मूल्योें में मजबूती रही। भारत अमेरिका से सोयाबीन तेल का अधिक मात्रा में आयात नही करता है, लेकिन चीन की घोषणा से बाजार में निगेटिव प्रभाव पड़ा है और पूरे खाद्य तेल उत्पादों के मूल्यों में गिरावट हुई है। सूत्रों के अनुसार भारत में सरसों का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है, जिससे भी मूल्यो पर दबाव पड़ेगा, लेकिन वैश्विक पर किसी भी प्रकार से मूल्यों में मजबूती आने पर ही घरेलू बाजार को समर्थन मिलेगा। सूत्रों के अनुसार अमेरिका ब्राजील के बाद विश्व का दुसरा सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक और निर्यातक देश है तथा अमेरिकी तिलहन उत्पादन में सोयाबीन की भागीदारी 90 प्रतिशत से अधिक है। चीन के आयात शुल्क में वृद्धि अमेरिकी सोयाबीनआयात में कमी आएगी तथा वैश्विक बाजार में सोया बीन की उपलब्धता में वृद्धि होगी, जिससे खाद्य तेल के मूल्यों पर दबाव पड़ा है। अदानि विलमर सूत्रों के अनुसार अप्रैल-जून में खाद्य तेल के मूल्य कम रहने का अनुमान है, क्योंकि सस्ते आयातित खाद्य तेल मार्च के तीसरे सप्ताह में पहुंचेगा और अप्रैल से बिक्री प्रारंभ होगी, जिससे वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम तिमाही में मूल्य निचले स्तर पर स्थिर हो सकता है। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुमान अनुसार वर्ष, 2024-25 के दौरान अमेरिका में सोयाबीन का उत्पादन एक वर्ष पूर्व के मुकाबले 10.1 प्रतिशत बढकर 11 करोड़ 88 लाख 30 हजार टन होने का अनुमान है। भारत वार्षिक 2 करोड़ 20 लाख से 2 करोड़ 30 लाख टन खाद्य तेल का उपयोग करता है, जिसमें से 1 करोड़ 45 लाख से 1 करोड़ 50 लाख टन आयात करके पूरा करता है, जिसमें से पाम तेल का आयात 90 लाख टन और सोयाबीन और सूर्यफूल तेल का प्रत्येक का 25-30 लाख टन करता है।
Updated On: March 10, 2025, 4:42 am