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मध्य मार्च से जीरा की आवक बढ़ने की संभावना

मध्य मार्च से जीरा की आवक बढ़ने की संभावना हैदराबाद : गुजरात के जीरा उत्पादक केंद्रों पर नये माल की आवक बढ़कर लगभग एक सप्ताह लगभग 4 लाख बोरी तक पहुंच गई है और 17 मार्च से आवक बटकर साप्ताहिक 5 लाख बोरी तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि वायदा बाजार मूल्यो में वृद्धि तथा मई के बाद पिछले दो वर्षो का बकाया स्टॉक बाहर निकलने की संभावना से किसानों द्वारा फसल कटाई के साथ मंडियो में माल की बिक्री कर रहे है और वर्तमान वर्ष माल की क्वालिटी भी बहुत अच्छी आ रही ह, लेकिन इस समय देश के किराणा व्यापारी जल्दी स्टॉक में नही जाना चाहते है, क्योंकि होली के बाद राजस्थान की आवक बढ़ती है और उत्पादन भी अछा हो रहा है, जिसका प्रमुख कारण कई क्षेत्रो में सौंफ की जगह जीरा बुवाई हुई है , जिससे कम से कम 1000 रुपये प्रति क्विंंटल की कमी हो सकती है। पिछले सप्ताह एनसीडीईएक्स पर सोमवार के दिन जीरा का मार्च वायदा 20,950 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 375 रुपये की वृद्धि होकर 21,325 रुपये, अप्रैल वायदा 65 रुपये बढ़कर 20,835 रुपये, मई वायदा 100 बढ़कर 20,750 रुपये पर बंद हुआ तथा अनुमान हैकि मई वायदा 21000 को क्रास करने के बाद घटकर 20,000 रुपये तक पहुंच सकता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान गुजरात के ऊंझा में लगभग 3 लाख बोरी से अधिक की आवक पर एवरेज 18, 000 -18,500, मीडियम बेस्ट 19,500 -21,000, बढ़िया 22,000-23,500 रुपये क्लीन माल 24,500-26,000 तथा 14 से 15 हजार बोरी पुराने माल की बिक्री पर 18,000-19,500 रुपये क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। राजकोट में पिछले सप्ताह लगभग 35 से 40 हजार बोरी नये जीरे की आवक पर नमी वाला माल 18,250-19,125, मीडियम 19,150-19,625, बढ़िया 19,750-20,150 रुपये, युरोप 20,150-20,625, किराणा 20,750-21,300 रुपये तथा 2500 से 3000 बोरी पुराने माल की बिक्री पर 18,000-19,500 रुपये एवम् गोंडल, जामनगर, हलवड़ लाईन में मिलाकर प्रति दिन 15 से 20 हजार बोरी नये माल की आवक पर 17,500-18,500 रुपये बढ़िया 19,500-20500 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ।

Updated On: March 10, 2025, 4:48 am
नई हल्दी साप्ताहिक आवक दो लाख बोरी - वायदा में भारी गिरावट

नई हल्दी साप्ताहिक आवक दो लाख बोरी - वायदा में भारी गिरावट हैदराबाद : देश के हल्दी उत्पादक केंद्रों पर हल्दी की आवक तेज गती से बढ़ रही है, क्योंकि उत्पादको का अनुमान हैकि महाराष्ट्र में आवक बढ़ने के बाद मंदी का रुख रहेगा और वायदा में लगातार गिरावट से महाराष्ट्र में एक सप्ताह में अनुमानित 20 हजार बोरी पुराने माल के स्टॉकिस्टो की बिक्री तथा किसानों के नये माल की आवक बढ़ने से सभी उत्पादक केंद्रो पर मिलाकर एक सप्ताह में लगभग दो लाख बोरी से भी अधिक नये माल की आवक हुई, जिसमें केवल निजामाबाद में लगभग 1 लाख 25 हजार, मेटपल्ली में 15-16 हजार बोरी की आवक हुई तथा अनुमान है,कि होली के बाद 17 मार्च से माल की अधिक आवक रहेगी। एनसीडीईएक्स पर सोमवार को हल्दी का अप्रैल वायदा 12,400 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 644 रुपये की गिरावट होकर 11,756 रुपये और मई वायदा 12,236 रुपये खुलने के बाद 436 रुपये घटकर 11,800 रुपये, जून वायदा 12,024 रुपये पर बंद हुआ। तेलंगाना के निजामाबाद में लगभग 1 लाख 25 हजार बोरी नये माल की आवक पर काडी 10,000-12,400, गठ्ठा 8000-9500 रुपये, पॉलीश काड़ी 12,500-12,800, गट्ठा 11,200-11,500 रुपये तथा मेटपल्ली में 15 से 16 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 8500-11,000, गट्ठा 7000-9500 रुपये एवम् आंध्र के दुग्गिराला में एक सप्ताह में 250 से 300 बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी व गट्ठा 9700-9800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के बसमतनगर में पिछले सप्ताह के दौरान 500 से 600 बोरी नये माल की आवक पर काड़ी व गट्ठा 10,000-11,500 रुपये तथा 8 से 10 हजार बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी 10,500-12,000, गट्ठा 10, 000 -11,000 रुपये और हिंगोली में 1000 से 1200 बोरी नये माल की आवक पर काड़ी 11,000-12,000, गट्ठा 10, 000 -11,200 रुपये तथा 6 से 7 हजार बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी 11,000-12,200, गट्ठा 10,500-11,000 रुपये तथा सांगली में 60 से 65 हजार बोरी नये माल की आवक पर काड़ी व गट्ठा 12,000-13,500, कड़पा क्वालिटी 13,000-13,500 रुपये तथा नांदेड़ में साप्ताहिक 3 हजार बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी 11,500-13,000, गट्ठा 11,200-12,300 तथा सांगली में निजामाबाद लाईन का नया काड़ी व गट्ठा 10,500-12,500 रुपये तथा ओड़ीशा के बरहमपुर में प्रतिदिन लगभग 200 से 250 बोरी नई हल्दी की आवक पर काड़ी 9500, पालीश काड़ी 9800-10,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। तमिलनाडु के ईरोड़ में लगभग 18 से 20 हजार बोरी नये माल की आवक पर काड़ी 10,549-13,954, गट्ठा 9055-12,511 रुपये तथा पुरानी काड़ी डंक वाला माल 6169 रुपये, बढ़िया माल 12,659, गट्ठा हल्का माल 5011, बढ़िया माल 11,458 रुपये तथा पेरुंदुरै में 1700 से 1800 बोरी पुराने माल की बिक्री पर काड़ी 7245-12,555, गट्ठा 6388-11,459 रुपये, नई काड़ी 10,019-13,055, गट्ठा 8250-11,599 रुपये एवम् गोबीचेट्टी पालयम में काड़ी 11,699-13,042, गट्ठा 10, 600-11,042 तथा पुरानी काड़ी व गट्ठा 8900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: March 10, 2025, 4:45 am
अप्रैल-जून में खाद्य तेलों पर मंदी के बादल ?

अप्रैल-जून में खाद्य तेलों पर मंदी के बादल ? मुंबई : चीन द्वारा अमेरिका से सोयाबीन आयात पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाये जाने के साथ अप्रैल-जून तिमाही के दौरान खाद्य तेल के मूल्यों पर दबाव बने रहने का अनुमान है। अदानि विलमर के सूत्रों के अनुसार अप्रैल-जून में खाद्य तेल के मूल्य कम रहने का अनुमान है, क्योंकि सस्ते आयातित खाद्य तेल मार्च के तीसरे सप्ताह में पहुंचेगा और अप्रैल से बिक्री प्रारंभ होगी, जिससे वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम तिमाही में मूल्य निचले स्तर पर स्थिर हो सकता है। औद्योगिक सूत्रों के अनुसार अप्रैल में खाद्य तेल का मूल्य वर्तमान के मुकाबले 4 प्रतिशत कम हो सकता है या 4 रुपये प्रति किलो की गिरावट का अनुमान है, क्योंकि आयात लागत वर्तमान के 150-155 रुपये प्रति किलो के मुकाबले कम पड़ेगा। चीन के निर्णय से पिछले तीन दिनों में वैश्विक सोया तेल के सोयाबीन तेल का मूल्य तीन दिन पूर्व 1150 डालर प्रति टन था, जो घटकर 1100 डालर प्रति टन हो गया है, जिससे पिछले तीन दिनों में सूर्यफूल तेल का मूल्य 1190 डालर के मुकाबले घटकर 1150 डालर और पाम तेल का 1240 डालर से घटकर 1200 डालर प्रति टन हो गया, लेकिन मलेशिया में पाम तेल के कम उत्पादन से शुक्रवार को पाम तेल के मूल्योें में मजबूती रही। भारत अमेरिका से सोयाबीन तेल का अधिक मात्रा में आयात नही करता है, लेकिन चीन की घोषणा से बाजार में निगेटिव प्रभाव पड़ा है और पूरे खाद्य तेल उत्पादों के मूल्यों में गिरावट हुई है। सूत्रों के अनुसार भारत में सरसों का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है, जिससे भी मूल्यो पर दबाव पड़ेगा, लेकिन वैश्विक पर किसी भी प्रकार से मूल्यों में मजबूती आने पर ही घरेलू बाजार को समर्थन मिलेगा। सूत्रों के अनुसार अमेरिका ब्राजील के बाद विश्व का दुसरा सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक और निर्यातक देश है तथा अमेरिकी तिलहन उत्पादन में सोयाबीन की भागीदारी 90 प्रतिशत से अधिक है। चीन के आयात शुल्क में वृद्धि अमेरिकी सोयाबीनआयात में कमी आएगी तथा वैश्विक बाजार में सोया बीन की उपलब्धता में वृद्धि होगी, जिससे खाद्य तेल के मूल्यों पर दबाव पड़ा है। अदानि विलमर सूत्रों के अनुसार अप्रैल-जून में खाद्य तेल के मूल्य कम रहने का अनुमान है, क्योंकि सस्ते आयातित खाद्य तेल मार्च के तीसरे सप्ताह में पहुंचेगा और अप्रैल से बिक्री प्रारंभ होगी, जिससे वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम तिमाही में मूल्य निचले स्तर पर स्थिर हो सकता है। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुमान अनुसार वर्ष, 2024-25 के दौरान अमेरिका में सोयाबीन का उत्पादन एक वर्ष पूर्व के मुकाबले 10.1 प्रतिशत बढकर 11 करोड़ 88 लाख 30 हजार टन होने का अनुमान है। भारत वार्षिक 2 करोड़ 20 लाख से 2 करोड़ 30 लाख टन खाद्य तेल का उपयोग करता है, जिसमें से 1 करोड़ 45 लाख से 1 करोड़ 50 लाख टन आयात करके पूरा करता है, जिसमें से पाम तेल का आयात 90 लाख टन और सोयाबीन और सूर्यफूल तेल का प्रत्येक का 25-30 लाख टन करता है।

Updated On: March 10, 2025, 4:42 am
अजवायन कमजोर

अजवायन कमजोर हैदराबाद : जानकार सूत्रों के अनुसार अजवायन के बढ़ते मूल्य और ग्रीष्मकालीन सीजन में कमजोर खपत के कारण किराणा व्यापारियो की आवश्यकता के अनुसार ख़रीदी से मीडियम किस्मों में 300 से 400 रुपये की गिरावट हुई, जबकि बढ़िया किस्म के मूल्य स्थिर रहे। आंध्र के कर्नूल में पिछले सप्ताह 7 से 8 हजार बोरी अजवायन की आवक पर लाल किस्म 12,800-13,500, सफेद 14,000-16,000, मीड़ियम हरा माल 18,000-22,000, बढ़िया हरा 24,000-26,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात के जामनगर में पिछले एक सप्ताह के दौरान 6 से 7 हजार बोरी की बिक्री पर एवरेज 9000-10,500, मीडियम 11,500-13,000, भूरा माल 12,000-13,200, मीडियम हरा 15,000-17,500, बढ़िया माल 18,000-30,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के नीमच में पिछले सप्ताह 700 से 800 बोरी नये माल की आवक पर बढ़िया माल 12,000-13,500 रुपये तथा 300 से 400 बोरी पुराने माल की बिक्री पर एवरेज 11,500-14,000, मीडियम 15,000-16,000, बढ़िया माल 17,000-18,000 रुपये और पोहरी में 200 से 250 बोरी की आवक पर 9000-10,500 रुपये एवं महाराष्ट्र के नंदूरबार में 700 से 800 बोरी नये माल की आवक पर एवरेज 8500-9500 रुपये, मीडियम बेस्ट 12,000-13,500 रुपये क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ।

Updated On: March 10, 2025, 4:40 am
नये मेथी की आवक से मंदी का रुख

नये मेथी की आवक से मंदी का रुख जावरा : पिछले सप्ताह गुजरात, राजस्थान , मध्य प्रदेश के उत्पादक केंद्रों पर एक सप्ताह में लगभग 25 हजार बोरी नये मेथी आवक से स्टाकिस्टो की बिक्री के कारण मंडियो में लगभग 8-9 हजार बोरी पुराने माल की आवक के साथ स्टॉकिस्टो के गोदाम और सारटेक्स कारखानो से लगभग 20 मोटर माल बाहरी राज्यो के लिए लदान होने से एवं नये माल में नमी रहने से मंदी का रुख रहा। व्यापारिक अनुमानो के अनुसार राजस्थान के नोखा, बिकानेर, जोधपुर लाईन में अप्रैल प्रथम सप्ताह से आवक अधिक रहेगी तथा पिछले सिजन में स्टॉकिस्टो को अधिक लाभ नही मिलने से इस समय नये माल के स्टॉकिस्ट सामने नही आ रहे है। नीमच में पिछले सप्ताह 3 से 4 बोरी हजार नये माल की आवक पर नमी वाला 4700-5000, मीडियम बेस्ट 5500-5800 रुपये तथा 3 हजार बोरी पुराने माल की आवक पर एवरेज 4000-4200, मीडियम 5000-5500, बेस्ट 6000-6200, जावरा में 7 से 8 हजार बोरी नये माल की आवक पर नमी वाला 4700-4800 रुपये, मीडियम 5200-5500, मीडियम बेस्ट 6000-6500, बढ़िया माल 7000-7500, फाफड़ा 8500-9400 रुपये एवम् 3 से 4 हजार बोरी पुराने माल की आवक पर एवरेज 4600-4700, मीडियम 5000-5500, बढ़िया माल 5600-6000 रुपये तथा मंदसोर में 1000 से 1200 बोरी की आवक पर एवरेज 4500-4700, मीडियम 5000-5100, बेस्ट 5500-6200 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट में एक सप्ताह के दौरान 4 से 5 हजार बोरी नये माल की आवक पर एवरेज 5000-5750, मीडियम बेस्ट 4800-6100, बढ़िया माल 6200-6600 रुपये तथा राजस्थान के रामगंजमंडी, कोटा, नोखा लाईन में 800 से 1000 बोरी नये माल की आवक पर नमी वाला 4200-4400, सूखा माल 4800-5000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: March 10, 2025, 4:38 am
मध्य प्रदेश - गुजरात ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई

मध्य प्रदेश - गुजरात ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई मुंबई : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में आगामी मई माह से प्रारंभ होने वाले सीजन के लिए ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई प्रारंभ हो गई है तथा देश में राजस्थान के अतिरीक्त राज्यो में खरीफ सीजन मूंग की आवक समाप्त हो गई है, लेकिन अन्य दलहनो ंके मूल्यों कमी से मूंग के मूल्यो में तेजी नही आ रही है। पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र मे ंग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई हुई है और अनुमान हैकि नये माल की आवक अप्रैल से प्रारंभ हो सकती है, लेकिन बुवाई कमी के संकेत मिल रहे है। गुजरात में 5 मार्च 2025 तक मूंग की बुवाई पिछले वर्ष के 9 हजार 352 हेक्टर के मुकाबले घटकर 6 हजार 581हेक्टर पर हुई है, जबकि तेलंगाना में रबी सीजन के लिये बुवाई पिछले वर्ष के 16 हजार 384 एकड़ के मुकाबले घटकर 10 हजार 657 एकड़ पर हुई है। आंध्र में रबी सीजन मूंग की आवक बढने से आंध्र लाईन बारीक चमकी मूंग चेन्नई डिलेवरी 7650-7750 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। राजस्थान के नागोर, किशनगढ मेड़ता आसापस की मंडियों में मिलाकर 8-10 हजार बोरी की आवक पर 6000-8350 रुपये जयपुर में मूंग 7100-8100 रुपये, मूंग दाल 8900-9800 रुपये, मोठ 5150 रुपये, मोठ मोगर 7100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरातके राजकोट में 500 बोरी की आवक पर 7000-7500 रुपये तथा 800-1000 बोरी मोठ की आवक पर 4000-5100 रुपये , अकोला मे मिल क्वालिटी 6250-7600 रुपये, चमकी 7600-8550 रुपये, अहमदनगर में 4000-5100 रुपये तथा मध्य प्रदेश के जबलपुर में 5000-8100 रुपये तथा इंदौर में 7500-8100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: March 10, 2025, 4:37 am
चने की आवक में वृद्धि-स्टॉकिस्टोें की खरीदी

चने की आवक में वृद्धि-स्टॉकिस्टोें की खरीदी हैदराबाद : केद्र सरकार का पीली मटर के कर मुक्त आयात की समय अवधि बढाकर 31 मई, 2025तक करने की रिपोर्ट से आगामी दिनों मे मटर की आयात बढने एवं देश के उत्पादक केंद्रों पर नये मटर की आवक प्रारंभ होने से पिछले सप्ताह व्यापारियों की कमजोर खरीदी से चने के मूल्यों पर दबाव पड़ रहा है, लेकिन व्यापारियो का अनुमान है, कि राजस्थान में आवक बढ़ने के बाद सरकारी चना खरीदी समाप्त होते ही मटर पर आयात शुल्क लगाया जा सकता है, जिससे चना स्टॉकिस्ट सक्रिय हो रहे है। महाराष्ट्र के लातुर, हिंगनघाट, अमरावती, यवतमाल, वर्धा, परभणी, अकोला वाशिम बुलढ़ाणा, सोलापुर, बीड लाईनो की सभी मंडियो में मिलाकर लगभग 60-70 हजार बोरी चने की आवक पर 5250-5800 रुपये लोकल लूज क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। गुजरात के राजकोट, जूनागढ, वेरावल , दाहोद लाइनों में प्रतिदिन 20-25 हजार बोरी की आवक पर 4650-5350 तथा कर्नाटक में लगभग 20-25 हजार बोरी की आवक पर 5250-6000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। राजस्थान के मेड़ता, कोटा, जोधपुर, किशनगढ लाइनों के आसपस की मंडियों में मिलाकर 15-20 हजार बोरी की आवक पर 4800-5350 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ तथा फसल कटाई का काम तेजी से हो रहा है। मुंबई में तंजानिया का चना 5500, ऑस्ट्रेलिया का माल 5525 रुपये, मुंद्रा बंदरगाह पर 5525 रुपये तथा दिल्ली में मध्य प्रदेश का चना 5900-5925 रुपये, राजस्थान का 6000-6025 रुपये तथा महाराष्ट्र का चना रायपुर, बिलासपुर, भाटापारा लाइन डिलेवरी 5800-5825 रुपये, इंदौर में कांटा चना 5700-5850, विशाल 5500-5550 रुपये, नागपुर कटनी लाईन डिलेवरी देसी 5750-5800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। आंध्र के ओंगोल लाइन में जेजे 5750-5950, कॉक टू 6800 रुपये, डालर 9400 रुपयेऔर हैदराबाद डिलेवरी 5800 से 5850 रुपये क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ।इंदौैर में ड़ालर चना 8500-9700, काबुली चना 40-42 काउंट 11150 रुपये, 42-44 काउंट 10750 रुपये, 44-46 काउंट 10500 रुपये तथा मध्य प्रदेश के जबलपुर, अशोकनगर, गंजबसौदा , विदिशा में लाइनों में 4800-5900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र लाइन का चना विरुधनगर, ईरोड डिलेवरी 5950-6000, कर्नाटक का 6050-6100 रुपये क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। ऑस्ट्रेलियन सांख्यिकी कार्यालय केअनुसार जनवरी महीने में ऑस्ट्रेलिया से चना का निर्यात एक महीना पूर्व के मुकाबले 45 प्रतिशत घटकर 3 लाख 95 हजार 428 टन हुआ, जिसमें भारत को 2 लाख 50हजार 932 टन, निर्यात हुआ है। दाल में कमजोर ग्राहकी चना सप्लाई में वृद्धि और ग्रीष्मकालीन सीजन प्रारंभ होने से आगामी नव वर्ष और राम नवमी के बाद दाल में ग्राहकी कमजोर रहने की संभावना से दाल मिलर्स आवश्यकता के अनुसार खरीदी कर रहे है और अप्रैल मई महीने के दौरान राजस्थान, उत्तर प्रदेश में आवक रहेगी।

Updated On: March 10, 2025, 4:35 am
नये मसूर की आवक -आयात पर शुल्क

नये मसूर की आवक -आयात पर शुल्क नई दिल्ली : शुक्रवार को सरकार द्वारा मसूर पर 5 प्रतिशत आधारिक आयात शुल्क, 5 प्रतिशत कृषि आधारभूत विकास सेस और 1 प्रतिशत समाज कल्याण सरचार्ज लगाये जाने की रिपोर्ट से आगामी दिनों में विदेशों से आयात करना महंगा पड़ने की संभावना है, लेकिन वर्तमान में देश के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के उत्पादक क्षेत्रोें में नये मसूर की आवक बढ रही है, जिससे घरेलू मूल्यों पर दबाव पड़ा,जबकि आयातित में 50-75 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई। मध्य प्रदेश के अशोकनगर, जबलपुर, सागर, बीनागंज, जावरा और आसापस की मंडियों में मिलाकर प्रतिदिन 20-25 हजार बोरी नये मसूर की आवक पर 5700-6000 रुपये, उत्तर प्रदेश के ललितपुर में 6 हजार बोरी की आवक पर मोटी 5750-5825, बारीक 6200-6250रुपये तथा आसपास की मंडियो में 5000-5900 रुपये एवं बरेली में मोटी 6400-6425 रुपये, बारीक 7000-7025, बहराईचमें 7200-7250 रुपये एवं कानपुर में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की मसूर 6300 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मुंबई में कनाडा की मसूर कंटेनर में 6200 रुपये, हाजिरा बंदरगाह पर 6050 रुपये तथा मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की 5975रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। ऑस्ट्रेलियन सांख्यिकी कार्यालय केअनुसार जनवरी महीने में ऑस्ट्रेलिया से मसूर का निर्यात 2 लाख 1 हजार 554 टन हुआ, जो दिसंबरके मुकाबले 20 प्रतिशत कम है और फरवरी में भी गिरावट का अनुमान है, क्योंकि बंग्लादेश और पाकिस्तान के लिये रमजान की खरीदी कमजोर पड़ गयी है। जनवरी महीने में ऑस्ट्रेलिया के मसूर निर्यात में भारत की भागीदारी 99 हजार 806 टन, बंग्लादेश की 60 हजार 749 टन और श्रीलंका की 23 हजार 847 टन की रही तथा अनुमान हैकि सप्लाई जारी रहेगी।

Updated On: March 10, 2025, 4:34 am
अधिक आवक से तुवर स्थिर

अधिक आवक से तुवर स्थिर मुंबई : अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लेमन तुवर 5 डालर बढ़कर 815 डालर प्रति टन सी एंड एफ पर प्रस्तावित किये जाने से मुंबई में लेमन 6950-7000, मटवारा 6850 अरुषा 7300- मोजांबिक की सफेद एवं गज्जर 6950-7250 चेन्नई में नई लेमन 6950 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ, लेकिन अनुमान है कि आगामी दिनों में आयात बढ़ने की संभावना रहेगी, क्योंकि विदेशों में फसल की स्थिति संतोषजनक नजर आ रही है, ऐसी स्थिति में भारतीय स्टॉकिस्टों को 10 से 15 प्रतिशत की तेजी में माल की बिक्री करके बाहर निकलना लाभदायक बन सकता है, क्योंकि भारत में भी उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर हुआ है तथा गुजरात में नये माल की आवक बढ़ रही है। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के अहमदनगर लाइन की तुवर चेन्नई डिलेवरी 7800 रुपये, उदगीर लाइन की 7900-7950 रुपये, औराद, शाहजनी लाइन की 8000 रुपये, लातुर, सोलापुर तथा गुजरात की बीडीएन किस्म 8100-8200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के लातुर, सोलापुर, अकोला, खामगांव सहित उत्पादक केंद्रों की मंडियों मंत लगातार माल की आवक हो रही है और लातुर में 63, मारुति, सफेद, गुलाबी 7000-7450 रुपये, अकोला में 7800 रुपये, मारुति 7550 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ है। कर्नाटक के कलबुर्गी, यादगिर,बीदर औरआसपास की मंडियो में मिलाकर 15-20 हजारबोरी की आवक पर 6000-7800 रुपये एवं गुजरात के राजकोट में 4-5 हजार बोरी की आवक पर 7000-7500 रुपये तथा दाहोद में 5800-6000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। नागपुर, अकोला लाइन में तुवर दाल फटका 11600-11800, सव्वा नंबर 11000-11100 रुपये, गुलबर्गा लाइन का सॉर्टेक्स तुवर दाल बैंगलुरु के लिये 10900-11400 रुपये, नॉन सॉर्टेक्स 10500 रुपये , महाराष्ट्र का माल 10800-11200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र की तुवर कटनी डिलेवरी 7600-7700 रुपये, कर्नाटक लाइन की 7300-7800 रुपये, रायपुर डिलेवरी 7550-7700 रुपये,कर्नाटक की 7550-7575रुपये विरुधनगर डिलेवरी कर्नाटक लाल माल 7800 रुपये, सफेद माल 8000-8100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: March 10, 2025, 4:31 am
सप्लाई बढ़ने से उड़द स्थिर

सप्लाई बढ़ने से उड़द स्थिर हैदराबाद : पिछले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार एसक्यू उड़द 15 डालर बढकर 900 डालर और एफएक्यू 820 डालर प्रति टन के मूल्य पर व्यापार हुआ, जिससे पिछले सप्ताह मुंबई में एफएक्यू 7500 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। गुजरात में 5 मार्च 2025 तक ग्रीष्मकालीन दलहनों की बुवाई पिछले वर्ष के 11 हजार 438 हेक्टर के मुकाबले घटकर 7 हजार 418 हेक्टर में हुई, जिसमें उड़द की बुवाई पिछले वर्ष के 2 हजार 86 हेक्टर के मुकाबले 837 हेक्टर पर हुई है, जबकि तेलंगाना में रबी सीजन के लिये बुवाई पिछले वर्ष के 35 हजार 551 एकड़ के मुकाबले बढकर 46 हजार 470 एकड़ पर हुई है। तमिलनाडु में दिंडीवनम, पांडिचेरी लाइन में 3-4 हजार बोरी नये उड़द की आवक पर लोकल में बढिया 7800-8000 रुपय ेतथा चेन्नई डिलेवरी 8200-8400 रुपये, चेन्नई में आयातित एसक्यू 8100 रुपये, एफएक्यू 7400 रुपये आंध्र के कृष्णा, गुंटूर लाइन का पॉलिश उड़द चेन्नई डिलेवरी 8200 रुपये और आंध्र तेलंगाना के कोल्लापुर, आलमपुर लाइन का 402 क्वालिटी 8250 रुपये और आत्मकुर लाइन का 8150 रुपये तथा आंध्र और तेलंगाना का माल विरुधनगर डिलेवरी 8150 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह आंध्र के कृष्णा जिले में सादा उड़द 7600 रुपये, पॉलिश 7900 रुपये, नंदियाल, कड़पा, प्रोदाट्टुर लाईन की लोकल मंडियो में सादा 7500-7600 पॉलिश 7700 रुपये लोकल लूज के मूल्य पर व्यापार होकर तमिलनाडु आंध्र के दाल मिलों के लिये व्यापार हो रहा है। महाराष्ट्र के सोलापुर में 6100-8300 रुपये, जलगांव में 7200-7575, अहमदनगर में 5000-7100 रुपये, जयपुर में 7800-8400 रुपये, इंदौर में 7500-7700 रुपये तथा उत्तर प्रदेश के चंदौसी में 7525-7550 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ तथा अनुमान है कि मई प्रथम सप्ताह से मध्य प्रदेश और जून से उत्तर प्रदेश में नये माल की आवक रहेगी

Updated On: March 10, 2025, 4:29 am