कोच्चि : व्यापारिक सूत्रों के अनुसार आगामी दिनों में त्यौहारों के सीजन की मांग जारी रहने से नारियल के मूल्यों में वृद्धि हुई, लेकिन खोपरा के मूल्य 900 से 1000 रुपये की गिरावट हुई है। कर्नाटक के टिपटूर में साप्ताहिक 8 से 9 हजार बोरी की आवक पर बाल खोपरा 24,500-25,000 रुपये, एड़िबल बेस्ट 21,000-24000, मीडियम 18,500-18,950 मेरिको 19,300-20,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। तमिलनाडु के कांगायम में सादा खोपरा 21,200, स्पेशल 20,900, मेरिको 21,500, एड़िबल 23,500-24000 मिडियम 22, 000 रुपये तथा कलीकट में बाल खोपरा 26,000, राजापुरी 30,000, मिल्लिंग 21,600 रुपये एवं पेरुंदुरै, अविलपुंदुरै लाईन में मिलाकर एक सप्ताह में 6 से 7 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया 19,500-21,720, मीडियम 18,000-19,000 रुपये एवं त्रिचूर में खोपरा तेल (प्रति क्विंटल) 37,600, कालिकट में 38,000 रुपये, कोच्ची में 36,600, कांगायम 30,350 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पूर्वी-पश्चिमी गोदावरी लाइन में प्रतिदिन 100 से 150 मोटर नारियल की आवक पर बढ़िया गुजरात क्वालिटी पुराना माल 24,000, मीडियम 20,000, एवरेज 17,000-18,000 और नया बढ़िया 22,000-23,000, मीडियम 19,000-20,000, एवरेज 15,000-18,000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है।
Updated On: August 18, 2025, 5:56 amहैदराबाद : कमजोर ग्राहकी के कारण मक्का के मूल्यों में गिरावट हो रही है। देश में 08 अगस्त तक मक्का की बुवाई पिछले वर्ष के 83 लाख 15 हजार हेक्टर के मुकाबले 91 लाख 89 हजार हेक्टर, गुजरात मेेंं 11 अगस्त तक बुवाई पिछले वर्ष के 2 लाख 84 हजार 771 के मुकाबले 2 लाख 72 हजार 411 हेक्टर पर हुई है। राजस्थान के कृषि विभाग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान वर्ष खरीफ सीजन के लिये 11 अगस्त तक मक्का की 9 लाख 62 हजार 360 हेक्टर के मुकाबले बढकर 9 लाख 77 हजार 662 हेक्टर हेक्टर में हुई है। तेलंगाना में 13 अगस्त तक मक्का की बुवाई पिछले वर्ष के 4 लाख 21 हजार 310 एकड़ के मुकाबले इस वर्ष 5 लाख 96 हजार 892 एकड़ पर हुई है। बिहार के गुलाबबाग में प्रतिदिन 180 से 200 मोटर मक्का की आवक पर बढ़िया माल 2350-2400, मीडियम 2200-2250 रुपये, आसाम के करपटिया लाईन में प्रतिदिन 8 से 10 मोटर की बिक्री पर 2200-2350 रुपये के मूल्य पर लोकल लूज के मूल्य पर व्यापार होकर पश्चिमबंगाल, हरियाणा, पंजाब के लिये लदान हो रहा है। उत्तर प्रदेश के माधवगंज, मैनपुरी, एटा, सीतापुर और आस-पास लाईन में आवक घट कर प्रतिदिन 20 से 25 हजार बोरी की आवक पर 1900-2100 रुपये के मूल्य पर तथा कर्नाटक के कलबुर्गी, चेल्लाकेरे, चित्रदुर्ग लाईन में प्रतिदिन 7 से 8 हजार बोरी मक्का की आवक पर 2400-2500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के तेनाली, गुंटूर लाईन में प्रतिदिन 35 से 40 मोटर की आवक पर लोकल में 2380-2400 रुपये तथा नामक्कल डिलेवरी 2650-2700 रुपये एवम् विजयनगरम, सालूरु, चीपुरुपल्ली लाईन के लोकल मंडी में 10 से 12 मोटर की बिक्री पर लोकल में 2380-2400 रुपये, अनपर्ती, मंडपेटा डिलेवरी 2470 -2480 रुपये तथा तेलंगाना के मेटपल्ली लाईन में प्रतिदिन 7 से 8 मोटर मक्का की आवक पर 2300-2350, आदिलाबाद में 4 से 5 मोटर की आवक पर 2400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: August 18, 2025, 5:55 amहल्दी में कमजोर ग्राहकी हैदराबाद : पिछले दो सप्ताहो से बुवाई की स्थिती को देखते हुए मसाला पिसाई कारखानेदारो की कमजोर खरीदी और वायदा मूल्यो में कमी आने से मंदी का रुख रहा, जबकी व्यापारियो का अनुमान हैकि देश में अनुमानित हल्दी का स्टॉक 50-60 लाख बोरी के आसपास है और नया सीजन प्रारंभ होने के लिये लगभग 7 महीने का समय बाकी है तथा मासिक खपत 6-7 लाख बोरी से कम नही है, ऐसी स्थिति में नया सीजन प्रारंभ के समय माल की कमी रहेगी, लेकिन वर्तमान में बुवाई की स्थिति के कारण मंदी का रुख रहा। एनसीडीईएक्स पर पिछले सोमवार के दिन अगस्त वायदा 14,198 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 790 रुपये घटकर 13,408 रुपये, अक्टूबर वायदा 730 घटकर 13,740 रुपये पर बंद हुआ। निजामाबाद में पिछले सप्ताह लगभग 9 से 10 हजार बोरी की आवक पर मूल्यों में 100 से 200 रुपये की गिरावट होकर काडी 13,000-13,800,पॉलीश काड़ी 14,200-14,300, गड्डा 11,800-12,200, पालीश गट्ठा 13,400-13,500 रुपये और केसमुद्रम में काड़ी 10,700-11,200, गट्ठा 10,000-11,350 रुपये तथा दुग्गिराला में प्रतिदिन 250 से 300 बोरी की आवक पर मीडियम काड़ी एवं गट्ठा 9000-10,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के हिंगोली में 20 से 22 हजार बोरी की बिक्री पर काड़ी 11,500-12,500, गट्ठा 11,000-11,800 रुपये, नांदेड़ में 10 से 15 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 11,800-12,200, गट्ठा 10,500-11,700 रुपये तथा सांगली में 5 से 6 हजार बोरी की आवक पर राजापुरी काड़ी 13,500-14,000, गट्ठा 12,500-13,000, लगड़ी 16,000 -16,500 रुपये तथा बसमतनगर में 5 से 6 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 12,000-13,000, गट्ठा 11,500-12,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। तमिलनाडु के ईरोड़ में एक सप्ताह में 12 से 15 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 9055-12,200, गट्ठा 7866-12,854, पेरुंदुरै में शुक्रवार के दिन 1000 बोरी की आवक पर काड़ी 9055-13,289, गट्ठा 7299-12,609, गोपीचेट्टीपालयम में 400 से 500 बोरी की आवक पर काड़ी 12,303 12,902, गट्टा 11,600 -12,242 रुपये तथा बरहमपुर में काड़ी 11,800, पालीश काड़ी 12,200 रुपये के मूल्य पर कलिटी के अनुसार व्यापार हुआ।
Updated On: July 7, 2025, 5:54 amखोपरा में रिकार्ड तेजी हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रों के अनुसार वर्तमान वर्ष खोपरा सीजन प्रारंभ के समय मंदी का रुख रहा, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय उत्पादन में कमी और दक्षिण भारत के फसल उतारा में कमी आने से पिछले वर्ष के बकाया स्टॉक नहीं रहने से स्टॉकिस्टो की खरीदी के कारण मूल्यो में एक तरफा तेजी की लहर आ गई और त्यौहारों के सीजन की मांग से खोपरा के मूल्यों में लगभग 2500 से 3000 रुपये की भारी वृद्धि हुई है तथा दीपावली तक अच्छी मांग रहेगी, जिससे मूल्यो में और भी वृद्धि हो सकती है। कर्नाटक के टिपटूर में साप्ताहिक 8 से 10 हजार बोरी की आवक पर बाल खोपरा 30,000-31,000, एड़िबल बेस्ट 28,500-29,000, मीडियम 24,000-25,000, एवरेज 16,500-19, 000 मेरिको 26,500-27,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। तमिलनाडु के कांगायम में सादा खोपरा 25,500, स्पेशल 26,000, मेरिको 26,500, एड़िबल 28,000, मिडियम 26,000-27,000 तथा कलीकट में बाल खोपरा 25,000, राजापुरी 28,500, मिल्लिंग 25,300 रुपये एवं एलमत्तूर, कोडुमुड़ी, पेरुंदुरै, अविलपुंदुरै लाईन में मिलाकर एक सप्ताह में 12 से 15 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया 26,200-27,300, मीडियम 23,000-25,000 रुपये क्वालिटी के अनुसार एवं त्रिचूर में खोपरा तेल (प्रति किंटल) 38,800, कालिकट में 40,500 रुपये, कोच्ची में 37,900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पूर्वी-पश्चिमी गोदावरी लाइन में प्रतिदिन 80 से 90 मोटर नारियल की आवक पर बढ़िया गुजरात क्वालिटी पुराना माल 20,000, मीडियम 18,500-19,000, एवरेज 16,500-17,000 और नया बढ़िया 19,800-20,000, मीडियम 18,000-18,500, एवरेज 15,000-16,000, अंबाजीपेट में 3 से 4 मोटर की आवक पर मिल्लिंग क्वालिटी खोपरा 23, 500-24,000, मीडियम 22, 000-22,500 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ।
Updated On: June 29, 2025, 7:29 pmजीरा वायदा में तेजी मुंबई : व्यापारिक सूत्रों के अनुसार दो माह पूर्व जीरा का जुलाई-अगस्त वायदा विक्रेताओं की खरीदी के कारण एनसीडीईएक्स पर पिछले सोमवार के दिन जीरा जुलाई वायदा 18,850 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 1245 रुपये बढकर 20,095 रुपये और अगस्त वायदा 1145 रुपये बढकर 20,215 रुपये पर बंद हुआ। गुजरात में वर्षाकालीन मौसम के कारण किसानों का खेती में व्यस्त रहने के कारण मंडियों में माल की आवक कमजोर पड़ने के बावजूद वायदा के मुकाबले हाजिर मूल्यों में वृद्धि नही हुई है। गुजरात के ऊंझा में पिछले सप्ताह 30 से 35 हजार बोरी की आवक पर एवरेज माल 17,000-18,000, मीडियम 18,500-19,000, बढिया 19,500-20,000 रुपये एवं राजकोट में 3000 से 3500 बोरी की आवक पर एवरेज 17,350-18,000, मीडियम 18,000-18,500, बढिया 18,500-19,000, युरोपियन किस्म 19,000-19,250, किराणा वालिटी 19,250-19,500 रुपये तथा पुराना माल 17,000-17,625 रुपये और गोंडल में 17,000-18,500 रुपये तथा जामनगर में 400 से 500 बोरी की आवक पर 16,500-19,250 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 29, 2025, 7:26 pmनव स्थापित राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड कार्यालय का उद्घाटन निजामाबाद : देश की प्रमुख हल्दी उत्पादक क्षेत्र तेलंगाना के निजामाबाद में 29 जून 2025 रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नव स्थापित राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड कार्यालय का उद्घाटन किया और इस अवसर पर हल्दी के कई नमूनों के प्रदर्शन का निरीक्षण किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी, केंद्रीय मंत्री बंडी संजय, सांसद अरविंद, शहरी विधायक धनपाल सूर्यनारायण, हल्दी बोर्ड के चेयरमैन पल्ले गंगारेड्डी, भाजापा के राष्ट्रीय नेता के. लक्ष्मण, कलेक्टर टी. विनय कृष्णा रेड्डी, पुलिस आयुक्त साई चैतन्या उपस्थित रहे। हल्दी बोर्ड के उद्घाटन की बैठक में हल्दी किसानों, बोर्ड के पदाधिकारियों को संबोधित किया तथा इस कार्यक्रम में जिला प्रभारी मंत्री धनसरी अनसूया, राज्य के कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव, निजामाबाद ग्रामीण विधायक भूपति रेड्डी, राज्य बीज विकास निगम के अध्यक्ष अन्वेश रेड्डी, सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष मानाला मोहन रेड्डी, अतिरिक्त कलेक्टर किरण कुमार उपस्थित रहे और सभी लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गुलदस्ते देकर स्वागत किया।
Updated On: June 29, 2025, 7:25 pmलालमिर्च में कमजोर ग्राहकी से स्टॉकिस्ट चिंतित गुंटूर : जानकार सूत्रों के अनुसार कर्नाटक के ब्याडगी, हुबली लाईन और आंध्र, तेलंगाना में जून का अंतिम सप्ताह लाल मिर्च बिक्री के लिए बहुत कमजोर सप्ताह रहा और तीनों ही राज्यों की मंडियो में आवक के मुकाबले केवल 50 से 60 प्रतिशत की बिक्री हुई। आंध्र के गुंटूर मंडी में आवक के मुकाबले बाहरी राज्यों के व्यापारियों की कमजोर खरीदी और मूल्यों में कमी होने से स्टॉकिस्ट चिंतित है और मंडी यार्ड में एक सप्ताह के दौरान 50 हजार बोरी किसानों के माल की आवक पर कमजोर क्वालिटी के कारण बड़े कारखानेदारों की कमजोर खरीदी से केवल 40 हजार बोरी की बिक्री में क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। गुंटूर मंडी यार्ड में सभी शीतगृहों से मिलाकर 2 लाख 80 हजार बोरी की आवक में 2 लाख बोरी की बिक्री हुई, जिसमें कमजोर मांग से तेजा लालमिर्च में 600 रुपये, आरमुर, रोमी, शार्क स्पार्क में 500 रुपये एवम् सभी मीडिमय, मीडियम बेस्ट किस्मों में 500 से 1000 रुपये तक की गिरावट हुई, लेकिन 334, सुपर-10 किस्मों में ग्राहकी निकलने से मूल्य स्थिर रहे तथा व्यापारियों का अनुमान है कि आगामी दिनों में डीलक्स किस्मों की मांग निकलने के अनुमान से स्टॉकिस्ट तथा किसान शीतगृहों से माल बाहर नहीं निकाल रहे है। जानकार सूत्रों के अनुसार वर्तमान मंदी को देखते हुए बड़े खरीददार सामने नहीं आ रहे है, इससे अनुमान है कि जुलाई, अगस्त महिने के दौरान भी माल की अधिक बिक्री नहीं हो सकेगी। पिछले सप्ताह खम्मम मंडी में सोमवार से शनिवार तक एक सप्ताह पूर्व के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक घटकर केवल 45 हजार 630 बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री होने के बाद शनिवार सायंकाल तक बकाया स्टॉक 20 लाख 94 हजार 270 बोरी का रहा।
Updated On: June 29, 2025, 7:23 pmतुवर बुवाई के बाद उत्पादक चिंतित ? हैदराबाद : व्यापरिक सूत्रो के अनुसार देश के प्रमुख तुवर उत्पादर राज्यो के कुछ क्षेत्रो मे मानसून सीजन प्रारंभ से पूर्व खरीफ सीजन दलहन, तिलहन बुवाई के बाद मई अंतिम सप्ताह से वर्षा नही होने से दलहन, तिलहन उत्पादक किसान चिंतित हो रहे है तथा वर्तमान गर्नी के कारण कुछ क्षेत्रो में फसल सूखने की संभावना नजर आ रही है, लेकिन देश में तुवर चने का पर्याप्त स्टॉक और विदेशी आयात के कारण तेजी को ब्रेक लगा हुआ हुआ है। केंद्रीय कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय का उत्पादक राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार देश में 20 जून तक तुवर की बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 2 लाख 61 हजार हेक्टर के मुकाबले 2 लाख 48 हजार हेक्टर में हुई है, जबकि कर्नाटक के कृषि विभाग के अनुसार राज्य में बुवाई पिछले वर्ष के 5 लाख 73 हजार 100 हेक्टर के मुकाबले 4 लाख 88 हजार 800 हेक्टर, गुजरात में 23 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के 3090 हेक्टर के मुकाबले 3178 हेक्टर एवं तेलंगाना में 25 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के 1 लाख 64 हजार 659 एकड़ के मुकाबले 1 लाख 37 हजार 269 एकड़ में हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान भारत में तुवर का आयात पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 1 लाख 22 हजार टन के मुकाबले बढकर 1 लाख 92 हजार टन का हुआ और आगामी अगस्त सितंबर में आयात बढ़ने की संभावना है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार की लेमन तुवर 20 डालर घटकर 705 डालर प्रति टन प्रस्तावित किये जाने से मुंबई में आयातित लेमन 175 रुपये घटकर 6200, मटवारा 5750 एवम् मोजांबिक की गजरी 5850, सुडान की 6425 रुपये एवम् चेन्नई में लेमन में 6200-6225 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के उदगीर, औराद शाहजानी, लातुर लाइन की सफेद तुवर चेन्नई डिलेवरी 100 रुपये घटकर 7350, गुजरात की बीडीएन 2 किस्म 7700 रुपये तथा कर्नाटक की तुवर विरुधनगर, सेलम, डिलेवरी लाल 7200 रुपये तथा सफेद 7500 रुपये, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र लाइन की कटनी डिलेवरी 6950-7050 रुपये एवं रायपुर डिलेवरी 6800-7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के सोलापुर में प्रतिदिन 20 से 22 मोटर तुवर की आवक पर गुलाबी किस्म 5800-6800, एवरेज 6400-6600 रुपये तथा लातुर में 63 नंबर, मारुती, सफेद, गुलाबी 6300-6575 तथा राजकोट में तुवर 6100-6600 रुपये, दाहोद में मीडियम 5100-5300 एवम् कलबुर्गी में 6000-6900 रुपये तथा फटका 9800, लातुर में तुवर मोटर बिल्टी 6800-6900 रुपये, उदगीर बिल्टी 6500-6700 रुपये, लातुर, अकोला, नागपुर, लाइनों में फटका 9400-10900 रुपये, सव्वा नंबर 8500 -10300 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।
Updated On: June 29, 2025, 6:51 pmगुजरात में रिकार्ड खरीफ मूंगफली बुवाई ? हैदराबाद : गुजरात कृषि विभाग के अनुसार वर्तमान वर्ष समय से पूर्व मानसूनी वर्षा होने से एवं पिछले खरीफ सीजन से वर्तमान ग्रीष्मकालीन सीजन तक किसानों को मूंगफली उत्पादन में लाभ मिलने से राज्य में 23 जून तक मूंगफली की बुवाई पिछले वर्ष के 3 लाख 23 हजार 687 हेक्टरके मुकाबले 9 लाख 6 हजार 19 हेक्टर पर हुई है और अनुमान है कि नये सीजन के लिये बुवाई सामान्य क्षेत्र के मुकाबले 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार वर्तमान अनुकूल मौसम और मूंगफली बुवाई की स्थिति को देखते हुए अनुमान है कि वर्तमान वर्ष बुवाई 19 लाख 50 हजार हेक्टर को क्रास कर सकती है, क्योंकि इस वर्ष समय से पूर्व बुवाई प्रारंभ हुई है और दीपावली से पूर्व कटाई वाले क्षेत्रों में किसानों को आकर्षक मूल्य प्राप्त वाली धनिया, जीरा, सौंफ, लहसुन की बुवाई प्रारंभ कर सकते हैं। राजस्थान सरकार नें खरीफ सीजन मूंगफली की बुवाई के लिए लक्ष्य पिछले वर्ष के 10 लाख 40 हजार हेक्टर के मुकाबले इस वर्ष घटाकर 9 लाख 50 हजार हेक्टर में होने का निर्धारित किया है, लेकिन व्यापारियो का अनुमान हैकिबुवाई में कमी नही आएगी। कृषि मंत्रालय सूत्रों के अनुसार देश में 20 जून तक खरीफ सीजन मूंगफली की बुवाई 1 लाख 91 हजार के मुकाबले 1 लाख 78 हजार हेक्टर पर हुई है, जिसमें कर्नाटक में 20 जून तक बुवाई 82 हजार 100 हेक्टर के मुकाबले 54 हजार 300 हेक्टर तथा तेलंगाना में 25 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के 2 हजार 251 एकड़ के मुकाबले केवल 52 एकड़ पर हुई है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल, बिहार उत्तर प्रदेश के एटा, मैनपुरी लाइन में नये माल की आवक बढ रही है एवं गुजरात सहित कई उत्पादक राज्यों में रबी सीजन के स्टॉकिस्ट माल बाहर निकाल रहे हैं एवं खाद्य तेलों की स्थिति को देखते हुए तेजी नही आ रही है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता लाईन में प्रतिदिन 35 से 40 मोटर मूंगफली की आवक पर 5500-5700 रुपये, 60-70 काउंट 8800-8900 रुपये के मूल्य पर लोडिंग व्यापार हआ। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी, एटा, माधवगंज और आस-पास लाईन में प्रतिदिन नये मूंगफली की आवक बढ़कर 25 से 30 हजार बोरी की आवक पर 5500-6000 रुपये एवं मूंगफली दाना 60/70 काउंट 8700 तथा तमिलनाडु डिलेवरी जीएटी पेड 9800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। महाराष्ट्र के मराठवाडा लाईन में आवक घटकर साप्ताहिक 8 से 10 हजार बोरी नये माल की आवक पर 5200-5700, विदर्भ के अकोला, अमरावती, वाशिम लाईन में 10 से 15 हजार बोरी की आवक पर बेस्ट 5200-5700, मीडियम 5000-5100, एवरेज 4500-4700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। नीमच, मंदसोर लाईन में साप्ताहिक 30 से 35 हजार बोरी की आवक पर मीडियम बेस्ट 5200-5400, मीडियम 5100-5200, एवरेज 4700-5000 रुपये, झांसी, महोबा और आस-पास लाईन में 4700-4900 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। आंध्र के कर्नूल, आदोनी अनंतपुर जिले में बढ़िया मूंगफली 6000-6500, मीडियम 5000-5500, मूंगफली दाना चेन्नई डिलेवरी 80/90 काउंट 9500-9600 रुपये, कल्याणी 7500, चेन्नई डिलेवरी 7800-8000 रुपये, महाराष्ट्र के लिये 70-80 काउंट 9900-10,000 रुपये, 60-70 काउंट 10,600-10,700 रुपये, 60-65 काउंट 11,000 रुपये, 90-100 काउंट 9200-9300 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। कर्नाटक की मंडियों में कदिरी लेपाक्षि 4500-5500, पी-नट 6500-7300 तथा चेल्लाकेरे मूंगफली दाना 80-90 काउंट 9400 रुपये, 90-100 काउंट 9200, कल्याणी 7600-7650 रुपये तथा एसी का माल 7750-7800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात की मंडियों में मिलाकर पिछले एक सप्ताह में लगभग 25 से 30 हजार बोरी की आवक पर जी-20 किस्म सुपर बेस्ट क्वालिटी मूंगफली 5450-5750, मीडियम 5250-5400, एवरेज 5100-5200 रुपये वालिटी के अनुसार बी-28 किस्म सुपर 5250-5400, मीडियम 5150-5200, एवरेज 5000-5150 रुपये तथा किशोड़ में मूंगफली दाना जावा 90-100 काउंट 9600, 60-70 काउंट 10,500 रुपये, टीजे 80-90 काउंट 9400-9600 रुपये, 50-60 काउंट 9700-10,100 रुपये के मूल्य पर कलिटी के अनुसार व्यापार हुआ।
Updated On: June 29, 2025, 6:49 pmराजस्थान खरीफ मूंग बुवाई में वृद्धि का अनुमान हैदराबाद : केंद्रीय कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय का उत्पादक राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार देश में 20 जून तक मूंग की बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 2 लाख 67 हजार हेक्टर के मुकाबले 4 लाख 43 हजार हेक्टर में हुई है, जबकि मोठ की बुवाई 11 हजार हेक्टर में हुई है, जबकि पिछले वर्ष इसी समान अवधि में बुवाई प्रारंभ नही हुई थी। कर्नाटक के कृषि विभाग के अनुसार राज्य में मूंग की बुवाई पिछले वर्ष के 3 लाख 35 हजार 500 हेक्टर के मुकाबले 3 लाख 57 हजार 700 हेक्टर, गुजरात में पिछले वर्ष के 479 हेक्टर के मुकाबले 635 हेक्टर एवं तेलंगाना में पिछले वर्ष के 23 हजार 96 एकड़ के मुकाबले 11 हजार 265 एकड़ में हुई है। राजस्थान देश के खरीफ सीजन मूंग बुवाई में सबसे बड़ा राज्य है और पिछले वर्ष बुवाई 23 लाख 60 हजार हेक्टर में हुई है, जिसके मुकाबले वर्तमान वर्ष 25 लाख हेक्टर में होने का लक्ष्य किया गया है, क्योंकि किसानो को आकर्षक मूल्य प्राप्त हो रहा है तथा राजस्थान की मूंग दाल देश के सभी राज्यो में सप्लाई रहती है, लेकिन माल की आवक दीपावली के आस-पास प्रारंभ होती है और ग्रीष्मकाली सीजन के लिए मध्य प्रदेश में पिछले 7-8 वर्षो से लगातार उत्पादन बढ़ रहा है। पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश लाइन की दाल क्वालिटी 4-5 किलो वेस्टेज कंडीशन चेन्नई डिलेवरी 7450 रुपये तथा आंध्र लाइन की दाल क्वालिटी 200-300 रुपये घटकर 7300-7400 रुपये, गुजरात के वेरावल, पोरबंदर लाइन का चमकी मूंग 8300 रुपये तथा मध्य प्रदेश में मूंग दाल मोटर बिल्टी 9100-9200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। कमजोर ग्राहकी से पिछले सप्ताह मूंग और मूंग दाल के मूल्यों में 200-300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई। मध्य प्रदेश के जबलपुर, हरदा, होशंगाबाद, रतलाम और आस-पास की लाईनो की सभी लोकल मंडियो में मिलाकर-दैनिक 25-30 हजार बोरी की आवक पर लोकल में 4000-7400 रुपये, इंदौर डिलेवरी 6500-7200 रुपये, गुजरात के राजकोट में दैनिक 4-5 हजार बोरी की आवक पर 6500-7700 रुपये, उत्तर प्र. के झांसी, जालौन लाइन की मंडियों मे 700-800 बोरी की आवक पर 6500-7000 रुपये, उरई में 700-800 बोरी की आवक पर 6000-6700 एवं मौरानीपुर में 300 बोरी की आवक पर 6900-7200 रुपये एवं ललितपुर में 700-800 बोरी की आवक पर 6500-6900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के लातुर, सोलापुर,जालना जलगांव लाईन में 6000-7350 रुपये, अकोला में मिल क्वालिटी 6450-6750 रुपये, चमकी 8000-8850 रुपये एवं राजस्थान के जोधपुर में मूंग 6100-7050, मूंग मोगर 9450-9500 रुपये, मोठ 4200-5000 रुपये तथा जयपुर में मूंग 6750-7050 तथा मूंग दाल 8200-8800 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है।
Updated On: June 29, 2025, 6:49 pm