हैदराबाद : पिछले सप्ताह उत्पादक केंद्रों पर कमजोर ग्राहकी के कारण हल्दी के मूल्यो में 200-300 रुपये की गिरावट हुई। एनसीडीईएक्स पर पिछले सोमवार के दिनअगस्त वायदा 12,982 रुपये खुलने के बाद गुरुवार तक 368 रुपये घटकर 12,614, अक्टूबर वायदा 2 बढ़कर 13,350 रुपये पर बंद हुआ। निजामाबाद में पिछले एक सप्ताह में अनुमानित 5 से 6 हजार बोरी की आवक पर काडी 11,200-13,200, पॉलीश काड़ी 14,100-14,200, गठ्ठा 10,500-11,200, पालीश गट्ठा 13,100-13,200 रुपये और वरंगल में काड़ी 10,500 -11,000, गट्ठा 10,400-10,800 रुपये तथा केसमुद्रम में काड़ी व गट्ठा 10,000-10,600 रुपये तथा सदाशिवपेट, विकाराबाद, मरीपल्ली लाईन में काड़ी व गट्ठा 10,200-10,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह महाराष्ट्रके हिंगोली में 10 से 12 हजार बोरी की बिक्री पर काड़ी 11,500-12,200, गट्ठा 11,200 -11,800 रुपये, नांदेड़ में 7 से 8 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 11,300-11,600, गट्ठा 11,000-11,300 रुपये तथा सांगली में 1000 से 1200 बोरी की आवक पर काड़ी 13,500-14,000, लगड़ी किस्म 14,200-15,000, गट्ठा 13,000-13,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तमिलनाडु के ईरोड़ में पिछले एक सप्ताह के दौरान 15 से 16 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 9399-13,809, गट्ठा 8066-12,158, पेरुंदुरै में 8 से 9 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 8319-13,699,गट्ठा 7789-12,289 रुपये एवम् गोपीचेट्टीपालयम 400 से 500 बोरी की आवक पर 12303-12755, गट्ठा 11144-11666 में के मूल्य पर व्यापार हुआ।ओड़ीशा के बरहमपूर में 700 से 800 बोरी की आवक पर काड़ी 11,200, पालीश काड़ी 12,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: August 18, 2025, 6:10 amगुंटूर : व्यापारिक सूत्रों के अनुसार आगामी सीजन के लिये बुवाई में कमी की संभावना और मसाला पिसाई वालों के साथ बाहरी राज्यों के लिये ग्राहकी निकलने से पिछले सप्ताह गुंटूर डीलक्स के साथ सभी मीडियम, मीडियम बेस्ट, फटकी जैसे सभी किस्मों के मूल्योें में 300 से 500 रुपये की वृद्धि हुई है, जिससे क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ तथा जानकार सूत्रों के अनुसार गुंटूर के शीतगृहों में अभी तक अनुमानित 42 से 43 लाख बोरी लालमिर्च का स्टॉक है, जिसमें बढ़िया किस्मो के माल की कमी है। गुंटूर मंडी यार्ड में पिछले सप्ताह 4 दिनों में शीतगृहों से लगभग 1 लाख 90 हजार बोरी और आस-पास लाईन के शीतगृहों से 80 हजार बोरी मिलाकर लगभग 2 लाख 70 हजार बोरी की आवक में 2 लाख बोरी की बिक्री हुई, जिसमें इस वर्ष का डीलक्स किस्मों की केवल 20 से 30 प्रतिशत ही बिक्री हो रही है, क्योंकि कुछ व्यापारियों का अनुमान है कि आगामी दिनों में डीलक्स किस्मों में और भी वृद्धि होने की संभावना हैै। पिछले सप्ताह गुंटूर के शीतगृहों से तेजा 11,000-13,800, डीलक्स 13,900-14,000 रुपये, एक्सट्रा आर्डनरी 14,100-14,200, अधिकतर माल 12,000-13,500 रुपये, 335 ब्याडगी 10,000-13,000, सिंजेंटा ब्याडगी (5531) किस्म 10,000 -12,800, डीडी 11,000-14,000 रुपये, 2043 ब्याडगी 10,000-13,000, डीलक्स 13500 रुपये, 341 किस्म 11,000-14,500, डीलक्स 14,800-15,000 और नं-5 किस्म 11,000-14,000, डीलक्स 14,200-14,500 रुपये, 264 क्वालिटी (नं-5 किस्म) 10,000-13,000, डीलक्स 13,500 रुपये, 273, कुबेरा किस्म 10,000-13,000 रुपये, 334, सुपर-10 किस्म 11,000-13,000, डीलक्स 13,500-14000, आरमुर 10,000-11,200, डीलक्स 11,300-11,600, रोमी 12,000-13,500, डीलक्स 13,600-13,800, शार्क-स्पार्क 11, 000-12,800, डीलक्स 13,000, क्लासिक 10,000-11,200, डीलक्स 11,300-11,500, बंगारम तथा बुलेट 10,500-13,000, डीलक्स 13,500, पीली मिर्च 20,000-23,000 रुपये, तेजा फटकी 7500-8500, लालकट 9000, साधारण फटकी 4500-7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ एवम् नंदिकोटकूर में पिछले सप्ताह रविवार के दिन तेजा 14,250, (आरमुर किस्म 11,400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। खम्मम में पिछले एक सप्ताह में 28 से 30 हजार बोरी शीतगृहों के माल की आवक पर 18 से 20 हजार बोरी की बिक्री हुई, जिसमें बढ़िया तेजा 14,500, मीडियम 13,500-14,000, तेजा फटकी 7000-7500 रुपये एवम् 1500-1600 हजार बोरी किसानों के माल की आवक पर 8500-9000 रुपये तथा वरंगल में 25 से 30 हजार बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर बढ़िया तेजा 14,000, मीडियम 12,000-13,800 रुपये, 341 किस्म 12,000-14000, बढ़िया वंडरहाट 14,500, मीडियम 12,500-14,000 रुपये, 5531 किस्म 11,500, दीपिका 13,500, मीडियम 11000-12,500, बढ़िया टमाटा 26,000, मीडियम 15,000-25,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। हैदराबाद में गदवाल, महबूबनगर लाईन से पिछले एक सप्ताह के दौरान 1000-1200 बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर तेजा 12,000-13,500, सुपर-10 किस्म 12,000-13,000, आरमुर 10,000-11,000 रुपये, 273 किस्म 10,000-11,500 रुपये, सी-5 किस्म 11,000-13,000 रुपये, 341 किस्म 12,500-13,000 रुपये, 2043 किस्म 11,000-14,000 रुपये, सिंजेंटा 11,000-11,500, तेजा फटकी 6000-7000 रुपये, सुपर-10 फटकी 4000-6000, सिंजेंटा फटकी 6000-7000 रुपये के मूल्य पर स्थिर रहे। कर्नाटक के ब्याडगी में सोमवार तथा गुरुवार मिलाकर शीतगृहों से लगभग 28 से 30 हजार बोरी की आवक में 18 से 20 हजार बोरी की बिक्री हुई, जिसमें 2043 किस्म 10,000-13,000 रुपये, 5531 किस्म 9500-11,500, डीलक्स 12,500, ढ़ब्बी मीडियम बेस्ट 15,000-18,000, डीलक्स 24,000 रुपये, केडीएल 14,000-19,000, केडीएल डीलक्स 20,000-22,000, सीड़ फटकी 5000-6000, ब्याडगी फटकी 4000-5500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के शीतगृहों से प्रतिदिन 1000 से 1500 बोरी की बिक्री पर तेजा 12,000-14,000, शार्क-1 किस्म 10,500-12,500, तेजा फटकी 7000-7500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: August 18, 2025, 6:09 amहैदराबाद : जानकार सूत्रो के अनुसार दो तीन माह पूर्व अगस्त सितंबर वायदा विके्रताओ की खरीदी से एनसीडीईएक्स पर पिछले सप्ताह सोमवार के दिन धनिया का अगस्त वायदा 7802 रुपये खुलने के बाद गुरुवार 428 रुपये बढ़कर 8230 रुपये और सितंबर वायदा 38 रुपये बढ़कर 7870 रुपये पर बंद हुआ, जबकि अक्टूबर वायदा 7920 रुपये पर समाप्त हुआ, जबकी पिछले सप्ताह उत्पादक केंद्रों पर कमजोर ग्राहकी से धनिया के मूल्य स्थिर रहे।राजस्थान के रामगंजमंडी, कोटा, बारन लाईन में पिछले सप्ताह 7 से 8 हजार बोरी की आवक पर बादामी 6800-7100, ईगल 7100-7400, स्कूटर 7400-7500 रुपये प्रति क्विंटल लोकल लूज तथा मोटर बिल्टी तमिलनाडू लाईन के लिये लोडिंग कंडीशन प्रति 40 किलो बोरी बादामी 3600, ईगल 3450 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के नीमच, कुंभराज, गुना, बीनागंज, मंदसोर और अन्य मंडियों में मिलाकर साप्ताहिक 4 से 5 हजार बोरी की आवक पर बादामी 6800-6900, ईगल 7100-7200 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ, जबकी पिछले सप्ताह गुजरात के मंडियों में आवक नहीं हुई। आंध्र के ओंगोल में नया बादामी धनिया 3625 रुपये, ईगल 3675 रुपये, स्कूटर 3775 रुपये तथा शीतगृहों का बादामी 3625 रुपये (प्रति 40 किलो) के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: August 18, 2025, 6:08 amहैदराबाद : पिछले सप्ताह गुजरात पंधरा अगस्त, श्री कृष्णा जन्माष्ठमी जैसी छुट्टियाँ के कारण मंडिया बंद रही , इसके अतिरीक्त किसान भी खरीफ फसल के लिए व्य्स्त रहने से मंडियो में किराणा जिसों की आवक बहुत कम हुई, लेकिन गुजरात-राजस्थान के व्यापारी मौसम की स्थिती को देखते हुए जीरा, धनिया, अजवायन सौंफ स्टॉकिस्ट अपना माल बाहर निकाल रहे है। एनसीडीईएक्स पर पिछले सोमवार के दिन जीरा अगस्त वायदा 18,900 रुपये खुलने के बाद गुरुवार तक 25 घटकर 18,875 रुपये और सितंबर वायदा 20 बढ़कर 19,020 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह गुजरात के मंडियों में आवक नहीं हुई, जिसका प्रमुख कारण है।
Updated On: August 18, 2025, 6:08 amहैदराबाद : केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान खरीफ सीजन के लिये 08 अगस्त तक देश में मूंग की बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 32 लाख 33 हजार हेक्टर के मुकाबले 33 लाख 21 हजार हेक्टर पर हुई है, जबकि मोठ की बुवाई पिछले वर्ष के 8 लाख 04 हजार हेक्टर के मुकाबले बढ़कर 9 लाख 06 हजार हेक्टर पर हुई, जबकि राज्यों के कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार गुजरात मेेंं 11 अगस्त तक मूंग की बुवाई पिछले वर्ष के 51 हजार 344 के मुकाबले 46 हजार 121 हेक्टर, राजस्थान में बुवाई पिछले वर्ष के 21 लाख 96 हजार 830 हेक्टर के मुकाबले 23 लाख 51 हजार 729 हेक्टर और मोठ की बुवाई 8 लाख 58 हेक्टर 230 के मुकाबले 9 लाख 04 हजार 269 हेक्टर पर हुई, जबकि तेलंगाना में 13 अगस्त तक मूंग की बुवाई 63 हजार 222 के मुकाबले 58 हजार 546 एकड़ पर हुई है। कर्नाटक और महाराष्ट्र के उत्पादक केंद्रों पर खरीफ सीजन के मूंग की आवक बढने और मिलर्स की आवश्यकतानुसार खरीदी से पिछले सप्ताह मूल्यों में 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई। कर्नाटक के कलबुर्गी, सेड़म लाईन नया मोगलई मूंग चेन्नई डिलेवरी 7700 रुपये, चमकी मूंग 90ः10 किस्म 9500 रुपये, 80ः20 किस्म 9200 रुपयके मूल्य पर व्यापार हुआ।कर्नाटक के कलबुर्गी में प्रतिदिन 2500-3000 बोरी की आवक पर नया मूंग 6000-8500, पुराना 3500-6500 रुपये यादगिर में 4200-4300 बोरी की आवक पर 6311 -9650 रुपये, बागलकोट में 8700-10500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के अहमदनगर में प्रतिदिन 800-1000 बोरी नये मूंग की आवक पर 7000-9500, दुधनी में 100-150 बोरी की आवक पर 7000-7200, , लातूर में 7000-7300 रुपये, अकोला में मिल क्वालिटी मूंग 6000-7450, चमकी 7600-8500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के हरदा में प्रतिदिन 700-800 बोरी ग्रीष्मकालीन मूंग की आवक पर 6000-8300 रुपये, जबलपूर में 1500 बोरी की आवक पर 7200-7300 रुपये,, , इंदौर में 7500-8100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में प्रतिदिन 700 से 800 बोरी की आवक पर मूंग 6500-7200, मोठ 500 बोरी की आवक पर 6000-10,000 रुपये, दाहोद में मूंग 7000-7600 रुपये, उत्तर प्रदेश.के ललितपुर में 6500-7500,ओरई में 7000-7075 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। राजस्थान के सुमेरपुर में 6200-6800 रुपये, केकड़ी में 400 से 500 बोरी की आवक पर 6500-7000, नागौर में 600 से 700 बोरी की आवक पर 6400-8500, मेड़ता में 6500-7100 रुपये, जोधपुर में 6200-7050 रुपये, मूंग मोगर 9500-9550 रुपये, मोठ 4400-5000, किशनगढ में मूंग 5000-6800 रुपये बिकानेर में 6700-6900 रुपये तथा श्रीगंगानगर में तथा जयपुर में मूंग 6900-7200 रुपये, मूंग दाल 8400- 8900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: August 18, 2025, 6:07 amहैदराबाद : मैसुर लाइन का नया उड़द चेन्नई डिलेवरी 7500-7600 रुपये, आंध्र प्रदेश के नंदियाल लाईन का नया पीयू 38 किस्म 7450 रुपये, मध्य प्रदेश के जबलपुर लाइन का ग्रेविटी क्लीन 7900 रुपये तथा महाराष्ट्र के अहमनदगर लाइन का नया उड़द 8000 रुपये तथा ब्राजील का चेन्नई में हाजिर में 8100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार देश के कई भागों में वर्षा से कटाई के लिये तैयार फसल नुकसान होने की संभावना और विदेशों के निर्यातकों द्वारा मूल्य बढाकर प्रस्तावित किया गया, जिससे घरेलू बाजार में मजबूती का रुख रहा। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एसक्यू बढकर 865 डालर और एफएक्यू 790 डालर प्रति टन सी एंड एफ पर प्रस्तावित किया गया, जिससे मुंबई में एफएक्यू 150 रुपये बढकर 7300 रुपये , चेन्नई में एफएक्यू हाजिर में ं7250 रुपये एवं एसक्यू 7700 तथा दिल्ली में एफएक्यू 7450 रुपये तथा एसक्यू 7950 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान खरीफ सीजन के लिये 08 अगस्त तक देश में उड़द की बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 19 लाख 91 हजार हेक्टर के मुकाबले 20 लाख 15 हजार हेक्टर पर हुई, , जबकि राज्यों के कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार गुजरात मेेंं 11 अगस्त तक बुवाई पिछले वर्ष के 81 हजार 072 के मुकाबले 70 हजार 727 हेक्टर , राजस्थान में बुवाई पिछले वर्ष के 2 लाख 97 हजार 379 हेक्टर के मुकाबले 3 लाख 12 हजार 786 हेक्टर तथा तेलंगाना में 13 अगस्त तक बुवाई पिछले वर्ष के 19 हजार 411 के मुकाबले 21 हजार 625 एकड़ पर हुई है।उत्तर प्रदेश के ललितपुर में देसी 6200-6800, ओरई में हरा माल 10000-10300 रुपये, झांसी में काला 6200-6500 रुपये, मध्य प्रदेश के जबलपुर में 4-5 हजार बोरी की आवक पर 6800-7200 रुपये, इंदौर में 6700-7000 , गुजरात के राजकोट में 700 से 800 बोरी की आवक पर 6500 -7200, राजस्थान के सुमेरपूर में 6100-6600, कोटा में 4000-6600 रुपये, महाराष्ट्रके दुधनी में प्रतिदिन 300-400 बोरी नये उड़द की आवक पर 6800-7300 रुपये, बार्शी में 6000-7000 रुपये, ,अक्कलकोट में 7000-7500 रुपये, एवं आंध्र के कृष्णा, नंदियाल जिले में पॉलिश 7200-7300 रुपये, सादा 7000, प्रोद्दटूर व कड़प्पा में पालिश 7100, सादा 6900, विजयवाड़ा में पालिश गोटा 9800, बढिया माल 13,200, उड़द दाल 9200-10,100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: August 18, 2025, 6:05 amहैदराबाद : एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष, 2025-26 के लिये कनाडा में मटर की बुवाई एक वर्ष पूर्व के मुकाबले 9 प्रतिशत बढकर 14 लाख 20 हजार हेक्टर पर होने का अनुमान है, जिससे उत्पादन बढकर 32 लाख टन तक हो सकता है। देश के कुल बुवाई में सास्केटश्वान की भागीदारी 51 प्रतिशत, अलर्बेटा में 43 प्रतिशत और बाकी अन्य प्रांतों में हुई है। देश के उत्पादन में 20 लाख टन निर्यात होने का अनुमान है, जिसमें भारत, चीन और बंग्लादेश को मुख्य रुप से सप्लाई होने का अनुमान है। मुंबई में कनाडा की आयातित मटर 3450, रुस की 3250 रुपये, हाजिरा पर कनाडा की 3350 रुपये, रुस की 3200 रुपये, मुंदरा बंदरगाह पर कनाडा की 3275 रुपये, रुस की 3175 रुपये तथा कोलकता में कनाडा की 3700-3750 रुपये, रुस की 3450-3500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।मध्य प्रदेश के दमोह में 3275-3300 रुपये तथा उत्तर प्रदेश के ललितपुर में 1000-1200 कट्टे की आवक पर 3100-3350 रुपये, हरी 800-900 कट्टे की आवक पर 8000-12000 रुपये, ओरई में सफेद 3025-3050 रुपये, हरी 10700 रुपये, झांसी में सफेद 3200-3300 रुपये जलौन में सफेद 3110 रुपये तथा महोबा में 3300-3550 रुपये, हरी 8000-12000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: August 18, 2025, 6:04 amहैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार देश के कई राज्यो में भारी वर्षा से मंडियो की आवक सामान्य रहने के साथ त्यौहारों के सीजन के लिए उपभोक्ताओ की मांग से मूंगफली के मूल्यों में 100-150 रुपये की वृद्धि हुई तथा गुजरात में मानसूनी वर्षा से पूर्व ही वर्षा होने से मूंगफली बुवाई वाले क्षेत्रो मे फसल तैयार हो रही है और एक माह बाद नया सीजन प्रारंभ हो जाएगा। आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र के कर्नूल, कड़पा, अंनतपुर लाइन की सभी मंडियों में मिलाकर साप्ताहिक 70 से 80 हजार बोरी 30-35 हजार, मध्य प्रदेश में साप्ताहिक 10-12 हजार और गुजरात में 8-10 हजार बोरी नये माल की आवक जारी है। देश में 08 अगस्त तक मूंगफली की बुवाई 45 लाख 06 हजार हेक्टर के मुकाबले घटकर 43 लाख 23 हजार हेक्टर, गुजरात में 11 अगस्त तक बुवाई पिछले वर्ष के 19 लाख 07 हजार 375 हेक्टर के मुकाबले 20 लाख 54 हजार 178 हेक्टर, राजस्थान के कृषि विभाग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान वर्ष खरीफ सीजन के लिये 11 अगस्त तक बुवाई 8 लाख 59 हजार 220 हेक्टर के मुकाबले बढकर 9 लाख 78 हजार 228 हेक्टर पर हुई है तथा तेलंगाना में 13 अगस्त तक मूंगफली की बुवाई पिछले वर्ष के 9 हजार 944 एकड़ के मुकाबले केवल 5 हजार 437 एकड़ पर हुई है। आंध्र के कर्नूल जिले में साप्ताहिक लगभग 15 से 20 हजार बोरी, आदोनी मेें 25-30 हजार बोरी, एम्मिगनूर में 30 से 35 हजार बोरी, पेप्पली, डोन लाईन में 10 से 15 हजार बोरी नये मूंगफली की आवक पर 5000-7100 रुपये और मडकशिरा, आदोनी में एचपीएस दाना 80-90 काउंट 9700-9800 रुपये, 70-80 काउंट महाराष्ट्र के लिये 10,400-10,500 रुपये, 60-70 काउंट महाराष्ट्र के लिये 10,700-10,800 रुपये, 60-65 काउंट 10,500-10,600 रुपये, 50-60 काउंट 11,000-11,200 रुपये 90-100 काउंट 9500-9600, कल्याणी 8100-8200 रुपये एवम् नंदिकोटकूर में एचपीएस मूंगफली दाना 140-160 काउंट 7800 रुपये, 90-100 काउंट 8800 रुपये, 80-90 काउंट 9400 रुपये, 70-80 काउंट 9800 रुपये, 60-70 काउंंट 10,400 रुपये, 50-60 काउंट 10,900, कल्याणी 100-120 काउंट 8000 रुपये के मूल्य पर स्थिर रहे। कर्नाटक के बल्लारी लाईन में साप्ताहिक 6 से 7 हजार बोरी नये माल की आवक पर मीडियम 4500-6000, बेस्ट 6800-7200 रुपये तथा चेल्लाकेरे में एक सप्ताह में 2 से 3 हजार बोरी मूंगफली की आवक पर 5000-7000 रुपये तथा एचपीएस मूंगफली दाना 90-100 काउंट 9200-6300 रुपये तथा 80-90 काउंट 9500-9600 रुपये, 70-80 काउंट 9,800-9,900 रुपये, 60-70 काउंट 10,300-10,400 रुपये तथा आंध्र लाईन का 60-70 काउंट 10,500-10,600 रुपये 60-65 काउंट 10,700-10,800 रुपये एवम 70-80 काउंट 10,200-10,300 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। नरसारावपेट में एचपीएस मूंगफली दाना 70-80 काउंट 10,600 रुपये, 60-70 काउंट 11,100 रुपये, 50-60 काउंट 11,600 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। हैदराबाद में मूंगफली दाना आंध्र का 140-160 काउंट मूंगफली दाना 8300 रुपये, 80-90 काउंट 9700 रुपये, 70-80 काउंट 10,000 रुपये, 60-70 काउंट 10,300 रुपये, 60-65 काउंट 10,600 रुपय, 50-60 काउंट 10,900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पश्चिम बंगाल के कोलकाता लाईन में प्रतिदिन 8 से 10 मोटर की आवक पर डैमेज माल 4000-4800 रुपयो के मूल्य पर स्थिर रहे। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी, एटा, माधवगंज लाईन में प्रतिदिन 15 से 20 हजार बोरी नये मूंगफली की आवक बढ़िया 5000-5400, मीडिमय 4600-4800 रुपये एवं मूंगफली दाना 60/70 काउंट 9400 तथा तमिलनाडु डिलेवरी 9200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। पुणे में मूंगफली दाना गुजरात जाड़ा किस्म 40-50 काउंट 8400 रुपये, 35-40 काउंट 9000, राजस्थान जाड़ा 60-70 काउंट तमिलनाडु के लिये 7900 रुपये, 50-60 काउंट 8400 रुपये, 40-50 काउंट 8600, मुंबई जावा आंध्र का मुंबई के लिये 60-65 काउंट 10,400-10,600, महाराष्ट्र का 9400-9500, उ.प्र. के लिये 8800-9000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ।गुजरात के राजकोट और आस-पास के लाईन के मंडियाँ 18 अगस्त तक बंद है मूंगफली दाना मुंद्रा डिलेवरी बोल्ड 60-70 काउंट 7900 रुपये, 50-60 काउंट 8000 रुपये, 50-55 काउंट 8100 रुपये, 40-50 काउंट 8200 रुपये, 38-42 काउंट 8600 रुपये तथा केसो़द में मूंगफली दाना बोल्ड किस्म 50-60 काउंट 8000 रुपये, 60-70 काउंट 7850 रुपये, 40-50 काउंट 8300 रुपये, 38-42 काउंट 8700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।तिरुवन्नमलै में लाल किस्म मूंगफली दाना 80-90 काउंट 11,600, सफेद 70-80 काउंट 10,000 रुपये एवम् दिंडिगल का माल केरल के लिये 80-90 काउंट मूंगफली दाना (80 किलो) 8400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: August 18, 2025, 6:00 amमुंबई : सरकार ने वर्तमान वर्ष 20 जनवरी को 2024-25 सीजन के लिये 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दिया हुआ है और भारत ने चीनी का कुल निर्यात 6 लाख 44 हजार टन किया, जिसमे सोमवार को सबसे अधिक 1 लाख 26 हजार टन हुआ। चीनी व्यापार संगठन एआईएसटीए ने सरकार से चीनी निर्यात कोटा आवंटन मिलों को केवल अपने स्वयं के सुविधाओं से करने का आग्रह किया है, क्योंकि वर्तमान सिस्टम से निर्यात बाधित होता है तथा मिलों के लाभ पर प्रभाव पड़ता है। विद्यमान कोटा सिस्टम में सभी मिलें पूर्व उत्पादन के आधार पर सीमित मात्रा में ही निर्यात कर पाती है, क्योंकि पिछले क्षेत्र के मिलों को अपना कोटा अन्य को बिक्री करने का दबाव पड़ता है। वर्तमान में चीनी निर्यात प्रतिबंधित श्रेणी में है तथा सरकार मिलों के बीच कोटा वितरण अनुपात के माध्यम से मात्रा जारी करती है। संगठन ने 15 जनवरी, 2024 से सी-हैवी शीरा पर50 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाये जाने की भी आलोचना करते हुए कहाकि इससे निर्यात को बढावा नही मिला है और भारत के एथनॉल कार्यक्रम में सी-हैवी शीरा की भागीदारी 2 प्रतिशत से कम है, ऐसे में बिना डिस्टलरीज निर्यात को नियंत्रित किये जाने पर मिलों को नुकसान उठाना पड़ता है।
Updated On: August 18, 2025, 5:59 amअस्ताना : अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) पिछले पांच वर्षों से एशिया और यूरोप दोनों में स्थित कजाकिस्तान में पिछले पांच वर्षों से गेहूं औरअन्य खाद्यान्न के बजाय तिलहन उत्पादन में विशेषकर उत्तर एवं पूर्वी भाग में सूर्यफूल उत्पादन को बढावा दे रहा है और मौसम तथा सरकार की नीतियों के कारण फसल उतारा बढ़ने सेें तिलहन उत्पादन में वृद्धि जारी रहने का अनुमान है। कजाकिस्तान के कार्यालयी आंकड़ा अनुसार देश में 2025-29 तक तिलहन बुवाई क्षेत्र 40 लाख हेक्टर तक करने का लक्ष्य है और वर्ष, 2020 में तिलहन की खेती 28 लाख हेक्टर में होती थी, जो 2025-26 में बढकर 33 लाख हेक्टर तक पहुंच गयी है एवं देश के तिलहन उत्पादन में सबसे अधिक सूर्यफूल का उत्पादन होता है और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कजाक सरकार किसानों को लोकल कारखानेदारों को सूर्यफूल डिलेवरी करने पर लगभग 48 डालर प्रति टन का सब्सिडी देती है। सरकार द्वारा सूर्यफूल पर लिये जाने वाले 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क जो कम से कम 116 डालर प्रति टन निर्धारित है और प्राप्त राशि का उपयोग तिलहनो के उत्पादन पर करती है। कजाकिस्तान में बढिया क्वालिटी की बीजों का उपयोग करने और बढिया विधि से खेती करने तथा किसानो द्वारा तिलहनों की बुवाई के लिए आकर्षित होने से वर्ष, 2014 में सूर्यफूल का औसत उतारा 800 किलो था, जो धीमी गति से बढते हुए 1500 किलो तकपहुंच गया, जबकि अलसी, सरसों तथा करडी (कुसुम) का प्रति हेक्टर उतारा 1200 किलो के आसपास पहुंच गया है। देश की रिफाइनिंग क्षमता वर्ष, 2014-15 में उत्पादन केवल 1 लाख 80 हजार टन के मुकाबले वर्ष, 2021 में 3 लाख टन के बाद 2023-24 में बढकर 5 लाख 60 हजार टन के बाद 2025 तक बढ़कर 6 लाख टन तक पहुंच गया जिससे वनस्पति तेल उत्पादन को बढावा मिला। कजाकस्तान के अधिकारी सूत्रों के अनुसार देश से सूर्यफूल का निर्यात 2014-15 के 2 लाख टन से कम था, जो 2023-24 में बढकर 10 लाख टन से अधिक तक पहुंच गया। एपीके की रिपोर्ट के वर्तमान वर्ष के प्रथम छह महीने में सूर्यफूल तेल का उत्पादन पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के मुकाबले 21.3 प्रतिशत बढकर 3 लाख 88 हजार टन हुआ, जो घरेलू खपत के मुकाबले अधिक है। 2023-24 में उजबेकिस्तान कजाक के वनस्पति तेल और खल का े लगभग 3 लाख 80 हजार टन आयात किया, जो कजाक के कुल निर्यात का एक तिहाई से भी अधिक है। पिछले दो वर्षों से चीन के लिये सूर्यफूल तेल का ट्रेन से लदान प्रति माह 50-70 वैगन से बढकर 300-350 वैगन तक पहुंच गया।
Updated On: August 18, 2025, 5:57 am