वियतनाम कालीमिर्च में मजबूती हनोई : अंतर्राष्ट्रीय कालीमिर्च संगठन (आईपीसी) के अनुसार इंडोनेशियाई कालीमिर्च के मूल्यों में मामूली गिरावट होकर लैमपंग कालीमिर्च का मूल्य 14 डालर घटकर 7251 डालर और मुंटोक सफेद कालीमिर्च का मूल्य 18 डालर घटकर 10010 डालर प्रति टन हो गया, जबकी मलेशिया की कालीमिर्च का मूल्य स्थिर होकर 9000 डालर और सफेद कालीमिर्च 11600 डालर प्रति टन ऑफर किया गया है, लेकिन ब्राजील में कालीमिर्च का मूल्य 200 डालर बढकर 6700 डालर प्रति टन हो गया है, जिसके मुकाबले वियतनाम कालीमिर्च का निर्यात मूल्य 6500 डालर और सफेद कालीमिर्च का 9550 डालर प्रति टन पर व्यापार हो रहा है। वियतनाम के गिया लाई प्रांत में 4500 वीएनडी बढकर 162,500 वीएनडी (6.36 डालर) और बाय-रिया वुंग तौ और डकनोंग प्रांत में 3000 वीएनडी बढकर 1,61,000 (6.30 डालर) और 16300 (6.34 डालर) प्रति किलो हो गया। वियतनाम कालीमिर्च और मसाला संघ की रिपोर्ट के अनुसार लुनर नव वर्ष के बाद चीन और अमेरिका की मांग बढ़ने से वियतनाम के घरेलू कालीमिर्च का मूल्य 3000 - 4500 वीएनडी (वियतनामी डांग) (0.12-0.18 डालर) बढकर 164000 वीएनडी (6.41 डालर ) प्रति किलो हो गया। विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख बाजारों के लिये मांग में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है,लेकिन वियतनाम के कस्टम विभाग के आंकड़ा के अनुसार 1-15 जनवरी के दौरान वियतनाम ने 7313 टन कालीमिर्च निर्यात किया, जो एक वर्ष पूर्व के इसी समान अवधि के मुकाबले मात्रा के आधार पर 3 प्रतिशत कम हुआ है। निर्यातकों की रिपोर्ट के अनुसार चीन के लिये वियतनामी कालीमिर्च की मांग बढ रही है, विशेषकर प्रोसेसिंग करके भारत को दुबारा निर्यात करने वाले खरीदी दारो की खरीदी हो रही हैं तथा अमेरिका और यूरोपीय संघ के लिये अच्छी मांग है, जिससे वियतनामी घरेलू मूल्यों को समर्थन मिल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार कुछ भागों में कम उत्पादन और वैश्विक स्तर पर मांग स्थिर रहने से वर्ष, 2025 में कालीमिर्च का मूल्य सामान्य रहने का अनुमान है।
Updated On: February 17, 2025, 7:30 amహైదరాబాద్ ః దేశంలో రబీ మరియు యాసంగి వేరుసెనగ ఉత్పత్తి సమృద్ధిగా రాణిస్తోంది. ఇప్పటి వరకు రైతుల వద్ద సమృద్ధిగా సరుకు నిల్వలు అందుబాటులో ఉన్నాయి. ఎగుమతి డిమాండ్ కొరవడినందున ధరలు చతికిలబడుతున్నాయి. అయినప్పటికీ స్వేచ్ఛా విపణిలో ఉత్పాదకులకు మద్దతు ధరకు ధీటుగా లభ్యమవుతున్నందున సేద్యం సంతృప్తికరంగా విస్తరింపజేస్తున్నారు. ప్రస్తుతం గుజరాత్, రాజస్తాన్, కర్ణాటక, తమిళనాడు, ఆంధ్రప్రదేశ్, తెలంగాణ తదితర ఉత్పాదక రాష్ట్రాలలో కలిసి దాదాపు వేరుసెనగ రాబడులు 4 లక్షల బస్తాలకు చేరాయి. మార్చి ఇదే విధంగా సరుకు రాబడి అయ్యే అవకాశం కనిపిస్తున్నది. గుజరాత్లోని అన్ని మార్కెట్లలో కలిసి ప్రతి రోజు 50-60 వేల బస్తాలు, ఉత్తరప్రదేశ్లో 60-70 వేల బస్తాలు, రాజస్తాన్ 1 లక్షల బస్తాలు, మధ్యప్రదేశ్ 60-70 వేల బస్తాలు, ఆంధ్రప్రదేశ్, తెలంగాణలో వారంలో 40-50 వేల బస్తాలు, కర్ణాటకలో 50-60 వేల బస్తాల వేరుసెనగ రాబడి అవుతున్నది. ఆంధ్రప్రదేశ్లోని ఆదోని 8-9 వేల బస్తాలు, ఎమ్మిగనూరులో 6-7 వేల బస్తాల కొత్త వేరుసెనగ రాబడిపై రూ. 4500-5900, కర్నూలులో 3-4 వేల బస్తాలు, అనంతపురంలో 4-5 వేల బస్తాలు కదిరి లేపాక్షి రూ. 4000-5000, కె-6 పీ-నట్ నాణ్యమైన సరుకు రూ. 5000-6500. హెచ్పిఎస్ 80-90 కౌంట్ రూ. 8900-9000, చెన్నై డెలివరి రూ. 9500-9600, 70-80 కౌంట్ స్థానికంగా రూ. 9400, 60-70 కౌంట్ రూ. 10,000-10,100 తమిళనాడు కోసం వ్యాపారమవుతున్నది. తెలంగాణలోని వనపర్తిలో గత వారం 80-90 వేల బస్తాల సరుకు రాబడిపై రూ. 5500-7000, కేసముద్రం, జడ్చర్ల, మహబూబ్నగర్, గద్వాల ప్రాంతాలలో కలిసి 10-12 వేల బస్తాలు రూ. 4470-6735, వనపర్తిలో హెచ్పిఎస్ 80-90 కౌంట్ స్థానికంగా రూ. 9600, 70-80 కౌంట్ రూ. 9800, 60-70 కౌంట్ రూ. 10,000, 60-65 కౌంట్ రూ. 10,300, 90-100 కౌంట్ 9300, కళ్యాణి రూ. 7500 ప్రతి క్వింటాలు ధరతో వ్యాపారమై హైదరాబాద్, మహారాష్ట్ర, ఉత్తర తెలంగాణ కోసం రవాణా అవుతున్నది. ఉత్తరప్రదేశ్ మార్కెట్లలో రైతుల సరుకు రూ. 3800-4300, హెచ్పిఎస్ 60-70 కౌంట్ రూ. 7300 ప్రతి క్వింటాలు ధరతో వ్యాపారమై గుజరాత్, మహారాష్ట్ర, తమిళనాడు కోసం రవాణా అవుతున్నది. గుజరాత్లోని గోండల్, రాజ్కోట్, జునాగఢ్ ప్రాంతాలలో రూ. 4500-6000, రాజ్కోట్లో 20-నంబర్ సూపర్ రకం ఎండు సరుకు రూ. 5600-5800, మీడియం రూ. 5350-5550, సాధారణ రకం రూ. 5150-5350, బిటి-39 సూపర్ రకం సరుకు రూ. 5500-5985, మీడియుం రూ. 4500-5000, సాధారణ రకం రూ. 4250-4500, హెచ్పిఎస్ ముంద్రా ఓడరేవు డెలివరి 50-60 కౌంట్ కొత్త సరుకు బోల్డు రూ. 7750, 40-50 కౌంట్ రూ. 7950, 38-42 కౌంట్ రూ. 8150, 39 రకం బోల్డు కొత్త సరుకు 40-50 కౌంట్ రూ. 7950, మధ్యప్రదేశ్, ఉత్తరప్రదేశ్ ప్రాంతాల కొత్త సరుకు టిజె స్థానికంగా 80-90 కౌంట్ రూ. 7000, 50-60 కౌంట్ రూ. 7850 మరియు 140-150 కౌంట్ రూ. 6800 ప్రతి క్వింటాలు ధరతో వ్యాపారమైంది. మధ్యప్రదేశ్లోని ధామనోద్, నీమచ్, మందసోర్, రత్లాం ప్రాంతాలలో ప్రతి రోజు 30-40 వేల బస్తాల వేరుసెనగ రాబడిపై నాణ్యమైన సరుకు రూ. 5000-5250, మీడియం రూ. 4700-5000, సాధారణ రకం రూ. 4700-4800 ప్రతి క్వింటాలు ధరతో వ్యాపారమైంది. కర్ణాటకలోని బళ్లారి, చెల్లకేరి, దావణగెరి, శీరా, చిత్రదుర్గ్ ప్రాంతాల స్థానిక మార్కెట్లలో కదిరి లేపాక్షి రూ. 4000-5500, కె-6 రూ. 6000-7000, చెల్లకేరిలో హెచ్పిఎస్ 80-90 కౌంట్ రూ. 9050-9100, 90-100 కౌంట్ రూ. 8800- 8850, 70-80 కౌంట్ రూ. 9300-9400, కళ్యాణి రూ. 7200-7300, కె-6 మిక్స్ సరుకు రూ. 8700-8800, 90-100 కౌంట్ రూ. 8800-8850 మరియు రాజస్తాన్లోని జైపూర్, భికనీర్ మరియు పరిసర ప్రాంతాల వేరుసెనగ రూ. 4700-5100, హెచ్పిఎస్ 40-50 కౌంట్ రూ. 7700, 50-60 కౌంట్ రూ. 7500, 60-65 కౌంట్ రూ. 7300, 60-70 కౌంట్ రూ. 7100 ప్రతి క్వింటాలు ధరతో వ్యాపారమైంది.
Updated On: January 12, 2025, 1:18 pmहैदराबाद : देश के हल्दी उत्पादक राज्यों में मौसम तेज गति से साफ हो रहा है और अनुमान है कि आगामी महीने से तेलंगाना , तमिलनाडु और कर्नाटक में आवक बढ़ सकती है, जिससे स्टॉकिस्ट वायदा में तेजी का रुख बनाकर अपना स्टॉक बाहर निकाल रहे है, क्योंकि तेलंगाना में हल्दी खुदाई का काम तेजी से हो रहा है और निजामाबाद मंडी में शुक्रवार के दिन आरमुर लाईन से लगभग 100 बोरी नये हल्दी की आवक हुई, लेकिन माल अधिक नमी वाला होने से व्यापार नहीं हुआ और मकर संक्रांति त्यौहार के कारण 11 जनवरी से 15 जनवरी तक मंडियाँ बंद रहेगी और 16 जनवरी को निजामाबाद में कुल 500 बोरी नये माल की आवक होने की संभावना है। हल्दी के बड़े किसानों का स्टॉक बाहरर निकल रहा है, जिससे तमिलनाडु में सप्ताहिक 30 हजार बोरी की आवक हो रही है और उत्पादन की स्थितिको देखकर कारखानेदार आवश्यकता के अनुसार खरीदी कर रहे है, क्योंकि अनुमान है 2025 के सीजन में मूल्य घटकर 10,000 रुपये या इससे कम हो सकता है। एनसीडीईएक्स पर सोमवार के दिन हल्दी का अप्रैल वायदा 15,666 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 438 रुपये घटकर 15,228 रुपये और मई वायदा 390 रुपये घटकर 15,300 रुपये पर बंद हुआ। निजामाबाद में पिछलेे सप्ताह 5 से 6 हजार बोरी पुराने माल की आवक पर काड़ी 13,500-14,300, गट्ठा 12,600-13,000 रुपये लोकल लूज एवं मोटर बिल्टी पालिश काड़ी 14,800-15,000, गट्ठा 14,200-14,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के दुग्गिराला में 500 से 600 बोरी की आवक पर काड़ी व गट्ठा 11,400-11,700 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के हिंगोली मेें एक सप्ताह के दौरान 6 से 7 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 13,500-14,500, गट्ठा 13,000-13,500, डंकी काड़ी व गट्ठा 11,500-12,800 रुपये और बसमतनगर में 8 से 10 हजार बोरी की बिक्री पर बढ़िया काड़ी 14,800-15,150, मीडियम काड़ी 13,000-13,500, गट्ठा 13,300-13,800, मीडियम 12,500-13,200 रुपये, नांदेड़ में 3 से 4 हजार बोरी की बिक्री पर काड़ी 13,000-14,000, गट्ठा 12,500-13,200 रुपये एवं सांगली में 5 से 6 हजार बोरी की बिक्री पर राजापुरी 15,500-16,200, गट्ठा 13,000-14,800, मीडियम काड़ी व गट्ठा 12,500-13,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। ओड़ीशा के बेहरामपूर में 500 से 600 बोरी की बिक्री पर काड़ी 11800-12,000 पालिश काड़ी 12,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तमिलनाडु के ईरोड़ में पिछले सप्ताह 21 से 22 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 6269-14,810, गट्ठा 5099-13,099 रुपये तथा पेरूंदुराई में 3 से 4 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 9,869-14,649, गट्ठा 8899-13,242, गोपीचेट्टीपालयम में काड़ी 9749-13,912, गट्ठा 9399 -13,659 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:11 pmहैदराबाद : गुजरात में 6 जनवरी तक जीरा की बुवाई पिछले वर्ष के 5 लाख 60 हजार 841 हेक्टर के मुकाबले 87 हजार 226 हैक्टर घटकर 4 लाख 73 हजार 615 हेक्टर पर हुई है। जानकार सूत्रों के अनुसार वर्तमान वर्ष बुवाई में केवल 15 प्रतिशत की कमी हुई है, जबकि पिछले वर्ष बुवाई वर्ष 2022 के मुकाबले बहुत अधिक हुई थी और अभी तक गुजरात, राजस्थान के जीरा उत्पादकों के पास माल का स्ट़ॉक है और वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए फसल उतारा में भी वृद्धि हो सकती है, ऐसी स्थिति में मार्च, अप्रैल के दौरान मूल्यों में भारी गिरावट होती है, तो स्टॉक करना लाभदायक बन सकता है। एनसीडीईएक्स पर जीरा का जनवरी वायदा सोमवार के दिन 24,500 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 625 रुपये घटकर 23,875 रुपये, मार्च वायदा 5 रुपये घटकर 23,370 रुपये पर बंद हुआ। इस समय गुजरात और राजस्थान की सभी मंडियों में मिलाकर साप्ताहिक 65 से 70 हजार बोरी कसानों के माल की आवक पर केवल 75 से 80 प्रतिशत ही माल की बिक्री हो रही है, जिससे मूल्य स्थिर रहे। गुजरात के गोंडल में बुधवार के दिन 15 बोरी नये जीरे की आवक हुई, लेकिन माल अधिक नमी वाला और हल्का रहने से 9500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर मुहूर्त व्यापार हुआ तथा 4-5 हजार बोरी पुराने माल की आवक पर मीडियम 21,000-21,500, मीडियम बेस्ट 22,500-23,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। ऊंझा में 30 से 32 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 20,000-20,500, मीडियम 21,500-22,500, बढिया 23,000-23,500,मशीन क्लीन 24,300 रुपये तथा राजकोट में साप्ताहिक 6 से 7 हजार बोरी की आवक पर एवरेज 20,000-21,000, मीडियम 21,000-21,500, सारू किस्म 21,500-22,000, यूरोपियन किस्म 22,000-22,250, किराणा क्वालिटी 22,300-22,500 रुपये और हलवड़ व आसपास लाईन की मंडियों में मिलाकर 3 से 4 हजार बोरी की आवक पर मीडियम 20,500-21,000, मीडियम बेस्ट 22,500-22,700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:10 pmहैदराबाद : व्यापारिक सूत्रों के अनुसार आंध्र के सभी शीतगृहों में अब-तक 38 से 40 लाख बोरी लालमिर्च स्टॉक है, जिसमें केवल गुंटूर में 22 से 23 लाख बोरी स्टॉक होने का अनुमान है और इस समय मौसम अनुकूल होने से 20 जनवरी से नये माल की आवक में और भी वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि 11 जनवरी 15 जनवरी तक संक्रांति के कारण मंडियाँ बंद रहेगी और 16 जनवरी से बाजार खुलने के बाद किसानों का माल एक साथ आने की संभावना है, जिससे मूल्यों में और भी मंदी आ सकती है। पिछले सप्ताह गुंटूर मंडी यार्ड में गुंटूर शीतगृहों से 1 लाख 50 हजार बोरी और आस-पास लाईन के मंडियों से 85 हजार बोरी मिलाकर 2 लाख 35 हजार बोरी की आवक में 2 लाख बोरी की बिक्री हुई, जिसमें तेजा, 355 ब्याडगी, सिंजेंटा ब्याडगी, 334, सुपर-10 किस्म, बीएफ, 2043, तेजा मीडियम, मीडियम बेस्ट, 273, कुबेरा किस्मों में 500 रुपये तथा आरमुर, स्पार्क-शार्क, रोमी, क्लासिक, सभी मीडियम, मीडियम बेस्ट, तेजा फटकी, फटकी में 1000 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई। गुंटूर में पिछले सप्ताह कर्नूल, एम्मिगनूर, प्रकाशम और तेलंगाना के महबूबनगर, गद्वाल, भद्राचलम्, भद्राद्री कोत्तागुड़ेम लाईनों से 1 लाख 70 हजार बोरी नई लालमिर्च की आवक पर 1 लाख 45 हजार बोरी की बिक्री हुई, जिसमें डीडी, 341, तेजा डीलक्स जैसे किस्मों के मूल्य स्थिर रहे, बाकी अन्य सभी किस्मों के मूल्यों में 500 से 1000 रुपये की गिरावट हुई। मध्यप्रदेश की मंडियों में आवक कम हो गई है, लेकिन आंध्र, तेलंगाना में आवक बढ़ने से मध्यप्रदेश के लालमिर्च के मूल्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। गुन्टूर के शीतगृहों में स्टाक रखी हुई तेजा 12,000-15,000, अधिकतर माल 13,500-14,500 रूपये, 355 ब्याडगी 9000-11,000, सिंजेंटा ब्याडगी 5531 किस्म 9000-12,000, डीडी 10,000-12,000 रुपये, 341 किस्म एवं नम्बर-5 किस्म 10,000-14,000 रुपयेे, कुबेरा, 273 किस्म 9000-11,000 रुपये, बढ़िया 334, सुपर-10 किस्म 13,000-14,000, मीडियम, मीडियम बेस्ट 11,000-12,500, आरमुर 8000-10,000, स्पार्क-शार्क किस्म 11,000-13,000 रुपये, रोमी किस्म 12,000-13,500 रुपये, 2043 ब्याडगी 10,000-12,000, क्लासिक 8000-10,500, बुलेट, बंगारम् 9000-13,000, बीएफ (पिछले वर्ष का) 6000-8500, तेजा फटकी 6000-7000, साधारण फटकी 3000-5500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर क्वालिटी अनुसार व्यापार हुआ। गुंटूर में नई तेजा 12,000-15,000, डिलक्स 15,200-15,500, डीडी 11,000-13,500, सिंजेंटा ब्याडगी 5531 किस्म 10,000-12,000 रुपये,डिलक्स 12,500 रुपये, 341 किस्म 13,000-15,500 रुपये, नं-5 किस्म 11,000-14,000 आरमुर 9000-10,500 रुपये, 355 ब्याडगी 9500-11,500 रुपये, 334, सुपर-10 किस्म 10,000-13,500, डिलक्स 14,000, स्पार्क-शार्क किस्म 11,000-12,500, रोमी 11,000-13,500, कुबेरा, 273 किस्म 9000-11,000, बंगारम 9000-12,000 रुपये, 2043 ब्याडगी 10,000-12,000, सीड़ मिडियम किस्म 7000-10,000, तेजा फटकी 6000-7500, डिलक्स फटकी 8000, साधारण फटकी 4000-6500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। खम्मम के शीतगृहों में अब-तक लगभग 3 लाख 19 हजार 150 बोरी लालमिर्च का स्टॉक है, जिसमें पिछले एक सप्ताह के दौरान 38 से 40 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर बढ़िया तेजा 15,700, मीडियम 14,500-15,000 रुपये, फटकी 7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ तथा शीतगृहों के माल की आवक लगभग समाप्त हो चुकी है। वरंगल में पिछले सप्ताह 40 से 45 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर तेजा 12,000-15,000 रुपये, 341 किस्म 12,000-14,300 , वंडर हॉट 10,000-13,000 रुपये, 5531 किस्म 10,000-12,000 रुपये तथा 30 से 35 हजार बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर बढिया तेजा 13,000-14,500, मीडियम 11,000 रुपये, 341 किस्म 11,000-13,000 रुपये, 1048 किस्म 12,000 रुपये, टमाटा 12,000-20,000, दीपिका 15,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुअ। हैदराबाद में पिछले एक सप्ताह के दौरान महबूबनगर, गदवाल लाईनों से 24 से 25 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर सीड़ नमी वाला माल 8000-12,000, तेजा 12,000-14,000, सुपर-10 किस्म 12,000-13,000, आरमुर किस्म 10,000-11,500 रुपये, सिंजेटा 11,000-12,000 रुपये, 341 एवं सी-5 किस्म 9000-13,500, बढिया फटकी 8500, फटकी 3500-6000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। कर्नाटक के ब्याडगी में सोमवार व गुरुवार मिलाकर 2 लाख बोरी नये लालमिर्च की आवक पर ढब्बी 28,000-35,000 रुपये, बढ़िया 5531 किस्म 10,000-12,500, केडीएल डीलक्स 29,000-33,000, बढिया केडीएल 22,000-25,000 रुपये, मीडियम 9000-11,500 रुपये, 2043 किस्म 10,000-14,000 रुपये, डीडी 12,500-14,500 रुपये, 5531 फटकी 5500-7000 रुपये, 2043 एवं केडीएल फटकी 2500-4000 रुपये तथा 18 से 20 हजार बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर ़केडीएल डीलक्स 14,000-16,000 रुपये, 2043 किस्म 10,000-12,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। सिंधनूर में मंगलवार के दिन 15 हजार बोरी नये लालमिर्च की आवक पर ढब्बी 22,000-25,000, केडीएल 20,000-28,900 रुपये, 2043 सुपर-10 किस्म 10,000-13,000, तेजा 13,000-15,000 रुपये, 5531 किस्म 11,500-12,500, केडीएल फटकी 6000-7000, तेजा फटकी 6000-8000 रुपये, 2043 फटकी 3000-5000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुअ। गुजरात के राजकोट में पिछले एक सप्ताह के दौरान 2000 से 2500 बोरी नये लालमिर्च की आवक पर सानिया किस्म 11,000-12,750, रव्वा किस्म 14,500-17,500, मीडियम 9500-11,000, फटकी 2500-5500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के नंदूरबार में साप्ताहिक 8 से 10 हजार क्विंटल की आवक पर नमी वाली तेजा 2500-3000, फटकी 1700-1900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्यप्रदेश के धामनोद में गुरूवार के दिन 6 हजार बोरी की आवक पर माही किस्म 14,000-14,500, मोटा माल 13,000-13,500, डंडीकट 15,000, लाल कट फटकी 6500-7000, नमी वाला माल 4000-5000 रुपये तथा बेडिया में पिछले सप्ताह 15 हजार बोरी की आवक पर फूलकट 12,000-15,000, मीडियम 12,000-14,000, डंडीदार 8000-10,000, फूलकट फटकी 7000-7500, डंडीदार फटकी 5000-5500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। छत्तीसगढ़ के जगदलपूर में पिछले सप्ताह 700 से 800 बोरी नये लालमिर्च की आवक पर तेजा 15,000-15,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ , जबकि शीतगृहों का माल समाप्त हो चुका है।
Updated On: January 12, 2025, 1:09 pmहैदराबाद : देश के प्रमुख अजवायन उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश, गुजरात और तेलंगाना में नये माल की आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है और एक सप्ताह के बाद कर्नूल मंडी में आवक प्रारंभ होने की संभावना है, क्योंकि सीमा पर स्थित कर्नाटक में फसल कटाई कार्य प्रारंभ हो गया है तथा व्यापारियाेंं का अनुमान है कि जनवरी अंतिम सप्ताह या फरवरी प्रथम सप्ताह तक सभी मंडियों में आवक का दबाव बढ़ते ही मूल्यों में कमी आ सकती है। मध्यप्रदेश के नीमच में पिछले एक सप्ताह के दौरान 400 से 500 बोरी नये माल की आवक पर एवरेज 11,500-12,500, मीडियम 13,500-13,700, बढिया 14,500-15,000 रुपये एवं 1800 से 2000 बोरी पुराने माल की आवक पर एवरेज 11,500-12,000, मीडियम 13,500-14,000, मीडियम बेस्ट 14,500-15,500 रुपये तथा पोहरी में पिछले सप्ताह 300 से 350 बोरी नये अजवायन की आवक पर नमी वाला माल 8000-8500, मीडियम 11,500-12,000, मीडियम बेस्ट 12,200-12,600 रुपये तथा शीतगृहों में स्टाक रखा हुआ पुराना माल 10,500-13,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के जामनगर में पिछले सप्ताह के दौरान 4 से 5 हजार बोरी नये अजवायन की आवक पर एवरेज 14,000-14,500, मीडियम बेस्ट 16,000-18,000, मीडियम हरा 20,000-24,000, हरा मोटा दाना 28,000-28,500 रुपये तथा 400 से 500 बोरी पुराने माल की आवक पर एवरेज 10,000-10,500, मीडियम बेस्ट 11,500-12,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के कर्नूल में बढ़िया माल 17,500-18,000, मीडियम बेस्ट 16,500-17,000 मीडियम 15,000-15,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ एवम् तेलंगाना के विकाराबाद मंडी में गुरूवार के दिन 100 बोरी नये अजवायन की आवक पर 10,000-13,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ तथा मरीपल्ली, परगी, शादनगर लाइन में नये माल की आवक प्रारंभ होने की संभावना है।
Updated On: January 12, 2025, 1:08 pmहैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार इस वर्ष देश में गन्ना किसानों का माल सीधे चीनी मिलो को लदान हो रहा है, जिससे गुड़ उत्पादन कम हो रहा है और उत्तर प्रदेश में गुड़ तैयार होने के साथ बाहरी राज्यो को लदान होकर शीतगृहो में स्टॉक हो रहा है, जिससे नया सीजन प्रारंभ होकर तीन महाने होने के बावजूद मुजफ्फरनगर के शीतगृहों में 6 जनवरी 2025 तक गुड का स्टॉक पिछले वर्ष की इसी समान अवधि के 2 लाख 96 हजार 857 कट्टे के मुकाबले घटकर 74 हजार 127 कट्टे का हुआ है। मुजफ्फरनगर के शीतगृहों में 6 जनवरी 2025 तक चाकू का स्टॉक पिछले वर्ष के 1 लाख 57 हजार 309 कट्टे के मुकाबले घटकर केवल 19 हजार 223 कट्टे, पापड़ी 28 हजार 199 कट्टे के मुकाबले घटकर 730 कट्टे, रसकट 16 हजार 34 कट्टे मुकाबले घटकर 826 कट्टे, खुरपा 1384 कट्टे के मुकाबले घटकर 337 कट्टे,चौरस 12 हजार 744 कट्टे के मुकाबले घटकर 3390 कट्टे, राबटीन 81 हजार 187 कट्टे के मुकाबले घटकर 49 हजार 621 कट्टे का हुआ। मुजफ्फरनगर में साप्ताहिक 8 से 10 हजार मण गुड़ की आवक पर प्रति 40 किलो पर चाकू 1480-1750, लड्डु 1500-1700, खुरपा 1500-1550, रसकट 1230-1280 रुपये तथा पापड़ी प्रति क्विंटल 3400-3500 रुपये एवम् हापुड़ में 50 से 55 मोटर नये गुड़ की आवक पर प्रति 40 किलो बाल्टी 1300-1450, खटोली लाईन में 1300-1350 रुपये लोकल लूज तथा अमरोहा में 3 से 4 मोटर की आवक पर बाल्टी गुड़ 3630-3700, लड्डू 3750-3850 रुपये और मुरादनगर में 3750 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के लातूर में पिछले एक सप्ताह के दौरान 20 से 22 हजार भेली नये गुड़ की आवक पर बढ़िया पीला 4000-4050, लाल माल 3600-3700 रुपये, लाल-काला मिक्स 3000-3100 रुपये तथा सोलापुर में 7 से 8 हजार भेली की आवक पर पीला 3900-4000, लाल 3500-3600, मिक्स माल 3000-3100 रुपये और सांगली में 8 से 10 हजार भेली शीतगृहों के माल की बिक्री पर पीला 3600-3900, गुजरात किस्म 3800-3900, मुंबई किस्म 3850-4000, सफेद 4000-4150 रुपये तथा कोल्हापुर मेें 5 से 6 हजार भेली की आवक पर 3400-3450 रुपये एवम् पुणे में 8 से 10 हजार भेली की आवक पर बढ़िया 4100-4200, मीडियम बेस्ट 3700-3850, मीडियम 3400-3550, एवरेज 3200, ग्लास किस्म 4400 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्यप्रदेश के बेतुल, नर्सिंगपूर, छिंदवाड़ा, करेली और आस-पास लाईन की मंडियों में मिलाकर 125 से 130 मोटर गुड़ की आवक पर 3100-3300 रुपये तथा दिल्ली मंडी में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के छोटे गाँवों से मिलाकर प्रतिदिन 7 से 8 हजार क्विंटल की आवक पर लड्डू किस्म 4100-4250, चाकू 3900-3950, ढैय्या गुड 4400-4500 रुपये और मध्य प्रदेश का माल 3400-3500 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। आंध्र के अनकापल्ली में पिछले एक सप्ताह के दौरान 40 से 45 हजार भेली नये गुड़ की आवक पर गुलाबी किस्म 4900-5000, मीडियम 4000-4100, काला माल 3200-3250 रुपये एवं चित्तूर में साप्ताहिक 30 से 35 मोटर की बिक्री पर सुपर फाईन 4900-5000, पीला 4600-4700, काला 4150-4200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। कर्नाटक के मांडयाँ में साप्ताहिक 55 से 60 मोटर की आवक पर लाल किस्म 3500, सिंगल फिल्टर 3600, डबल फिल्टर 3700 एवं चौरस 4000 रुपये तथा शिवमोगा में 18 से 20 मोटर शीतगृहों के माल की बिक्री पर देशी गुड़ 3800-3850 रुपये एवं महालिंगपूर में 8 से 10 मोटर की बिक्री पर बढ़िया बॉक्स किस्म 4200, मीडियम 3800-3900 रुपये तथा 200 ग्र्राम टुकड़ा 4250 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। हैदराबाद में मांड्या लाईन का गुड़ (प्रति 10 किला) 4200-4300, चौरस 4600-4700, सागंली का 4600-4700, एक किलो 4300-4400 रुपये, 500 ग्राम टुकड़ा 4400-4500, महाराष्ट्र लड्डू 4000-4100, मंगलूर लड्डु 4500-4600 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:06 pmहैदराबाद ः उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ के उत्पादक लाइनों में वर्तमान रबी सीजन के लिये मसूर फसल की स्थिति बहुत अच्छी है तथा फरवरी प्रथम सप्ताह से नया सीजन प्रारंभ होने की संभावना है, जिससे मूल्यों पर दबाव पड़ रहा है, क्योंकि तुवर दाल के मूल्यों भारी गिरावट से मसूर दाल की खपत वाले क्षेत्रों में तुवर दाल की खपत बढ रही है। मुंबई में कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया की मसूर 6000-6100 रुपये तथा हाजिरा एवं मुंदरा पर कनाडा की 5725-5750 रुपये तथा दिल्ली में मध्य प्रदेश लाइन की 6725 रुपयेे के मूल्य पर व्यापार हुआ, जबकि कानपुर में मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश की मसूर 6500 रुपये, बरेली में मोटी मसूर 6625-6650 रुपये, बारीक 7000 रुपये और बहराईच में 7200-7250 रुपये तथा महोबा, झांसी, ललितपुर में मोटी 5700-5900, बारीक 6100-6200 रुपये तथा गंजबसौदा, कटनी, सागर, दमोह, अशोकनगर लाइनों में 5600-6000 रुपये एवं इंदौर में 6000-6100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। काबुली चने में मंदी का रुख व्यापारिक सूत्रों के अनुसार देश में आागमी महीने से नया काबूली चने की आवक प्रारंभ होने की संभावना से स्टॉकिस्टों की बिक्री का दबाव बढ़ रहा है तथा शादी-विवाह सीजन रहने के बावजूद काबूली चने में लगातार मंदी का रुख रहा। सोमवार 6 जनवरी को इंदौर में काबूली चना 40-42 काउंट व्यापार 300 रुपये घटकर 13,800 रुपये होने के बाद शनिवार तक घटकर 13,400 रुपये तथा 44-46 काउंट का सोमवार को 13,500 रुपये के मुकाबले शनिवार तक घटकर 13,100 रुपये, 46-48 काउंट का सोमवार को 13,200 रुपये के मुकाबले शनिवार तक घटकर 12,800 रुपये तथा 50-52 काउंट का सोमवार को 12,600 रुपये के मुकाबले शनिवार तक घटकर 12,200 रुपये एवम् 58-60 काउंट का सोमवार को 11,500 रुपये के मूल्य पर व्यापार होने के बाद शनिवार तक घटकर 11,200 रुपये और 80-85 काउंट का सोमवार को 100 रुपये घटकर 9300 रुपये तक पहुंचने के बाद शनिवार तक घटकर 9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:04 pmहैदराबाद : व्यापारिक सूत्रों के अनुसार वर्तमान वर्ष 2024-25 खरीफ सीजन तिल उत्पादन में कमी के बावजूद मूल्यों में वृद्धि नहीं हो रही है, जिसका प्रमुख कारण पाकिस्तान के उत्पादन में वृद्धि से विदेशों के लिये भारतीय तिल निर्यात में कमी आ रही है और मकर संक्रांति की मांग के बावजूद घरेलू तिल के मूल्यों में अधिक वृद्धि नहीं हुई। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले पाँच वर्षों से रबी तथा ग्रीष्मकालीन सीजन के उत्पादन में और बुवाई क्षेत्र में वृद्धि होने से तेल के मिलों को पूरा वर्ष तिल सप्लाई में कमी नहीं आ रही है। आंध्रप्रदेश के कडपा, पुलिवेंदुला लाईन में नई तिल की आवक प्रारभं हो गई, लेकिन पिछले कुछ दिनों से माल की क्वालिटी रेनटच आ रही है, लेकिन अनुमान है कि आगामी दिनों में माल की क्वालिटी अच्छी आ सकती है। आंध्र के नरसारावपेट लाईन शीतगृहो में स्टॉक रखा हुआ माल 10,000-11,100, कड़पा, बदवेल लाईन लोकल में लाल तिल 11,000, विरुद्धनगर डिलेवरी (75 किलो) 10500-11,000, लाल किस्म 10500-11,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह भद्राचलम के चिन्नूर लाईन में प्रतिदिन 50 बोरी नई तिल की आवक पर 10,800-11,000 रुपये प्रति क्विंटल और 75 किलो बोरी 8700 रुपये मूल्य पर तमिलनाडु के लिये डिलीवरी व्यापार हुआ। ओडिंश के मलकनगिरी लाईन में नये सफेद तिल की आवक प्रारंभ हो गई और वर्तमान में 30 से 40 बोरी की आवक पर 9000-10,000 रुपये लोकल लजू के मूल्य पर व्यापार हुआ और आगामी 15 दिनों में आवक बढ़ सकती है। पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल से साप्ताहिक 4 सेे 5 मोटर ग्रीष्मकालीन तिल की बिक्री पर लोकल में 3 प्र. एफ.एफ क्लीन 9000-9200 रुपये, 2 प्र.एफ.एफ कंडीशन 10,100-10,200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। उत्तरप्रदेश के सीतापूर, जलालाबाद, उरई और आस-पास के लाईन में 4 से 5 हजार बोरी की आवक पर 10,800-11,100 रुपये के मूल्य पर व्यापार होकर तमिलनाडू के लिये लदान हुआ। उत्तरप्रदेश के कानपुर और मध्य प्रदेश के ग्वालियर लाईन में हल्लिंग क्वालिटी तिल 11,500-11,600 रुपये तथा 99.98 प्रतिशत और 99.97 प्र. मुंबई, मुंद्रा डिलेवरी हल्लिंग तिल 15,300-15,450 रुपये, गुजरात का 99.1 प्र. ग्रीष्म कालीन सीजन का माल 12,200 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। गुजरात के तिल उत्पादक केन्द्रों पर 10 से 12 हजार बोरी की आवक पर 95.5 प्र. 8500-9500, मिडियम हल्लिंग 10,000-10,100, बढिया 10,875-11,500 रुपये, 98.2 प्रतिशत का 11,200-11,500 रुपये, 99.1 प्र. 12,000- 12,200, सफेद किराना किस्म 13,000-14,000 रुपये, प्रिमीयाम जेड ब्लैक 24,250- 24,750, काला माल 22,750-24,000, एवरेज 16,500-22,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तमिलनाडु के शिवगिरी, मुत्तर, मैलामपाडी लाईन 600-700 बोरी की आवक पर काला तिल लोकल में 16,500-17,000, लाल 10,500-14,650 रुपये, सफेद माल 12,000-14,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तुवर का बंपर उत्पादन-फरवरी में मंदी की संभावना मुंबई ः आगामी सप्ताह से आवक बढने की संभावना है तथा व्यापारिक अनुमानों के अनुसार इस समय गलबुर्गा, बीदर, भालकी,रायचुर, सेडम, चितापुर, कुस्तगी लाइन की सभी मंडियों में मिलाकर दैनिक 80-85 हजार बोरी की आवक हो रही है, जिसमें गुलबर्गा में 5000-5500 बोरी , भालकी में 2000-2500 बोरी की आवक पर लोकल मंडियों मे 6300-7100 रुपये और बढिया क्वालिटी का माल 8400-8750 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर लोकल लूज व्यापार हो रहा है और इस समय इन लाइनों का नया माल देश के दाल मिलों के लिये लदान हो रहा है। महाराष्ट्र के लातुर, औराद लाइन की बढिया तुवर चेन्नई डिलेवरी 8300 रुपये, अहमदनगर लाइन की ग्रेविटी क्लीन 8400 रुपये और मीडियम 8000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के रायलसीमा लाइन में तेज गति से फसल की कटाई का कार्य हो रहा है तथा संक्रांति के बाद आवक बढने की संभावना है। महाराष्ट्र के उत्पाद केंद्रों की मंडियों में प्रतिदिन 50-60 हजार बोरी की आवक हो रही है, जिसमे ंसोलापुर में 75-80 मोटर लातुर में 14-15 हजार, अकोला में 14-15 हजार बोरी की आवक पर सफेद 7700, मारुति 7800, गुलाबी 7900-8000 रुपये, एवरेज क्वालिटी 7600-7900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ है। चेन्नई में लेमन तुवर का मूल्य 6800-6850 रुपये, मुंबई में लेमन 6900, मोजांबिक की गजरी 6300, सफेद किस्म 6500-6550 रुपये, मटवारा 6250-6300, केन्या का सफेद तुवर 6400 रुपये तथा अरुषा 6800-6850 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक की नई तुवर कटनी डिलेवरी 8300-8400 रुपये और तुवर दाल फटका 12800-13000 कर्नाटक की तुवर इंदौर डिलेवरी 8200 तथा महाराष्ट्र की 7900 रुपय के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। नागपुर में फटका दाल 13700-13800, सव्वा नंबर 12800-12900 और लातुर में फटका 13400-13600, सव्वा नंबर 11400-11600 रुपये, अकोला में फटका 12600-13800, सव्वा नंबर 11000-11800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:02 pmमुंबई ः व्यापारिक सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु के विल्लुपुरम, कोविलपट्टी लाईन में उड़द फसल की कटाई तेजी से हो रही है, लेकिन अधिक वर्षा से माल की क्वालिटी दागी हो गयी तथा विल्लुपुरम लाईन में प्रतिदिन 4 से 5 हजार बोरी नये माल की आवक पर 5000-5800 रुपये, बढ़िया माल 7000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर लोकल लूज व्यापार होकर चेन्नई डिलेवरी 6 से 7 प्रतिशत दागी माल 7200 रुपये, आंध्र लाईन का पीयु-31 किस्म 8000, पीयु-37 क्वालिटी 8050 रुपये तथा गुजरात लाईन का टी-9 किस्म 8900 रुपये के मूल्य पर व्यपार हो रहा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार चेन्नई बंदरगाह पर ब्राजील से आयातित उड़द का व्यापार 8900 रुपये के मूल्य पर व्यापार होने के कारण तेजी की संभावना नहीं रहेगी, जिसका प्रमुख कारण आगामी महीने से आंध्र के गुंटूर, प्रकाशम लाईन में रबी सीजन उड़द की आवक की लगातार सप्लाई होने की संभावना है और अब-तक आंध्र की उड़द की फसल को कोई नुकसान नहीं है, इसके अतिरिक्त मार्च महीने तक तेलंगाना, आंध्र लाईन की लगातार माल की सप्लाई रहेगी। गुंटूर लोकल मार्केट में पॉलिश उड़द 50 रुपये घटकर 7850 रुपये, अनपॉलिश 7750 रुपये, उड़द गोटा पॉलिश 11000, एसक्यू 10600 रुपये और एफएक्यू 10350 रुपये, उत्तर प्रदेश के चंदौसी में 7950 रुपये, सारणपुर लाइन में 7650-7700 रुपये, दिल्ली डिलेवरी 8100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र तथा तेलंगाना का उड़द विरुधनगर डिलेवरी 8050 रुपये तथा महाराष्ट्र के सोलापुर में 6100-8300 रुपये, लातूर में 7000-8100 रुपये तथा अकोला में सादा 8000 तथा मध्य प्रदेश के इंदौर में 7500-8000, अशोकनगर, विदिशा, गंजबसौदा लाइनों में 5500-7500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: January 12, 2025, 1:00 pm