धनिया में तेजी की संभावना कमजोर हैदराबाद : जानकार सूत्रो के अनुसार देश में माल का पर्याप्त स्टॉक है और निर्यात कमी एवं बुल्गारिया से आयात के कारण तेजी को ब्रेक लग गया है तथा तेजी की संबावना नजर नही आ रही है, क्योंकि आगामी दो माह बाद छोटे स्टॉकिस्टो की बिक्री प्रारंभ हो जाएगी और दक्षिण भारतीय व्यापारियो की सामान्य खरीदी के मुकाबले सप्लाई बढ़ने की संभावना रहेगी। एनसीडीईएक्स पर पिछले सप्ताह सोमवार के दिन धनिया का जून वायदा 7132 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 132 घटकर 7000 रुपये,जुलाई वायदा 124 घटकर 7036 रुपये पर बंद हुआ। रामगंजमंडी में पिछले सप्ताह 16 से 17 हजार बोरी की आवक पर बादामी 6600-6750, ईगल 6800-7050, स्कूटर 7200-7300 रुपये, बादामी हैदराबाद डिलेवरी 7700, ईगल 7900, स्कूटर किस्म डबल फिल्टर 8600 रुपये जीएसटी सहित तथा तमिलनाडु के लिये बादामी बिल्टी प्रति 40 किलो बोरी 3475, ईगल 3575, स्कूटर 3650-3725 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। कोटा, बारन, गंगापुर और आस-पास की मंडियों में मिलाकर 14 से 15 हजार बोरी की आवक पर बादामी 6400-6600, ईगल 6700-6800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के नीमच, कुंभराज, गुना, बीनागंज, मंदसोर और अन्य मंडियों में मिलाकर एक सप्ताह में 60 से 62 हजार बोरी की आवक पर बादामी 6300-6500, ईगल 6600-6900, स्कूटर 7200-7600 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। आंध्र के ओंगोल में नया बादामी धनिया 3310 रुपये, ईगल 3360 रुपये, स्कूटर 3400 रुपये तथा शीतगृहों का बादामी 3300 रुपये (प्रति 40 किलो) के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के गोंडल में एक सप्ताह में 40-45 हजार बोरी की बिक्री पर ईगल 6400 - 6500, ईगल प्लस 6700-6900, बढ़िया माल 7100-8200 रुपये तथा राजकोट में 6 से 7 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 5750 -5875, बादामी 5950-6150, ईगल 6250-6400, ईगल प्लस 6500-6700 स्कूटर 6750-7000, हरा 7200-8300, जूनागढ़ में क्लीन ईगल 7000, स्कूटर 7800 रुपये, जामनगर, जामजोधपुर और आस-पास की मंडियों में मिलाकर पिछले सप्ताह 10 से 12 हजार बोरी की आवक पर बादामी 6500-6600, ईगल 6700-7000, स्कूटर 7100-7600, कलर 8000-9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 16, 2025, 6:09 amतुवर बुवाई प्रारंभ -आंध्र में सरकारी खरीदी जून तक हैदराबाद : कर्नाटक कृषि विभाग अनुसार वर्तमान वर्ष अनुकूल मौसम के साथ सामान्य मानसून निर्धारित समय से पूर्व वर्षा प्रारंभ होने से खरीफ सीजन बुवाई जल्दी प्रारंभ हुई है और तुवर के लिए बुवाई लक्ष्य 16 लाख 80 हजार हेक्टर निर्धारित किया गया है तथा 6 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के 35 हजार 600 हेक्टर के मुकाबले 16 हजार 600 हेक्टर पर हुई है, लेकिन बुवाई के लिए समय बाकी है। देश में किसानों और व्यापारियो के पास माल का भारी स्टॉक और विदेशी निर्यातक लगातार मूल्य घटाकर प्रस्तावित कर रहे है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जनवरी प्रथम सप्ताह में नये लेमन तुवर के लिए मार्च लोडिंग कंडीशन 785 डालर का मूल्य प्रस्तावित किया गया था और अब तक 85 डालर घटकर 700 डालर तक पहुंच गया है और अनुमान हैकि इसमें और बी कमी आ सकती है।पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तुवर की खरीदी अवधि बढाकर 26 जून तक कर दिया है, क्योंकि देश में देसी और आयातित माल की पर्याप्त उपलब्धता से मूल्य लगातार निचले स्तर पर बना हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार की लेमन दो सप्ताह में 20 डालर घटकर 700 डालर प्रति टन प्रस्तावित किया जा रहा है , जिससे मुंबई में आयातित लेमन 175 रुपये घटकर 6100-6125, मटवारा एवम् मोजांबिक सफेद 5700 गजरी 5750, सुडान की 6300 रुपये एवम् चेन्नई में लेमन में 6100 रुपयेे के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र की अनक्लीन तुवर चेन्नई डिलेवरी जनवरी से अब तक 700 रुपये घटकर 7350 रुपये, ग्रेविटी क्लीन 7700 रुपये तथा गुजरात लाइन की बीडीए 2 किस्म 7600 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ एवं कर्नाटक की तुवर विरुधनगर, सेलम, डिलेवरी लाल 7200 रुपये तथा सफेद 7500 रुपये, कर्नाटक की कटनी डिलेवरी 6900-7000 रुपये, रायपुर में डिलेवरी 6700-6725 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के सोलापुर में प्रतिदिन 15 से 16 मोटर तुवर की आवक पर गुलाबी किस्म 5800-6650, एवरेज 6400-6600 रुपये तथा लातुर में मारुती, सफेद, गुलाबी 6200-6530 तथा गुजरात के राजकोट, दाहोद लाइनों में मीडियम तुवर 5100-5300 रुपयेे एवम् कलबुर्गी में 6000-6500 रुपये तथा फटका दाल 9100- 9200 बढ़िया 9800, सव्वा नबंर 8400-8800, लातुर अकोला, नागपुर,लाइनों में फटका 9300-9600 रुपये, सव्वा नंबर 8600 -8900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 16, 2025, 6:09 amमेथी में मंदी का रुख नीमच : अनकूल मौसम से गुजरात, राजस्थान मध्य प्रदेश किसानों की बिक्री बढ़ रही है. जिससे सभी मंडियो में मिलाकर साप्ताहिक 55-60 हजार बोरी की आवक और किराणा व्यापारी इस समय सभी जिसों में मंदी को देखते हुए आवश्यकता के अनुसार खरीदी के कारण मंदी का रुख रहा और अनुमान हैकि 2026 में भी अधिक तेजी नही आएगी, ऐसी स्थिती में ट्रेडिंग व्यापार लाभदायक बन सकता है। पिछले एक सप्ताह में नीमच में लगभग 8 से 9 हजार, जावरा में 10 से 12 हजार, मंदसोर में 3-4 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 4000-4200, मीडियम 4500-4600, मीडियम बेस्ट 5000-5500, बढिया 6000-6200 बढ़िया फाफड़ा 9000-9500 रुपये, मीडियम 8000-8500 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। राजस्थान के रामगंजमंडी, कोटा, नोखा लाईन में मिलाकर एक सप्ताह में 5 से 6 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 4000-4200, मीडियम 4500-4700, बढ़िया माल 5800-6000 रुपये एवं गुजरात के राजकोट में 5 से 6 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 4150-4900, मीडियम 4950-5750, बढ़िया किराणा किस्म 5800-6250 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ।
Updated On: June 16, 2025, 6:08 amआयातित उड़द में मंदी की लहर- बुवाई प्रारंभ हैदराबाद : अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार का एसक्यू उड़द का मूल्य जनवरी में 885 डालर का मूल्य रहा और अब तक 50 डालर की गिरावट के साथ 835 डालर और एफएक्यू जनवरी से अब तक 30-35 डालर घटकर 760 डालर प्रति टन तक पहुंच गया है।भारत में विदेशी माल का लगातार आयात घरेलू रबी और ग्रीष्मकालीन उत्पादन की सप्लाई तथा आगामी अगस्त अंतिम सप्ताह तक खरीफ सीजन प्रारंभ होने का अनुमान के साथ वर्तमान में दाल मिलो की सामान्. खरीदी तेजी को ब्रेक लगा रही है। कर्नाटक कृषि विभाग अनुसार के अनुसार खरीफ सीजन उड़द बुवाई के लिए 77 हजार हेक्टर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा 6 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के 12 हजार हेक्टर के मुकाबले 28 हजार 700 हेक्टर पर हो गई है ऐसी स्थिती में व्यापारियो का अनुमान हैकि इस वर्ष बुवाई निर्धारित लक्ष्य को क्रास कर सकती है।चेन्नई में हाजिर में आयातित एसक्यू 125 रुपये घटकर 7375 एफएक्यू 6600 रुपये, ब्राजील का उड़द जनवरी से अब तक 500 रुपये घटकर 7600 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।मध्य प्रदेश के जबलपुर लाइन का नया ग्रेविटी क्लीन चेन्नई डिलेवरी 7500-7600 रुपये,आंध्र का पॉलिश उड़द 7400 रुपये, पीयू 38 किस्म 7150 रुपये तथा गुजरात का टी 9 देशी मिक्स 7700 आंध्र का पॉलिश 7400, सांगली, सोलापुर लाइन का 7600 , आंध्र के कड़पा कृष्णा, नंदियाल प्रोद्युटुर, लाइन में पॉलिश 7200, सादा 6900 -7000 रुपये तथा मध्य प्रदेश की मंडियो में दैनिक 25-30 हजार बोरी की आवक में केवल जबलपुर में 4-5 हजार बोरी की आवक पर 5800-6700, दमोह में 6000-6650 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 16, 2025, 6:07 amतिल स्टॉकिस्टो को भारी नुकसान हैदराबाद : देश में रबी और ग्रीष्मकालीन तिल के बंपर उत्पादन और वर्तमान में महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल में किसानों के माल की रिकार्ड आवक तथा अगामी दिनों में कर्नाटक से नये माल की आवक प्रारंभ होने की संभावना से छोटे स्टॉकिस्टो की बिक्री और कारखानेदारो के पास प्रचुर मात्रा में माल का स्टॉक होने से आवक के मुकाबले खपत नही होने से मूल्यो में भारी कमी होने से स्टॉकिस्टो को नुकसान हो रहा है। कर्नाटक कृषि विभाग अनुसार वर्तमान वर्ष अनुकूल मौसम खरीफ सीजन तिल के लिए 20 हजार हेक्टर पर बुवाई लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमे 6 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के 6800 हेक्टर के मुकाबले 7900 हेक्टर पर हुई है। पश्चिम बंगाल में पिछले एक सप्ताह के दौरान 15 से 20 हजार बोरी की आवक पर लोकल मंडियो में लाल 5500-6500, मैक्रो क्लीन 36 प्रतिशत तेल कंडीशन ईरोड़ डिलेवरी 7500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात में साप्ताहिक 55-60 हजार बोरी ग्रीष्मकालीन तिल की आवक पर हल्लिंग क्वालिटी 7500-8250, 98.2 किस्म 8750-9250 रुपये, 99.1 किस्म 9450-10,000 रुपये, किराणा क्वालिटी 10,750-11,250, काला माल प्रीमियम क्वालिटी 16,000-16,500, जेड़ ब्लैक 15,000-16,000, एवरेज किस्म 12,000-14,750, मिल क्वालिटी 6500-8500 रुपये प्रति क्विंटल तथा तमिलनाडु के ईरोड, विरुधनगर, मदुराई, त्रिची लाईन डिलवरी प्रति 75 किलो बोरी 7200 रुपये (टैक्स सहित) व्यापार हो रहा है । तमिलनाडु के शिवगिरी सहित सभी उत्पादक लाईनो में मिलाकर साप्ताहिक 8 से 10 हजार बोरी की आवक पर काला तिल 10,600-14,700, लाल 10,200-14,400, सफेद 9300-12,700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पूर्वी आंध्र के पार्वतीपुरम्, चीपुरुपल्ली लाईन में साप्ताहिक 700 से 800 किंटल की आवक पर 6500-8000 रुपये तथा आंध्र के नरसारावपेट, ओंगोल लाईन में लाल तिल 7000-8200 रुपये एवम् तेलंगाना के निजामाबाद, मेटपल्ली लाईन में पिछले सप्ताह 1000-1200 बोरी की आवक पर रेनटच क्वालिटी 7500-9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के यवतमाल, कारंजा लाईन में पिछले सप्ताह 1000-1500 बोरी की आवक पर सफेद रेनटच 7500-8500 रुपये एंव ग्वालियर, कानपुर, आगरा लाईनों में हल्लिंग 8600-8700 रुपये, 99.1 किस्म का 9400-9500 रुपये, 99.97 किस्म मुंद्रा, मुंबई डिलेवरी 11,900-11,950 रुपये, 99.98 प्रमियम क्वालिटी 12,000-12,050 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 16, 2025, 6:03 amदक्षिण भारत में खरीफ सीजन मूंगफली बुवाई प्रारंभ हैदराबाद : जानकार सूत्रो के अनुसार दक्षिण भारत के प्रमुख मूंगफली उत्पादक राज्य आंध्र, तेलंगाना और कर्नाटक में पूर्व मानसून वर्षा से बुवाई का कार्य प्रारंभ हो गया है और राज्य में खरीफ सीजन के लिए निर्धारित लक्ष्य 3 लाख 6 हजार हेक्टर में 6 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 18 हजार 400 हेक्टर के मुकाबले 18 हजार 200 हेक्टर पर हुई है, इसी प्रकार आंध्र के अनंतपूर जिले में बुवाई कार्य जारी है लेकिन आगामी 15 जून के बाद बुवाई बढ़ने की संभावना रहेगी। केंद्र सरकार का किसानों को फसल पर उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिये रियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन सीजन सहित 50 हजार 750 टन मूंगफली खरीदी करने का अनुमोदन कर दिया है उत्तरप्रदेश के मैनपुरी, एटा और आस-पास लाईन में प्रतिदिन 3 से 4 हजार बोरी नये मूंगफली की आवक पर 5000-5800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है और अनुमान है कि आगामी सप्ताह से आवक में वृद्धि होने की संभावना है। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के मराठवाडा लाईन में 20 से 25 हजार बोरी नये माल की आवक पर 5000-5400, विदर्भ के अकोला ,अमरावती, वाशिम लाईन में 15 से 20 हजार बोरी की आवक पर बेस्ट 5200-5400, मीडियम 5000-5100, एवरेज 4400 -4500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के नीमच, मंदसोर और आस-पास लाईन में 45 से 50 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया माल 5000-5250, मीडियम 4800-5000, एवरेज 4400-4700 रुपये तथा ओडिशा के बहरामपुर, कटक लाईन में 5200-5500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के कर्नूल, आदोनी, अनंतपुर जिले में बढ़िया मूंगफली 6000-6500, मीडियम 4000-5000, मूंगफली दाना चेन्नई डिलेवरी 80/90 काउंट 9500-9600 रुपये,कल्याणी 7500 से 7700 रुपये महाराष्ट्र के लिये 70-80 काउंट 9900-10,000 रुपये, 60-70 काउंट 10,600 रुपये, 60-65 काउंट 10,750-10,800 रुपये, 90-100 काउंट 9200-9300, कल्याणी में 7500 चेन्नई के लिये 7700 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। कर्नाटक की मंडियों में सप्ताहिक लगभग 7 से 8 हजार बोरी की आवक पर कदिरी लेपाक्षि 5500-6500, पी-नट 6500-7300 तथा चेल्लाकेरे मूंगफली दाना 80-90 काउंट 9300 रुपये, 60-70 काउंट 9700 रुपये, 60-65 काउंट 9900-10,000 रुपये, 90-100 काउंट 9100, कल्याणी 7750 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात की मंडियों में मिलाकर पिछले एक सप्ताह में लगभग 55 से 60 हजार बोरी की आवक पर जी-20 किस्म मूंगफली 5400-5500, मीडियम 5250-5300, एवरेज 5100-5200 रुपये क्वालिटी के अनुसार बी-28 किस्म बेस्ट 5400-5550, मीडियम 5350-5400, एवरेज 5150-5250 रुपये तथा मूंगफली दाना मुंद्रा डिलेवरी 50/60 काउंट 8300 रुपये, 50/55 काउंट 8375 रुये, 40/50 काउंट 8450 रुपये, 38/42 काउंट 8650 तथा जावा 80-90 काउंट 9300 रुपये, 50-60 काउंट 10,300, टीजे 80-90 काउंट 8900 रुपये, 50-60 काउंट 9200 के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 16, 2025, 6:02 amमक्का रिकार्ड बुवाई की संभावना हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार वर्तमान वर्ष उत्पादन में वृद्धि और समर्थन मूल्यो के मुकाबले बाजार मूल्य कम रहने के बावजूद आगामी खरीफ सीजन में रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। पूर्वी भारत के आसाम, बंगाल, बिहार, झारखंड राज्यो में मिलाकर दैनिक 80-90 हजार बोरी की आवक पर लोकल मंडियो में 1900-2150 रुपये एवं उत्तर प्रदेश के माधवगंज,एटा, मैनपुरी लाईन में प्रतिदिन 6 से 7 हजार बोरी की आवक पर 2050-2100 रुपये के मूल्य पर लोकल लूज व्यापार हो रहा है। कर्नाटक के चेल्लाकेरे, दावणगेरे, कुष्ठगी, बल्लारी लाईन में साप्ताहिक 45 से 50 हजार बोरी की आवक पर 2250-2400 रुपये, सालुरु, पार्वतीपुरम्, चीपुरुपल्ली, विजयनगरम् लाईन में 10 से 15 मोटर की बिक्री पर लोकल में 2100-2150, हनुमानजंक्शन डिलेवरी 2280-2350, राजमहेंद्री डिलेवरी 2270-2300 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के अनंतपुर जिले में प्रतिदिन 20 से 25 मोटर की आवक पर 2300-2350 रुपये के मूल्य पर व्यापार होकर बंगलूर, चित्तूर के लिये लदान हो रहा है। तेनाली, चीराला, सातुलूरु, नरसरावपेट लाईन से प्रतिदिन 12 से 13 हजार बोरी नये मक्का की आवक पर बढ़िया माल 2300, एवरेज 2250 रुपये के मूल्य पर व्यापार होकर तमिलनाडु के लिये वैगन डिलेवरी व्यापार हो रहा है। तेलंगाना के महबुबनगर, करिमनगर, वरंगल, मेदक निजामाबाद जिलो में प्रतिदिन 10-12 हजार बोरी स्टॉक माल की बिक्री पर 2200-2250, मीडियम 1850-1900 रुपये, एवरेज 1800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 16, 2025, 6:02 amचना में मंदी से स्टॉकिस्ट चिंतित हैदराबाद : देश में भारी मात्रा में व्यापारियो और किसानों के पास चना का भारी स्टॉक है और सीजन प्रारंभ के उंचे मूल्यो पर खरीदकर स्टॉक करने वाले व्यापारीयो को गोदाम किराया, ब्याज और मूल्यो में मंदी का नुकसान होने से स्टॉकिस्ट चिंतित हो रहे है, क्योंकि दाल मिले और फुटाना तैयार करनेवाले कारखानेदार दलहनों की मंदी एवं कर मूक्त मटर आयात से आवश्यकता के अनुसार खरीदी कर रहे है । जानकार सूत्रो के अनुसार ऐसी स्तिथी में तेजी की संभावना नजर नही आ रही है, क्योंकि खरीफ बुवाई समाप्त होते ही किसानों का माल बाहर निकलना प्रारंभ हो जाएगा और आगामी दिनों में तंजानिया, आस्टे्रलिया से आयात बढ़ने की संभावना है। पिछले सप्ताह मुुंबई बंदरगाह में आयातित तंजानिया का चना 5450 रुपये, ऑस्ट्रेलिया का 5600, सुडान का काबुली 6400 रुपये तथा आंध्र का माल विरुधनगर, इरोड लाइन डिलेवरी आंध्र का 6300 तथा कर्नाटक का 6350 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के लातुर सोलापुर लाईन में अन्नागिरी 5500-5600, विजय 5300-5650 रुपये अकोला, अमरावती, लाइन में सादा चना 5200-5450 रुपये, दुधनी सोलापुर लाइन में मिल क्वालिटी 5500-5700 रुपये तथा गुजरात की मंडियो में देसी चना 5000-5300, कांटा चना 5300-5600 और काबुली 7500 -9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। दिल्ली में पिछले एक सप्ताह राजस्थान का चना 5725-5750, मध्य प्रदेश का 5675-5700 रुपये एवं मध्य प्रदेश के सभी मंडियों में मिलाकर लगभग 15 से 20 हजार बोरी की आवक पर 4500-5400 रुपये विशाल 5200-5600 रुपये, काबुली 7500-9000 इंदौर में विशाल 5500-5600, कांटा 5650-5800 रुपये , काबुली 42-44 काउंट 10900 रुपये, 44-46 काउंट 10600 रुपये 46-48 काउंट 10300 रुपये, 50-52 काउंट 9600 रुपये, 58-60 काउंट 8150 रुपये तथा 80-85 काउंट 6700 रुपये पर व्यापार हुआ। राजस्थान में चना 5100-5225 रुपये तथा उत्तर प्रदेश में 5400-5500 रुपये तथा आंध्र के कर्नूल, कड़पा, चित्तूर, ओंगोल लाईन में जेजे चना 5800-5900 कॉक-2 काबुली 6100-6200 रुपये तथा डालर 8500-8900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 16, 2025, 6:01 amकर्नाटक में बाल खोपरा पर तेजी के धमाके बैंगलुरु:बाल खोपरा के का उत्पादन केवल कर्नाटक में होने से एवं कर्नाटक के दक्षिण भाग में अनियमित मौसम से उत्पादन प्रभावित होने के कारण राज्य के उत्पादन में 50-60 प्रतिशतकी गिरावट से बाल खोपरा या किराणा क्वालिटी खोपरा के मूल्यों में फरवरी से ही तेजी प्रारंभ हुई और मार्च प्रारंभ से अब तक मूल्यों में लगभग 50 प्रतिशत होकर मूल्य रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। दक्षिण भारत के कुल खोपरा उत्पादन में कर्नाटक का बाल खोपरा उत्पादन में 72.8 प्रतिशत भागीदारी है, जबकि केरल में 10.2 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश की 9 और तमिलनाडु की 7.6 प्रतिशत है। किसानों को ग्रीष्मकालीन सीजन में नारियल पानी पर अच्छा मूल्य प्राप्त हुआ तथा अधिक मूल्यो के कारण भी बाल खोपरा के उत्पादन पर प्रभाव पड़ा है। मार्च प्रारंभ में टिपटुर के एपीएमसी में बाल खोपरा का मॉडल मूल्य 14000-15000 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले जून के प्रारंभ तक बढकर 20000 रुपये और 9 जून को 21500 रुपये तक पहुंचने के बाद 22500 रुपये पहुंच गया। हुलियार, सिरा, तुरुवेकेरे और चेन्नारायापटनम सहित अन्य मंडियों में वर्तमान सप्ताह मॉडल मूल्य 20000 रुपये से अधिक रहा। भारत में दो प्रकार का खोपरा होता है-मिलिंग खोपरा एवं बाल खोपरा। मिलिंग खोपरा का मुख्य रुप से उपयोग तेल तैयार करने के लिये होता है,जबकि बाल खोपरा का खाने के लिये होता है। मिलिंग खोपरा के लिये नारियल को काटकर नारियल गिरी को धूप में या ड्रायर का दो दिन उपयोग करके सुखाया जाता है, जबकि बाल खोपरा खोपर तैयार करने में कम से कम 9 से 11 महीने का समय लगता है, क्योंकि किसान पुरी तरह से तैयार नारियल को -10-11 महीने तक सुखाते हैं, जिसमें पानी अंद रही सूखने से खोपरा में मीठापन का स्वाद होता है। नारियल विकास बोर्ड (सीडीबी) के अनुमान अनुसार भारत में नारियल के कुल उत्पादन का 49 प्रतिशत खोपरा के लिये उपयोग होता है, जिसमें 32 प्रतिशत मिलिंग खोपरा और 17 प्रतिशत बाल खोपरा के लिये होता है।
Updated On: June 16, 2025, 6:00 amतमिलनाडु के मूंग खरीदी लक्ष्य में वृद्धि मयिलाडुथुराई : तमिलनाडु सरकार ने मयिलाडुथुरार्ई जिले में किसानों की मांग पर मूल्य समर्थन योजना (पीसीएस) के अंतर्गत मूंग की खरीदी लक्ष्य में वृद्धि कर दिया है, जिससे किसान फसल पर बाजार मूल्य 6000-6500 रुपये के मुकाबले 8682 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य प्राप्त होगा। जिले में 390 टन खरीदी के लिये अनुमोदन किया था, जो पूरा होने के बाद स्थानीय किसानों की मांग पर 1092 टन अतिरिक्त आवंटन किया गया तथा खरीदी 29 जून तक प्रति हेक्टर 384 किलो या प्रति एकड़ 155 किलो के आधार पर संचालित होगा। राज्य सरकार ने किसानों को फसल पर उचित मूल्य प्राप्ति के लिये नाफेड के सहयोग से पीएसएस लागू किया हुआ है। खरीदी का कार्य नागापट्टिनम मार्केटिंग कमेटी के अंतर्गत मयिलाडुथुरार्ई, कुथालम, सेमंबारकोईल और सिरकाज्झी में नियमित खरीदी केंद्रों से किया जा रहा है। संशोधित लक्ष्य में सेमंबारकोईल में 425 टन, कुथालम में 222 टन, मयिलाडुथुरार्ई में 238 टन और सिरकाज्झी में 207 का संचालन होगा। डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर एच.एस. श्रीकांत ने किसानों से केंद्रीय एजेंसी नाफेड द्वारा निर्धारित क्वालिटी स्टेंडर्ड अनुसार मूंग लाने को कहा है, जिससे खरीदी में सुविधा होगी। फसल में बाहरी कचरा 2 प्रतिशत, अन्य फसल बीज 3 प्रतिशत, बुरी तरह से डैमेज 3 प्रतिशत, मामूली डैमेज 4 प्रतिशत, बिना पूरी तरह से तैयार 3 प्रतिशत और डैमेज 4 प्रतिशत से अधिक नही होना चाहिए, जबकि नमी (म्वाइस्चर) 12 प्रतिशत या इससे कम होनी चाहिए।
Updated On: June 16, 2025, 7:15 am