अमेरिका की नजर भारत को मक्का-सोयाबीन सप्लाई पर मुंबई : अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ (शुल्क) युद्ध से चीन मक्का और सोयाबीन की आवश्यकता को पूरा करने के लिये ब्राजील और अर्जेटिना से प्राप्त कर सकता है, जिससे अमेरिका को दोनों जिंसों की बिक्री करने के लिए समस्या हो रही है। वर्तमान में अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार संधि (बीटीए) के लिये वार्ता करना प्रारंभ हो गया है तथा अमेरिका भारत पर मक्का और सोयाबीन आयात को आसान करने की मांग कर रहा हैं। अमेरिका किसी भी प्रकार की छूट के लिये भारत के निर्णय पर निर्भर है, क्योंकि इसके साथ जेनेटिक मोडिफाईड (जीएम) फसलों के आयात की अनुमति देना भी जुड़ा हुआ है। सूत्रों के अनुसार जीएम सोयाबीन से तैयार सोयाबीन तेल का भारत में आयात की अनुमति है, तो सोयाबीन के आयात की अनुमति देने में समस्या नही होनी चाहिए।सूत्रों के अनुसार भारत सेब, चेरी, व्हीस्की जैसे जिंसों के शुल्कों में छूट दे सकता है। चीन सोया और मक्का का भारी मात्रा में आयात करता है, जिसके लिए आईटीसी ट्रेड आंकड़ा के अनुसार वर्ष, 2023 में चीन ने अमेरिका से 71 लाख 40 हजार टन मक्का आयात किया, जो चीन के कुल आयात का 26 प्रतिशत है। इसी प्रकार अमेरिका से 2 करोड़ 66 लाख टन सोयाबीन आयात किया, जो देश के कुल आयात 10 करोड़ टन का लगभग 27 प्रतिशत है। विशेषज्ञों के अनुसार इस अवधि में अमेरिका ने मक्का का कुल निर्यात 4 करोड़ 60 लाख टन किया, जिसमें चीन को केवल 16 प्रतिशत हुआ है, जिससे अमेरिका भारत जैसे बाजारों में सप्लाई करके चीन की कमी की भरपाई कर सकता है, लेकिन वर्तमान में जीएम मसले को सुलझना बाकी है। वर्ष, 2023 में अमेरिकी सोयाबीन निर्यात में चीन की भागीदारी 55 प्रतिशत रही, लेकिन अब अमेरिका के लिये सोयाबीन की बिक्री करना मुश्किल हो सकता है। सरकार ने कृषि जिंसों के निर्यातकों को बीटीए के लिये राह देखने को कहा है, क्योंकि इसके लागू होने तक कोई बड़ा बदलाव नही होने जा रहा है। वर्तमान में अमेरिका ने टैरिफ के कारण वैश्विक बाजार मे उथल-पुथल से 90 दिनों के लिये चीन को छोड़कर अन्य देशों के लिये टैरिफ लागू करना स्थगित कर दिया है, लेकिन भारत के साथ बीटीए के लिये पहल करना प्रारंभ कर दिया है तथा आशा की जा रही है कि सितंबर से पूर्व लागू हो जाएगा। अमेरिका पहले ही भारत को कर मुक्त आयात की अनुमति वाले जिंसों की सूची दे दिया है, क्योंकि अमेरिका में भारतीय कृषि जिंसो ंपर कोई शुल्क नही है।
Updated On: April 14, 2025, 6:59 amचीन का भारत से सरसों खल आयात मुंबई : औद्योगिक सूत्रों के अनुसार सरसों खल का मुख्य रूप से उपयोग पशु आहार के लिये होता है तथा चीन ने 20 मार्च को कनाडा से आयात होने वाले सरसों खल और तेल पर 100 प्रतिशत प्रतिशोधात्मक शुल्क लगा दिया है, जिसके बाद पिछले तीन सप्ताह के दौरान चीन ने भारत से सरसों खल का आयात लागत और किराया (सी एंड एफ) पर 220 से 235 डालर प्रति टन के मूल्य पर 52 हजार टन खरीदी किया है, जो 2024 के भारत से कुल आयात के मुकाबले चार गुना है। भारत के सरसों खल निर्यात से विश्व के सबसे बड़े खपत करने वाला देश चीन को कनाडा को रिप्लेस करने में आसानी होगी, इसके साथ भारत में घरेलू सरसों के मूल्यों में मजबूती को बल मिलेगा। भारत ने वर्ष, 2024 में सरसों खल का कुल निर्यात 20 लाख टन से अधिक किया, लेकिन चीन के लिए अन्य दो शो के मुकाबले मूल्य अधिक रहने से चीन को केवल 13 हजार 100 टन का निर्यात हुआ, जबकी चीन ने कनाडा से 20 लाख 20 हजार टन, संयुक्त अरब अमीरात से 5 लाख 4 हजार टन और रुस से 1 लाख 35 हजार टन सरसों खल का आयात किया है। जानकार सूत्रों के अनुसार चीन की भारी मांग है तथा आगामी कुछ महीने इसी प्रकार खरीदी जारी रही तो भारत चीन के लिये एक प्रमुख सप्लायर बन सकता है। भारत के सोलवेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिेयेशन (सी) के सूत्रों के अनुसार भारत दक्षिण कोरिया, बंग्लादेश, थाईलैंड और वियतनाम को कई वर्षो से सरसों खल का निर्यातक रहा और अब चीन की भारी मांग को देखते हुए वर्तमान वर्ष भारत 20 से 25 लाख टन तक निर्यात कर सकता है, क्योंकि घरेलू कमजोर मांग से भारतीय सरसों खल का मूल्य एफओबी (फ्री ऑन बोर्ड) पर 200 डालर प्रति टन से कम हो गया है, जबकि फरवरी 248 डालर और एक वर्ष पूर्व 278 डालर प्रति टन के मुकाबले बहुत कम है और सरसो का नया सीजन रहने से खल सप्लाई बढ़ सकती है।
Updated On: April 14, 2025, 6:57 amबिहार में रबी मक्का आवक प्रारंभ -उत्पादन में वृद्धि का अनुमान पुर्णिया : देश के रबी सीजन के लिए प्रमुख मक्का उत्पादक राज्य, बिहार के कृषि मार्केट में नये मक्का की आवक प्रारंभ हो गई है और आगामी 15-20 दिनों में आवक का दबाव बढने का अनुमान है तथा कुल मिलाकर उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 15 प्रतिशत अधिक होने का अनुमान के साथ अनुकूल मौसम से क्वालिटी अच्छी आ रही है और फसल कटाई का काम तेजी से हो रहा है तथा अनुमान हैकि उत्पादन में लगभग 10 प्रतिशत की कटाई हो गई है। वर्तमान वर्ष देश के मक्का उत्पादक राज्यो में रबी एवं ग्रीष्मकालीन सीजन बुवाई अधिक हुई है, और कुछ राज्यो में नये माल की आवक बढ़ने के साथ खरीफ सीजन की के माल की सप्लाई जारी रहने से तेजी की संभावना नजर नही आ रही है, क्योंकि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार खरीफ सीजन के लिए वर्षा अच्छी होगी, जिससे व्यापारियो का अनुमान हैकि फसल उतारा में वृद्धि से किसानो को लाभ मिल रहा है, जिससे खरीफ सीजन बुवाई बढ़ सकती है। एथनॉल के लिये चावल, शीरा और चीनी के उपयोग को बढावा मिलने से आगामी समय में मक्का की मांग कमजोर रहने का अनुमान है एवं स्टॉकिस्टों के पास खरीफ सीजन का भी स्टॉक है, जिससे मूल्य स्थिर रहने के कारण स्टॉकिस्ट सामने नही रहे है । दुसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार रबी सीजन के दौरान देश में मक्का का उत्पादन एक वर्ष पूर्व के 1 करोड़ 20 लाख 28 हजार टन के मुकाबले 3.4 प्रतिशत बढकर 1 करोड़ 24 लाख 38 हजार टन होने का अनुमान है, जबकि खरीफ और रबी सीजन मिलाकर कुल उत्पादन 3 करोड़ 72 लाख 50 हजार टन होने का अनुमान है, लेकिन व्यापारियो का अनुमान है उत्पादन मे अधिक वृद्धि हो सकती है। पिछले वर्षों में रबी सीजन के दौरान मक्का उत्पादन में स्थिरता पूर्वक वृद्धि हुई है तथा वर्ष, 2020-21 के 1 करोड़ 92 हजार टन के मुकाबले इस वर्ष बढकर 1 करोड़ 24 लाख 38 हजार टन होने का अनुमान है।
Updated On: April 14, 2025, 6:56 amधनिया की आवक - वायदा कमजोर हैदराबाद : पिछले सप्ताह धनिया उत्पादक मंडियों में आवक का दबाव बढ़ने के साथ स्टॉकिस्टों की बढ़िया मालों की खरीदी में दिलचस्पी से 150-200 रुपये की वृद्धि हुई, लेकिन वायदा में बिक्री का दबाव बढ़ने से 250-300 रुपये की गिरावट हुई।पिछले सप्ताह राजस्थान में लगभग 1 लाख 80 हजार बोरी, मध्यप्रदेश में 2 लाख 10 हजार बोरी, गुजरात में 1 लाख 55 हजार बोरी मिलाकर लगभग 5 लाख 50 हजार बोरी से अधिक धनिया की आवक हुई है। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा सोमवार को 8080 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 300 रुपये घटकर 7780 रुपये और मई वायदा 202 रुपये घटकर 7838 रुपये पर बंद हुआ। रामगंजमंडी में पिछले सप्ताह 1 लाख 20 हजार बोरी, बारन में 10 से 12 हजार, कोटा में 20 से 25 हजार एवं अन्य मंडियो में अनुमानित 20 से 22 हजार बोरी की आवक पर बादामी 6900-7000, ईगल 7100-7300, स्कूटर किस्म 7500-7800, मीडियम हरा 8500-9000, बढ़िया हरा 10,000-11,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के नीमच में साप्ताहिक 18 से 20 हजार बोरी, कुंभराज में 65 से 70 हजार, गुना में 68 से 70 हजार बोरी और बीनागंज, मधुसुदनगढ़, मंदसोर और अन्य छोटी मंडियों में मिलाकर लगभग 40 से 45 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 5600-6300, बादामी 6900-7100, ईगल 7200-7400 तथा स्कूटर 7500-8500 रुपये, हरा माल 9500-10,500, बारिक हरा माल 12,000-14,000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। गुजरात के गोंडल में साप्तााहिक लगभग 55 से 60 हजार बोरी, राजकोट में 45 से 50 हजार, जामनगर, जामजोधपुर, हलवड़ और आस-पास की मंडियों में मिलाकर 40 से 45 हाजर बोरी धनिया की आवक पर ईगल 7000 -7100, ईगल प्लस 7300-7400 , स्कूटर 7500-7700, कलर वाला माल 8500-12,750 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। आंध्र के ओंगोल में नया बादामी धनिया 3550 रुपये, ईगल 3600 रुपये, स्कूटर 3700 रुपये तथा शीतगृहों का बादामी 3550 रुपये (प्रति 40 किलो) के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: April 14, 2025, 6:56 amलालमिर्च की लगातार रिकार्ड आवक गुंटूरः पिछले सप्ताह दक्षिण भारत की सभी मंडियो में मिलाकर अनुमानित13 लाख बोरी लाल मिर्च की आवक एवं नया सीजन प्रारंभ से अब तक किसानों की स्टॉक में दिलचस्पी नही रहने से शीतगृहो में रिकार्ड स्तर पर स्टॉक हुआ है तथा अनुमान हैकि अप्रैल अंत तक किसानों के माल की आवक जारी रहेग, जिसका प्रमुख कारण गुंटूर में रायचूर, बल्लारी, सिंधनूर लाईन से 2043 ब्याडगी बढ़िया किस्म की लगातार आवक हो रही है। जानकार सूत्रों के अनुसार इस समय पलनाडु, गुंटूर, प्रकाशम, कृष्णा लाईन में दूसरी और तीसरी तुराई एवं कर्नूल, एम्मिगनूर लाईन में अंतिम तुराई का कार्य तेज गती से हो रहा है तथा कर्नूल, एम्मिगनूर लाईन से अधिकतर पाला, फटकी, मीडियम किस्मों की आवक हो रही है। पिछले सप्ताह गुंटूर में कर्नूल, एम्मिगनूर, प्रकाशम, गुंटूर, पलनाडु, कृष्णा, भद्राद्री कोत्तागुड़ेम् और नलगोंडा तथा कर्नाटक के रायचूर, बल्लारी, सिंधनूर लाईन से लगभग 6 लाख 40 हजार बोरी लालमिर्च की आवक पर 6 लाख 70 हजार बोरी की बिक्री हुई, जिसमें मीडियम, मीडियम बेस्ट, पाला किस्मों की 80 प्र., बढ़िया किस्मों की 20 प्र. आवक हो रही और सभी मीडियम, मीडियम बेस्ट, पाला, फटकी किस्मों में 500 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट से क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ, जबकि अन्य किस्मों के मूल्य स्थिर रहे।. गुंटूर में तेजा 8000-12,800 रुपये, डीलक्स 13,000, अधिकतर माल 10,000-12,000, डीडी 8500-11,000 रुपये, 341 तथा नं-5 किस्म 9000-12,500 रुपये, 273, कुबेरा 9000-12,000 रुपये, 334, सुपर-10 किस्म 8000 -12,000, आरमुर 8000-10, 000, शार्क-स्पार्क 8000-10,500 रुपये, रोमी 9500-11,500 रुपये, 355 ब्याडगी 10,000-12,500, सिंजेंटा ब्याडगी 5531 किस्म 7500-11,000 रुपये, 2043 ब्याडगी 9000-12,500, बंगारम, बुलेट 9000-11,500, क्लासिक 7000-9000, सीड़ मीडियम 6000-8500, तेजा फटकी 5000-6000, डीलक्स लालकट 6200-7000, साधारण फटकी 3000-5500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। खम्मम पिछले सप्ताह के दौरान 2 लाख बोरी लालमिर्च की आवक पर बढ़िया तेजा 13,500, मीडियम 12,500-13,000 रुपये, फटकी 5500 रुपये एवम् वरंगल मेेंं 2 लाख 10 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया तेजा 12,500-12,600, मीडियम 11,000 रुपये, बढ़िया 341 किस्म 11,000-11,300, मीडियम 9500 रुपये, वंडरहाट बेस्ट 13,500-14,000, मीडियम 12,000 रुपये, 5531 किस्म 9500, दीपिका बेस्ट 12,500, मीडियम 10,500, बढ़िया टमाटा किस्म 26,000-27,000, मीडियम 15,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। हैदराबाद मेेंं एक सप्ताह में लगभग 45-50 हजार बोरी की आवक पर महबूबनगर, गदवाल लाईन की तेजा 8000-11,000, बेस्ट 12,000, सुपर-10 किस्म 7000-10,000, बेस्ट 11,500, आरमुर 7000-10,500 रुपये और 341 किस्म और 2043 किस्म 9000-12,000, सिंजेंटा किस्म 6000-9000 रुपये, 273 किस्म 9000-10,500, तेजा फटकी 4000-6500, साधारण फटकी 2000-4000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। कर्नाटक के ब्याडगी में गुरूवार व शुक्रवार मिलाकर 3 लाख 27 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर ढब्बी डीलक्स 23,000-26,000, बेस्ट 16,000-19,000 रुपये, 5531 किस्म 6000-9000, केडीएल 13000-18,000, मीडियम 3500-5000 रुपये, 2043 किस्म 9000-14,000 रुपये, 334, सुपर-10 किस्म 8000-10,000 रुपये, 5531 फटकी 3800-4500 रुपये, 2043 तथा केडीएल फटकी 1700-2500 रुपये तथा सिंधनूर में मंगलवार के दिन 5 हजार बोरी की आवक पर ढब्बी 18,000-22,000 रुपये, 2043 किस्म 12,000-12,500, सुपर-10 किस्म 8000-10,000 रुपये, 5531 मीडियम किस्म 7000-8000, साधारण फटकी 1500-3000 रुपये, हुबली में 15 से 16 हजार बोरी की आवक पर ढ़ब्बी डीलक्स 22,000-23,200, केडीएल डीलक्स 20,300, बढ़िया केडीएल 13,000-17,000, मीडियम 10,000-12,500 रुपये, 2043 किस्म 8000-12,800 रुपये, सी-5 किस्म 8000-10,300, सुपर-10 किस्म 8500-10,200 रुपये तथा 5531 किस्म 5000-8000 रुपये, केडीएल 2043, ढ़ब्बी फटकी 1500-3500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। छत्तीसगढ के जगदलपूर में पिछले एक सप्ताह के दौरान 14 से 15 हजार बोरी की आवक पर 500 रुपये की गिरावट होकर तेजा 11,000-12,000 रुपये, शार्क-1 किस्म 10,000-11,000, तेजा फटकी 6000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: April 14, 2025, 6:55 amहल्दी की रिकार्ड आवक किसानों का घर खाली होने की संभावना ? हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार वर्तमान वर्ष देश के हल्दी उत्पादन और बकाया स्टॉक में कमी के साथ अप्रैल वायदा मे ंमाल की कमी से मूल्यो में भारी वृद्धि के कारण हाजीर मूल्यो में मजबूती के कारण मंडियो में किसानों का माल तेज गती से आवक बढ़ रही है, जिसमें पिछले सप्ताह केवल महाराष्ट्र के रिसोड में 15 हजार बोरी से अधिक तथा वाशिम , शेनगॉव, ज्वाला बाजार, जिंतूर एवं आस पास की छोटी मंडियो में लगातार आवक बढ़ रही है और स्टॉकिस्ट सक्रिय हो रहे है, लेकिन अनुमान हैकि अप्रैल वायदा सेटलमेंच के बाद 1000 रुपये प्रति किंटल की मंदी आ सकती है, लेकिन किसानों के माल की आवक भी जून तक समाप्त हो जाएगी तथा केवल व्यापारियो के हाथ में माल रहेगा, जिससे भविष्य तेजी का संकेत दे रहा है, क्योंकि इस अवधि में नया सीजन प्रारंभ के लिए लगभग 8 महीने का समय रहेगा और नया सीजन में माल नमी वाला रहने से पुराने माल की मांग रहेगी। पिछले सप्ताह तेलंगाना के उत्पादक केन्द्रों पर मिलाकर 65 से 70 हजार बोरी, महाराष्ट्र में 2 लाख बोरी, ओड़ीशा तथा तमिलनाडु में 30 से 35 हजार बोरी मिलाकर लगभग 3 लाख बोरी की आवक पर लगभग 90 प्रतिशत माल की बिक्रीहोकर बाहरी राज्यो को एवं शीतगृहो के लिए लदान हुआ। एनसीडीईएक्स पर सोमवार के दिन हल्दी का अप्रैल वायदा 15,400 रुपये खुलने के बाद तेजी मंदी की लहरो के साथ शुक्रवार तक 1080 रुपये घटकर 14,320 रुपये और मई वायदा 430 रुपये घटकर 14,570 रुपये तथा जून वायदा 216 घटकर 14,774 रुपये पर बंद हुआ। तेलंगाना के निजामाबाद में पिछले एक सप्ताह के दौरान 45 हजार बोरी नये माल की आवक पर काडी 12,000-14,300, पॉलीश काड़ी 15,000-15,100, गठ्ठा 11,500-12,500 रुपये, पालीश गट्ठा 14,300-14,400 रुपये तथा मेटपल्ली में 6 से 7 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 12,000-13,300, गट्ठा 11,500-13,000 रुपये और केसमुद्रम में 100 से 150 बोरी की आवक पर काड़ी 12,000, गट्ठा 11,000 रुपये और विकाराबाद, मरीपल्ली, सदाशिवपेट एवं आस पास की मंडियो में मिलाकर साप्ताहिक लगभग 10 हजार बोरी की आवक पर अनपालीश 7000-12300 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार तथा आंध्र के दुग्गिराला में 2500 बोरी नये माल की आवक पर काड़ी और गट्ठा 11,500-11,800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के हिंगोली में पिछले सप्ताह 28 से 30 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 13,000-14,000, गट्ठा 13,000-13,500 रुपये व बसमतनगर में 30 से 35 हजार बोरी की आवक पर बढिया काड़ी 14,500-15,000, मीडियम 13,000-13,500,बढिया गट्ठा 14,000-14,500, मीडियम 12,500-13,000 रुपये और सांगली में 65 से 70 हजार बोरी की आवक पर बढिया काड़ी 14,000-16,000, मीडियम 13,500-14,500, लगडी किस्म 17,000-18,000, गट्ठा 13,000-14,000 रुपये तथा नांदेड़ में 10 से 12 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 12,500-14,500, गट्ठा 12,000-13,500 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी अनुसार व्यापार हुआ। ओड़ीशा के बरहामपूर में साप्ताहिक 800 से 1000 बोरी नई हल्दी की आवक पर काड़ी 11,000, पालीश काड़ी 11,500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। तमिलनाडु के ईरोड़ में लगभग 26 से 27 हजार बोरी नये माल की आवक पर काड़ी 7000-14,909, गट्ठा 6100-13,899 रुपये, पेरुंदुरै में 3 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 10,569-15,099, गट्ठा 9946-13,559 रुपये, गोपीचेट्टी पालयम में काड़ी 11, 269 -13,789, गट्टा 11,007-13, 129 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: April 14, 2025, 6:54 amगुजरात में नई अजवायन हैदराबाद : जानकार सूत्रों के अनुसार कर्नूल मंडी में सीजन से अब तक 80 प्रतिशत माल बिक्री हो चुकी है, जिससे आगामी दिनों में लगभग 8 से 10 हजार बोरी किसानों के माल की आवक होने की संभावना है, लेकिन गुजरात के जामनगर में ग्रीष्मकालीन अजवायन की आवक प्रारंभ होने से तेजी को ब्रेक लग गया है तथा लगातार सप्लाई जारी रहने की संभावना रहेगी तथा गुजरात का माल नीमच में बिक्री के लिए पहुंच सकता है। पिछले सप्ताह खरीफ सीजन और ग्रीष्मकालीन सीजन मिलाकर जामनगर में लगभग 10 हजार बोरी की आवक पर नमी वाला 7500-9000, एवरेज 9500-10,000, मीडियम 10,500-11,500 रुपये, मीडियम बेस्ट 13,500-14,000 रुपये तथा शीतगृहों में स्टॉक रखी हुई मीडियम 14,000-15,000, बढ़िया किस्म 17,000-17,500 रुपये तथा आंध्र के कर्नूल में पिछले सप्ताह 2500 बोरी की आवक पर लाल किस्म 13,000-14,500, सफेद 16,000-18,000, मीडियम बेस्ट 18,500-20,000, मीड़ियम हरा 21,500-22,000 रुपये और तेलंगाना के विकाराबाद में साप्ताहिक 1400-1500 बोरी एवं मरीपल्ली में 150 से 200 बोरी की आवक पर 8000 से 12300 रुपये एवं नीमच में पिछले सप्ताह 800 से 1000 बोरी अजवायन की बिक्री पर एवरेज 13,000-13,500, मीडियम 14,000-14,500, बढ़िया माल 15,000-16,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: April 14, 2025, 6:53 amआकर्षक मूल्यो से जीरा आवक हैदराबाद : गुजरात, राजस्थान जैसे जीरा उत्पादक राज्यों में जीरा फसल की कटाई तेज गती से होने के साथ किसान आकर्षक मूल्यो के कारण तेज गती से माल की बिक्री की बिक्री कर रहे है, जिससे सभी मंडियों में मिलाकर लगभग 3 लाख बोरी से अधिक की आवक के साथ स्टॉकिस्टों तथा व्यापारियों की खरीदी के बावजूद क्वालिटी के अनुसार 800 से 1000 रुपये की गिरावट हुई है, लेकिन अनुमान है कि दुबारा मूल्यो में सुधार हो सकता है, क्योंकि सीजन प्रारंभ के बाद देश के किराणा व्यापारी आवश्यकता के अनुसार करीदी कर रहे है। पिछले सप्ताह एनसीडीईएक्स पर सोमवार के दिन जीरा का अप्रैल वायदा 24,290 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 170 रुपये घटकर 24,120 रुपये, लेकिन मई वायदा 620 रुपये ़बढ़कर 24,370 रुपये और जून वायदा 24,785 रुपये पर बंद हुआ। गुजरात के ऊंझा में साप्ताहिक 1 लाख 70 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 18,000-18,500, मीडियम 20,000-21,500, बढ़िया 22,000-22,500 रुपये तथा राजकोट में 24 से 25 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 21,500-22,500, मीडियम 22,500 -23,000, बढिया माल 23,200-23,375,युरोपीयन किस्म 23,400-23,450, किराणा क्वालिटी 23,800-24,125 रुपये तथा 3 से 4 हजार बोरी पुराने माल की आवक पर मीडियम 22,000-22,600, मीडियम बेस्ट 22,600-23,000 रुपये और गोंडल में 18 से 20 हजार बोरी की आवक पर 19,000-20,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। राजस्थान के मेड़ता में साप्ताहिक 18 से 20 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 15,000-16,000, मीडियम 18,000-19,000, बढ़िया जीरा 20,000-22,500 रुपये और जोधपुर में 16 से 17 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 19,000-19,500, मीडियम 20,500-22,000 रुपये तथा बढिया 22,500-24,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: April 14, 2025, 6:53 amकमजोर ग्राहकी से चना स्थिर हैदराबाद : मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात जैसे उत्पादक राज्यों में चना की आवक बढने एवं सामान्य ग्राहकी से चना के मूल्य स्थिर हो गये, जबकि आयातित में गिरावट हुई। पिछले एक सप्ताहके दौरान राजस्थान के मेड़ता में प्रतिदिन 10-12 हजार बोरी, किशनगढ, जोधपुर, सुमेरपुर, अलवर, नागोर लाइनों की मंडियों में 18-20 हजार बोरी की आवक पर 4800-5550 रुपये, बिकानेर में 5400- 5800 तथा जयपुर में चना दाल 6800 रुपये क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में प्रतिदिन 4-5 हजार बोरी, जूनागढ में 8-9 हजार बोरी, तथा गोंडल में 5-6 हजार बोरी चना की आवक पर 5455-6000 रुपये तथा कर्नाटक के कलबुर्गी, यादगिर, रायचुर लाईन में 5650-5900 रुपये एवं आंध्र के ओंगोल लाइन में जेजे 5900 कॉक टू 6900 रुपये, डालर 9300 रुपये एवं आंध्र लाइन का चना विरुधनगर डिलेवरी महाराष्ट्र लाइन का 6500 एवं कर्नाटक के गदग, धारवाड़ लाइन का 6550 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह मुंबई मे तंजानिया का माल 5700, ऑस्ट्रेलिया का 5850 रुपये तथा मुंद्रा बंदरगाह पर 5675-5700 रुपये , सुडान का काबुली 6100 रुपये तथा दिल्ली में राजस्थान का माल 5775-5800, मध्य प्रदेश का 5675-5700 तथा मध्य प्रदेश के पिपरिया में प्रतिदिन 8-9 हजार बोरी, दामोह में 5-6 हजार, करेली में 10 हजार तथा देवास, अशोकनगर, गंजबसौदा, जबलपुर, सागर तथा आसपास की मंडियों में मिलाकर 20-25 हजार बोरी की आवक पर 5200-5850 रुपये, देवास में 2200 बोरी काबुली चना की आवक पर 9000-10500 और इंदौर में चना 6150-6200 रुपये, काबुली 40-42 काउंट 11800 रुपये, 42-44 काउंट 11550 रुपये, 44-46 काउंट 11200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। महाराष्ट्र के सोलापुर में मिल क्वालिटी 5500-5950 अन्नागिरी 5900-6150 रुपये ,लातुर में 10-11 हजार बोरी की आवक पर 6000-6200, परभणी अमरावती, यवतमाल, लाईन मे 5800- 5950 रुपये, अकोला में 12-15 हजार बोरी की आवक पर 6000- 6200 रुपये क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ।
Updated On: April 14, 2025, 6:47 amतुवर एवं दाल स्थिर मुंबई : अंतर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार की लेमन तुवर का मूल्य 827 डॉलर प्रति टन सीएण्डएफ प्रस्तावित किये जाने सेे मुंबई में लेमन 6950, मटवारा 6700 मोजांबिक की गज्जर 6800 तथा चेन्नई में लेमन 6975-7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। उत्पादक केंद्रों पर तुवर की सप्लाई पर्याप्त बने रहने एवं मौसम की भविष्यवाणी करने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने वर्तमान वर्ष मानसून सीजन के दौरान वर्षा सामान्य रहने की भविष्यवाणी किया तथा किसानों को फसल पर बढिया मूल्य प्राप्त होने से आगामी खरीफ सीजन में बुवाई बढने के अनुमान से स्टॉकिस्टों की तुवर की खरीदी कमजोर पड़ने से मूल्य स्थिर हो गया है। महाराष्ट्र लाइन की तुवर कटनी डिलेवरी 7600-7700, रायपुर डिलेवरी तुवर 7800-7900 रुपये तथा कर्नाटक लाल तुवर विरुधनगर, टुटोकिरन लाईन डिलेवरी 7700 रुपये, सफेद 8000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। सोलापुर में प्रति दिन 34 से 35 मोटर की आवक पर मारूती 6500-6950, गुलाबी 6500-7350 रुपये तथा अकोला में प्रतिदिन 7-8 हजार बोरी की आवक पर 7525 रुपये, हिंगनघाट में 6500-7480 रुपये, नागपुर में 7650 रुपये और कर्नाटक के कलबुर्गी, रायचुर, गदग, तालीकोटी, भालकी और आसपास की मंडियो में 7000-7600 रुपये एवं दाहोद में लाल 5400-5700 रुपये राजकोट में बढिया 7000 -7600 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तेलंगाना के खंमम में तुवर 7000 रुपये सॉर्टेक्स दाल 9800-9900, आंध्र के विनुकोंडा में तुवर 7150 रुपये, दाल सॉर्टेक्स 9950, माचर्ला में तांडुर की 7200, दॉल सॉर्टेक्स पॉलिश 9700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह नागपुर में फटका दाल 11400-11500, सव्वा नं दाल 10600-10700 रुपये , अकोला में फटका 10600-11600, सव्वा नंबर 9400-10100, कलबुर्गी, लाइन का सॉर्टेक्स तुवर दाल बैंगलुरु के लिये 10500-11100 रुपये, नॉन सॉर्टेक्स 10000, महाराष्ट्र का माल 10800-11200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: April 14, 2025, 6:46 am