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आयातित चना मजबूत

आयातित चना मजबूत हैदराबाद : देश में वर्षाकालीन सीजन प्रारंभ होने के साथ चना दाल में ग्राहकी निकलने से आयातित और घरेलू चना के मूल्यों में सुधार हुआ है और अनुमान है कि मूल्यों में और भी 50-100 रुपये की वृद्धि होती है, तो स्टॉकिस्टों की बिक्री प्रारंभ हो सकती है, लेकिन मूल्यों में अधिक मंदी नही आयेगी, क्योंकि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा, विदर्भ लाइन में छोटे स्टॉकिस्टों का माल बिक्री हो गया है और आगामी दीपावली तक लगातार चने की मांग रहेगी, ऐसी स्थिति में 150-200 रुपये की तेजी-मंदी हो सकती है। पिछले सप्ताह मुुंबई बंदरगाह में आयातित तंजानिया का चना 150 रुपये बढकर 5600 रुपये, ऑस्ट्रेलिया का 5750, सुडान का काबुली 6450 रुपये तथा आंध्र का माल विरुधनगर, इरोड लाइन डिलेवरी आंध्र का 6350 तथा कर्नाटक का 6400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के लातुर ंमें मिल क्वालिटी 5700-5800, अन्नागिरी 5800-5900 सोलापुर लाईन में मिल क्वालिटी 5500-5750 अन्नागिरी 5900-6000, अकोला, अमरावती, लाइन में सादा चना 5400-5925 रुपये, खामगांव लाइन में मिल क्वालिटी 5200-5475 रुपये तथा गुजरात की मंडियो में देसी चना 5100-5500, कांटा चना 5500-5600 और काबुली 7500 -9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।दिल्ली में पिछले एक सप्ताह राजस्थान का चना 5800-5825, मध्य प्रदेश का 5750-5775 रुपये एवं मध्य प्रदेश के सभी मंडियों में मिलाकर लगभग 18 से 20 हजार बोरी की आवक पर 5000-5450 रुपये, काबुली वी 2 किस्म 2100 बोरी की आवक पर 5200-6400 रुपये , इंदौर में 5900-5925, डालर 8605-8805 काबुली 42-44 काउंट 11400 रुपये, 44-46 काउंट 11100 रुपये, 46-48 काउंट 10800 रुपये, 50-52 काउंट 9900 रुपये, 58-60 काउंट 8600 रुपये तथा 80-85 काउंट 6900 रुपये पर व्यापार हुआ। राजस्थान में चना 5200-5450 रुपये तथा उत्तर प्रदेश में 5300-5550 रुपये तथा आंध्र के कर्नूल, कड़पा, चित्तूर, ओंगोल लाईन में जेजे चना 5900 कॉक-2 काबुली 6100-6200 रुपये तथा डालर 8800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 23, 2025, 5:54 am
उड़द बुवाई में वृद्धि -ब्राजील का नया माल अगस्त में

उड़द बुवाई में वृद्धि -ब्राजील का नया माल अगस्त में हैदराबाद : जानकार सूत्रो के अनुसार आगामी खरीफ सीजन के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के उड़द बुवाई में वृद्धि की संभावना नजर आ रही है एवं वर्तमान में आयातित उड़द के साथ घरेलू ग्रीष्मकालीन सीजन के माल की लगातार सप्लाई से मूल्यो में वृद्धि नही हो रही है। केंद्रीय कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान वर्ष खरीफ सीजन के दौरान 13 जून तक देश में उड़द की बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 18 हजार हेक्टर के मुकाबले बढकर 41 हजार हेक्टर में हुई है, जबकि जबकि कर्नाटक के कृषि विभाग के राज्य में बुवाई पिछले वर्ष के 38 हजार 100 हेक्टर के मुकाबले 37 हजार 600 हेक्टर एवं गुजरात केे कृषि विभाग के अनुसार 16 जून तक बुवाई 7 हेक्टर में हुई है तथा पिछले वर्ष के इसी समान अवधि तक बुवाई नही हुई थी। अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार का एसक्यू उड़द सी एंड एफ पर 845 डालर और एफएक्यू 775 डालर प्रति टन प्रस्तावित किया गया तथा व्यापारिक सूत्रों के अनुसार वर्तमान सीजन के लिये ब्राजील के उत्पादन में वृद्धि हो रही है तथा जून से फसल कटाई का कार्य प्रारंभ हो गया है और आगामी अगस्त महीने के दौरान चेन्नई में ब्राजील से नये माल की आवक जारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार इस समय ब्राजील के पुराने माल की क्वालिटी कमजोर रहने से 7500-7600 रुपये के मूल्य पर धीमी गति से व्यापार हो रहा है। चेन्नई में हाजिर में आयातित एसक्यू 275 रुपये बढकर 7650 एफएक्यू 6750 रुपये तथा इस समय गुजरात के पाटन, जामनगर लाइन का देसी मिक्स टी 9 किस्म चेन्नई डिलेवरी 7900, वेरावल, पोरबंदर, सोमनाथ लाइन का बढिया उड़द 8100 रुपये, मध्य प्रदेश के जबलपुर लाइन का ग्रेविटी क्लीन 7800 रुपये, आंध्र का सादा 7200, पॉलिश 7300 एवं तमिलनाडु के टुटीकोरिन, तंजावुर लाइन का एवरेज क्वालिटी उड़द 6200-6700 रुपये क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है तथा कर्नाटक के मैसुर लाइन में नये उड़द की आवक प्रारंभ हुई है, लेकिन अधिक वर्षा से माल की क्वालिटी दागी आ रही है। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, कानपुर लाईन में नया लाल उड़द का मूल्य घटकर 8300 रुपये पहुंच ने के बाद 200-250 रुपये की वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र, तेलंगाना में ग्रीष्मकालीन उड़द की आवक लगभग समाप्त हो गई है जिससे आंध्र के कड़पा कृष्णा, नंदियाल प्रोद्युटुर, लाइन में पॉलिश 100 रुपये बढकर 7100- 7200, सादा 6900 -7000 रुपये तथा मध्य प्रदेश की सभी मंडियो में मिलाकर दैनिक 40-45 हजार बोरी की आवक में केवल जबलपुर में 10- 11हजार बोरी की आवक पर 6000-7200, इंदौर में 6500-7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 23, 2025, 5:54 am
तुवर दाल में सामान्य ग्राहकी

तुवर दाल में सामान्य ग्राहकी हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार पिछले सप्ताह तक देश में तुवर के मूल्यो में भारी कमी आने से स्टॉकिस्ट किसान और व्यापारी माल की बिक्री के लिए सामने नही आ रहे है एवं वर्षा होने से एवं जूलाई प्रथम सप्ताह में घरेलू मांग निकलने के अनुमान से बढ़िया किस्मो के तुवर में की मांग निकलने से घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्यो में कुछ सुधार हुआ, लेकिन अधिक तेजी की संभावना नही रहेगी केंद्रीय कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान वर्ष खरीफ सीजन लिए देश में तुवर की बुवाई जारी है, लेकिन अब तक बुवाई पिछले वर्ष के मुकाबले कम हुई है। कर्नाटक के कृषि विभाग के अनुसार राज्य में 13 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के 1 लाख 65 हजार 100 हेक्टर के मुकाबले 1 लाख 12 हजार हेक्टर एवं गुजरात केे कृषि विभाग के अनुसार 16 जून तक बुवाई पिछले वर्ष के इसी समान अवधि के 338 हेक्टर के मुकाबले 168 हेक्टर में हुई है। उत्तर भारत के लिए मध्य प्रदेश की तुवर दाल नागपुर, कटनी लाईन से एवं ओडिशा पश्चिम बंगाल , आसाम लाईन के लिए भाटापारा, बिलासपुर, रायपुर लाईन से लदान हो रहा है, लेकिन खरीददार आवश्यकता के अनुसार खरीदी के कारण दाल मिले तुवर की खरीदी धिमी गती से कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में म्यानमार बढकर 725 डालर प्रति टन प्रस्तावित किया जा रहा है , जिससे मुंबई में आयातित लेमन 285-300 रुपये बढ़कर 6385-6400, मटवारा 5750 एवम् मोजांबिक सफेद एवं गजरी 5950-6000, सुडान की 6500 रुपये एवम् चेन्नई में लेमन में 6375-6400 रुपयेे के मूल्य पर व्यापार हुआ। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार इस समय तमिलनाडु में अधिकतर दाल मिलें तुवर दाल एवं मूंग दाल की अधिक खरीदी कर रहे हैं, जिससे कमजोर क्वालिटी के तुवर की मांग नही निकल रही है। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के उदगीर, औराद शाहजानी, लातुर लाइन की बढिया तुवर चेन्नई डिलेवरी 7400-7450, गुजरात की बीडीएन 2 किस्म 7600-7700 रुपये तथा लेमन तुवर कंटेनर में 6425,गोदाम का माल 6375 रुपये एवं कर्नाटक की तुवर विरुधनगर, सेलम, डिलेवरी लाल 7300 रुपये तथा सफेद 7600 रुपये, कर्नाटक की कटनी डिलेवरी 7150-7250 रुपये, रायपुर में डिलेवरी 6850-7000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। महाराष्ट्र के सोलापुर में प्रतिदिन 17 से 18 मोटर तुवर की आवक पर गुलाबी किस्म 5800-6800, एवरेज 6400-6600 रुपये तथा लातुर में मारुती, सफेद, गुलाबी 6500-6850 तथा गुजरात के राजकोट में तुवर 6000-6600 रुपयेे, दाहोद में मीडियम 5100-5400 एवम् कलबुर्गी में 6000-6800 रुपये तथा फटका 9800, सव्वा नबंर 8400-8800, लातुर अकोला, नागपुर, लाइनों में फटका 9600-9800 रुपये, सव्वा नंबर 8900 -9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 23, 2025, 5:53 am
खोपरा में तेजी जारी

खोपरा में तेजी जारी हैदराबाद : व्यापारिक सूत्रो के अनुसार देश के प्रमुख उत्पादक राज्यो में बाल खोपरा की कमी और जूलाई से दीपावली तक लगातार गाहकी की संभावना से अनुमान है कि अक्टूबर तक प्रति किलो 100-150 रुपये बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि पिछले एक सप्ताह में लगभग 15-22 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है, लेकिन अन्य किस्मो के मूल्यो में वृद्धि नही हुई। कर्नाटक के टिपटूर में साप्ताहिक 5 से 6 हजार बोरी की आवक पर बाल खोपरा प्रति क्विंटल पर1500-2000 रुपये बढ़कर 24,200-24,500 रुपये, एड़िबल बेस्ट 23,500, मीडियम 19,000-20,000 मेरिको 22,000-23,300 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हो रहा है। तमिलनाडु के कांगायम में सादा खोपरा 22,200, स्पेशल 22,700, मेरिको 22,800, एड़िबल 24,400 मिडियम 23900, तथा कलीकट में बाल खोपरा 23,000, राजापुरी 26,500, मिल्लिंग 23,600 रुपये एवं एलमत्तूर, कोड़ुमुड़ी, पेरुंदुरै, अविलपुंदुरै लाईन में मिलाकर एक सप्ताह में 8 से 10 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया 23,500-24,300, मीडियम 18,000-20,000 रुपये एवं त्रिचूर में खोपरा तेल (प्रति क्विंटल) 36,000, कालिकट में 37,300 रुपये, कोच्ची में 36,100 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पूर्वी-पश्चिमी गोदावरी लाइन में प्रतिदिन 50 से 60 मोटर नारियल की आवक पर बढ़िया गुजरात क्वालिटी पुराना माल 19,000, मीडियम 16,000, एवरेज 12,000-14000 और नया बढ़िया 17,000-18,000, मीडियम 15,000, एवरेज 11000-12,000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है।

Updated On: June 23, 2025, 5:52 am
खरीफ सीजन अरंडी बुवाई प्रारंभ

खरीफ सीजन अरंडी बुवाई प्रारंभ मुंबई : कृषि मंत्रालय के साप्ताहिक बुवाई रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक खरीफ बुवाई आंकड़ा के अनुसार देश में 13 जून तक खरीफ सीजन अरंडी की बुवाई कर्नाटक के 400 हेक्टर सहित कुल 1 हजार हेक्टर तथा गुजरात में 16 जून तक अरंडी की बुवाई 94 हेक्टर और तिल की 4 हेक्टर में हुई है और आकर्षक मूल्यो से बुवाई का काम तेजी से रहा है जबकि पिछले वर्ष इसी समान अवधि में बुवाई प्रारंभ नही हुई थी। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान भारत से 13 हजार 681 टन अरंडी खल का निर्यात हुआ, जिसमें चीन के लिए 3552 टन का निर्यात हुआ। वर्तमान वर्ष अरंडी उत्पादन कमी से माल स्टॉक बहुत कम बचा हुआ है और अच्छी मांग के कारण मूल्यो में लगातार तेजी का रुख रहा और अनुमान हैकि नया सीजन प्रारंभ होने तक 1000 प्रति किंटल की वृद्धि हो सकती है। पिछले सप्ताह एनसीडीई एक्स पर अरंडी का जून वायदा सोमवार को एक सप्ताह में 211 रुपये बढ़कर 6609 रुपये खुलकर शुक्रवार तक 91 बढ़कर 6700 रुपये एवं जुलाई वायदा 6665 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 35 बढ़कर 6690 रुपये तथा अगस्त वायदा सोमवार को 6749 रुपये खुलकर 12 रुपये बढ़कर 6761 रुपये पर बंद हुआ तथा अनुमान हैकि अगस्त वायदा 7000 रुपये को क्रास कर सकता है।गुजरात में प्रति दिन लगभग 25 से 30 हजार बोरी की आवक पर 200 रुपये बढ़कर 6400-6650 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ तथा अनुमान हैकि शिघ्र ही मूल्य 7000 रुपये पहुंचने की संभावना रहेगी आंध्र के आदोनी, कर्नूल, विनुकोंडा, एम्मिगनूर लाईन में स्टॉक रखा हुआ माल 6100-6200 रुपये एवं तेलंगाना के गदवाल, जडचर्ला लाईन में 6250-6300 रुपये एवं नरसारावपेट में बीएसएस तेल प्रति 10 किलो 1490, कमर्शियल 1450 एवम् हैदराबाद में बीएसएस तेल 1470, कमर्शियल 1430 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 23, 2025, 5:51 am
देश में खरीफ सीजन मूंगफली बुवाई में कम

देश में खरीफ सीजन मूंगफली बुवाई में कम हैदराबाद : कृषि मंत्रालय के साप्ताहिक बुवाई रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक खरीफ बुवाई आंकड़ा से संकेत मिल रहा है कि देश में 13 जून तक खरीफ देश में मूंगफली की बुवाई पिछले वर्ष के 71 हजार हेक्टर के मुकाबले 58 हजार हेक्टर पर हुई है, जिसमें गुजरात में 16 जून तक मूंगफली की बुवाई 96 हजार 529 हेक्टर के मुकाबले 1 लाख 22 हजार 471 हेक्टर कर्नाटक में मूंगफली की बुवाई 57 हजार 900 हेक्टर के मुकाबले 36 हजार 100 हेक्टर पर हुई है और बुवाई का काम जारी है तथा गुजरात मकी मंडियो में माल की आवक में कमी से 100-150 प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है, लेकिन अधिक तेजी की संभावना नही रहेगी, क्योंकि इस समय पूर्वी भारत में वर्षा होने से नये माल की आवक नही हो रही है, लेकिन आगामी सप्ताह से आवक बढ़ सकती है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी, एटा लाईन में मूंगफली बुवाई पिछले वर्ष के मुकाबले 50-60 प्रतिशत हुई है, क्योंकि आकर्षक मूल्य प्राप्त नही होने से मक्का बुवाई अधिक हुई है और इन लाईन में प्रति दिन नये मूंगफली की आवक बढ़कर 8 से 10 हजार बोरी की आवक पर 5300-5800 रुपये एवं मूंगफली दाना 60/70 काउंट 8500 तथा तमिलनाडु डिलेवरी जीएटी पेड 9600 रुपये के मूल्य पर व्यापार हो रहा है और अनुमान है कि आगामी सप्ताह से आवक में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि किसान फसल कटाई तेजी से कर रहे है। महाराष्ट्र के मराठवाडा लाईन में आवक घटकर प्रति दिन 12-15 हजार बोरी नये माल की आवक पर 5000-5500, विदर्भ के अकोला ,अमरावती, वाशिम लाईन में 10 से 12 हजार बोरी की आवक पर बेस्ट 5300-5400, मीडियम 5000-5100, एवरेज 4400 -4500 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश के नीमच, मंदसोर और आस-पास लाईन में साप्ताहिक 50 से 60 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया माल 5400-5600, मीडियम 5100-5400, एवरेज 4700-4900 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के कर्नूल, आदोनी, अनंतपुर जिले में बढ़िया मूंगफली 6000-6700, मीडियम 5000-5000, मूंगफली दाना चेन्नई डिलेवरी 80/90 काउंट 9500-9600 रुपये, कल्याणी 7500 से 7700 रुपये महाराष्ट्र के लिये 70-80 काउंट 9900-10,000 रुपये, 60-70 काउंट 10,500 रुपये, 60-65 काउंट 10,800 रुपये, 90-100 काउंट 9200, कल्याणी लोकल में 7600 चेन्नई डिलेवरी 8000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हुआ। कर्नाटक की मंडियों में कदिरी लेपाक्षि 5500-6500, पी-नट 6500-7300 तथा चेल्लाकेरे मूंगफली दाना 80-90 काउंट 9400 रुपये, 90-100 काउंट 9150, कल्याणी 7800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात की मंडियों में मिलाकर पिछले एक सप्ताह में लगभग 55 से560 हजार बोरी की आवक पर जी-20 किस्म सुपर क्वालिटी मूंगफली 5650-6200, बेस्ट 5400-5500 एवरेज 5100-5250 रुपये क्वालिटी के अनुसार बी-28 किस्म सुपर 5200-5300,एवरेज 5000-5100 रुपये तथा मूंगफली दाना मुंद्रा डिलेवरी 50/60 काउंट 8450 रुपये, 50/55 काउंट 8550 रुपये, 40/50 काउंट 8650 रुपये, 38/42 काउंट 8850 तथा जावा 80-90 काउंट 9300 -9500 रुपये, 50-60 काउंट 10,200-10500, टीजे 80-90 काउंट 9200 रुपये, 50-60 काउंट 9400 के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 23, 2025, 5:50 am
कर्नाटक तिल बुवाई वृद्धि- मंदी का का रुख

कर्नाटक तिल बुवाई वृद्धि- मंदी का का रुख हैदराबाद : कृषि मंत्रालय के साप्ताहिक बुवाई रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक खरीफ बुवाई आंकड़ा से संकेत मिल रहा है कि देश में 13 जून तक खरीफ देश में तिल की बुवाई पिछले वर्ष के 13 हजार हेक्टर के मुकाबले 15 हजार में हुई है, जिसमें कर्नाटक में 13 जून तक तिल की बुवाई पिछले वर्ष के 7300 हेक्टर के मुकाबले बढ़कर 12 हजार 300 हेक्टर पर हुई है। बिहार के समस्तीपुर में इस वर्ष दैनिक 50-60 बोरी ग्रीष्मकालीन नये तिल की आवक पर लोकल में 8500-9000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ ऐसी स्थिती में तेजी का संभावना नही रहेगी, क्योंकि इस वर्ष मूल्यो मे ंकमी से गुजरात के छोटे गॉवो में कमिशन एजेंट और व्यापारी माल का स्टॉक कर रहे है। मध्य प्रदेश के नीमच, मदसोर, जावरा, रतलाम लाईन में दैनिक 1000-1200 बोरी नये माल की आवक पर सफेद 9600-9900 मिडियम 8700-9500 रुपये एवरेज 8000-8400 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पश्चिम बंगाल में पिछले एक सप्ताह के दौरान 12 से 15 हजार बोरी की आवक पर लोकल मंडियो में लाल अनक्लिन 5400-5500 मैक्रोक्लीन 6000-6500, प्रति किंटल के मूल्य पर लोकल लूज व्यापार एवं मैक्रोक्लीन 36 प्रतिशत तेल और 2 प्रतिशत एफएफ कंडीशन ईरोड़ डिलेवरी 7700-7800 रुपये और 3 प्रतिशत एफएफ कंडीशन 7200-7300 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुजरात में साप्ताहिक 30-40 हजार बोरी ग्रीष्मकालीन तिल की आवक पर हल्लिंग क्वालिटी 7900-8250,एवं 98.2 किस्म 8500-9000 रुपये, 99.1 किस्म 9375-10,100 रुपये, किराणा क्वालिटी 10,500-11,000, काला माल प्रीमियम क्वालिटी 16,750-17,125, जेड़ ब्लैक 15,750-16,600, एवरेज किस्म 12,500-15,000, मिल क्वालिटी 6500-8500 रुपये प्रति क्विंटल तथा तमिलनाडु के ईरोड, विरुधनगर, मदुराई, त्रिची लाईन डिलवरी प्रति 75 किलो बोरी 7200 रुपये (टैक्स सहित) व्यापार बहुत धिमी गती से हो रहा है । तमिलनाडु के शिवगिरी, कोडुमूडी, त्रिचंगोडु बोथपाडी , कल्ला कुर्ची थिरुकोविलूर सहित सभी उत्पादक लाईनो में मिलाकर साप्ताहिक 6 से 8 हजार बोरी की आवक पर काला तिल 10,600-13,200, लाल 10,000-12,700 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पूर्वी आंध्र के पार्वतीपुरम्, चीपुरुपल्ली लाईन में साप्ताहिक 800 से 900 किंटल की आवक पर 6500-8000 रुपये तथा आंध्र के नरसारावपेट, ओंगोल लाईन में लाल तिल 7000-8200 रुपये एवम् तेलंगाना के निजामाबाद, मेटपल्ली लाईन में पिछले सप्ताह 1000-1200 बोरी की आवक पर रेनटच क्वालिटी 7000-7500 और बढ़िया सफेद 8000-9000 रुपये क्वालिटी अनुसार व्यापार हो रहा है। महाराष्ट्र के यवतमाल, कारंजा लाईन में पिछले सप्ताह सफेद रेनटच 7000-8500 रुपये एंव ग्वालियर, कानपुर, आगरा लाईनों में हल्लिंग 8500-8600 रुपये, 99.1 किस्म का 9400-9500 रुपये, 99.97 किस्म मुंद्रा, मुंबई डिलेवरी 11,750-11,800 रुपये, 99.98 प्रमियम क्वालिटी 11,800-11,900 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 23, 2025, 5:49 am
आंध्र लालमिर्च में अधिक स्टॉक से बुवाई में कमी का संकेत ?

आंध्र लालमिर्च में अधिक स्टॉक से बुवाई में कमी का संकेत ? गुंटूर : पिछले वित्तीय वर्ष में लालमिर्च का निर्यात 2023-24 के 6 लाख 1 हजार टन के मुकाबले 19 प्रतिशत बढकर 7 लाख 15 हजार टन हुआ, लेकिन मुद्रा के आधार पर निर्यात एक वर्ष पूर्व के 150 करोड़ डालर के मुकाबले घटकर 134 करोड़ डालर का होने के बावजूद कुल देश के मसाला निर्यात में लालमिर्च की भागीदारी 25 प्रतिशत से अधिक रही तथा व्यापारियो का अनुमान हैकि भारतीय लाल मिर्च मूल्यो मे ंकमी से निर्यात की मांग निकल सकती है। आंध्र की गुंटूर मंडी ग्रीष्मकालीन छुट्टिया समाप्त होने के साथ 9 जून से मंडी में व्यापार प्रारंभ हुआ, लेकिन एक सप्ताह में लगभग एक लाख बोरी की आवक में 80 हजार बोरी की बिक्री हुई और शीतगृहो से 1 लाख 90 हजार बोरी की आवक हुई, जिसमें दो वर्ष पुराना एवं पिछले वर्ष और वर्तमान वर्ष मार्च अप्रैल के माल की आवक हुई, लेकिन कुल बिक्री कुल 1 लाख 10 हजार बोरी की बिक्री हुई,लेकिन मिडियम, मिडयिम बेस्ट माल की सबसे अधिक आवक 70 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत डिलक्स किस्मो की आवक के कारण 80 हजार बोरी अनसोल्ड रह गया। व्यापारिक सूत्रो के अनुसार इस वर्ष रिकार्ड स्टॉक के साथ वर्तमान में पंजाब और उत्तर प्रदेश के बढ़िया माल की सप्लाई से आंध्र लालमिर्च के लिए ग्राहकी कमजोर रही। जानकार सूत्रों के अनुसार स्टॉकिस्ट आगामी दिनों में डीलक्स किस्मों के मूल्यों में तेजी की संभावना से बिक्री नही कर रहे है, क्योंकि आगामी सीजन बुवाई के लिए लालमिर्च बीज की बहुत कम मात्रो में हो रही है, इससे अनुमान हैकि आगामी उत्पादन में कमी आ सकती है। पिछले सप्ताह गुंटूर मंडी नॉन एसी तेजा 7500-11,000, अन्य किस्में 6000-9000, तेजा फटकी 5000-6500, साधारण फटकी 3000-5000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। गुंटूर के शीतगृहों से तेजा 11,000-13,500, डीलक्स 13,600-13,800 रुपये, 335 ब्याडगी 10,000-12,500, सिंजेंटा ब्याडगी (5531) किस्म 10,000-12,000, डीडी 10,000-13,000 रुपये, 2043 ब्याडगी 12,000-13,500 रुपये, 341 किस्म 11,000-13,500, डीलक्स 14,000, नंबर-5 किस्म 11,000-13,500 रुपये, 273, कुबेरा किस्मे 10,000 -12,500 रुपये, 334, सुपर-10 किस्म 10,000-12,500, आरमुर 9500-10,700, रोमी 11,500-12,500, डीलक्स 12,800, शार्क-1 किस्म 11,000-12,500, क्लासिक 9500-10,500, बंगारम किस्म 12,000 -12,500, बुलेट 10,000-13,000, तेजा फटकी 6500-7500, फटकी 5000-6000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह खम्मम मंडी में 15 से 16 हजार बोरी किसानों के माल तथा 30 हजार बोरी शीतगृहों के माल की आवक पर तेजा 14,125, मीडियम 13,000-13,500, फटकी 7000-7500, मीडियम 5500 रुपये एवम् वरंगल में 14 से 15 हजार बोरी की आवक पर बढ़िया तेजा 13,500 रुपये, मीडियम 11,000-13,000, बढ़िया 341 किस्म 12,500, मीडियम 11,000-12,000, वंडरहाट 14,300, मीडियम 11,000-14,000 रुपये, 5531 किस्म 12,000, दीपिका 13,000, बढ़िया टमाटा 28,000, मीडियम 19,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर व्यापार हुआ।हैदराबाद में गदवाल, महबूबनगर लाईन से पिछले एक सप्ताह के दौरान 7 से 8 हजार बोरी शीतगृहों के माल की बिक्री पर तेजा 12,000-13,000, सुपर-10 किस्म 11,000-12,500, आरमुर 10,000-12,000 रुपये, 273 किस्म 11,000-12,000 रुपये, 341 तथा किस्म 14,000-15,000 रुपये, 2043 किस्म 14,000-15,500 रुपये, सी-5 किस्म 12,000-14,000, सिंजेंटा 10,000-12,000, तेजा फटकी 6500-8000 रुपये, फटकी 4000-5000 रुपये के मूल्य पर क्वालिटी के अनुसार व्यापार हो रहा है। कर्नाटक के ब्याडगी में सोमवार तथा गुरुवार मिलाकर लगभग 15 से 16 हजार बोरी शीतगृहों के माल की आवक पर 10 हजार बोरी की बिक्रई हुई, जिसमें 2043 किस्म 10,000-15,000 रुपये, 5531 किस्म 9000-11,500 रुपये डब्बी 17,000-22,000, केडीएल 15,500-19,000 रुपये, डीडी 11,000-11,500 रुपये, 2043 फटकी 3000-3500 रुपये तथा छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के शीतगृहों से पिछले एक सप्ताह के दौरान लगभग 3 से 4 हजार बोरी की बिक्री पर तेजा 11,500-13,700, शार्क-1 किस्म 11,000-12,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 16, 2025, 6:12 am
अक्टूबर हल्दी वायदा में मजबूती

अक्टूबर हल्दी वायदा में मजबूती हैदराबाद : जानकार सूत्रो के अनुसार देश में आगामी सीजन के लिए हल्दी बुवाई का काम तेजी से हो रहा है और उत्पादन बढ़ने की संभावना से किसानों का अधिकतर माल बिक्री हो गया है, जिससे मूल्य स्थिर हो गये है, लेकिन व्यापारिक अनुमानो के अनुसार माल का स्टॉक कम रहने से वायदा मूल्यो अधिक कमी नही आ रही है और अगस्त के बाद तेजी की संभावना से व्यापारी माल की बिक्री धिमी गती से कर रहे है और दिसंबर वायदा में तेजी का संकेत मिल रहा है, क्योंकि अक्टूबर वायदा मूल्यो में वृद्धि हुई है, ऐसी स्थिती में स्टॉकिस्टो को लाभ मिल सकता है, क्योंकि नया सीजन फरवरी से प्रारंभ के समय माल नमी वाला रहेगा, जिससे पिसाई कारखानो को सूखे माल की आवश्यकता रहेगी। व्यापारिक सूत्रो के अनुसार देश की सभी मंडियो में मिलाकर साप्ताहिक अनुमानित 1 लाख 40 हजार से 1 लाख 50 हजार बोरी की आवक के साथ 85-90 प्रतिशत माल बिक्री रहा है, जिसमें गुजरात, राजस्थान और बिहार बंगाल के अतिराक्त मध्य प्रदेश के लिए नियमितरुप से माल का लदान हो रहा है, क्योंकि अक्टूबर वायदा जून के के मुकाबले लगभग 600-650 रुपये उपर चल रहा है। एनसीडीईएक्स पर पिछले सप्ताह सोमवार को हल्दी का जून वायदा 14,520 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 122 रुपये घटकर 14,398 रुपये तथा अगस्त वायदा 190 रुपये घटकर 14,720 रुपये और अक्टूबर वायदा सोमवार को 14,634 रुपये खुलने के बाद शुक्रवार तक 416 रुपये बढ़कर 15,050 रुपये पर बंद हुआ। भारत विश्व का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है तथा वित्तीय वर्ष 2024 अप्रेल से मार्च 2025 के दौरान भारत से हल्दी का निर्यातएक वर्ष पूर्व के 22 करोड़ 60 लाख डालर के मुकाबले 51 प्रतिशत बढकर 34 करोड़ 10 लाख डालर तथा मात्रा के आधार पर निर्यात 1 लाख 62 हजार टन के मुकाबले 9 प्रतिशत बढकर 1 लाख 76 हजार टन हुआ है। निजामाबाद में पिछले सप्ताह लगभग प से 10 हजार बोरी की आवक पर काडी 13,000-14,000, पॉलीश काड़ी 14,500-14,600, गठ्ठा 12,000 -12,500, पालीश गट्ठा 13,600-13,700 रुपये और वरंगल में पिछले एक सप्ताह में 3 से 4 हजार, केसमुद्रम में 2 से 3 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 10, 100-12,200, गट्ठा 10,150-11,000 रुपये तथा सदाशिवपेट, विकाराबाद, मरपल्ली लाईन में काड़ी, गट्ठा 10,500-11,000 रुपये एवम् आंध्र के दुग्गिराला में 700 से 800 बोरी की आवक पर काड़ी तथा गट्ठा मीडियम 9500-9800 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह महाराष्ट्रके हिंगोली में 28 से 30 हजार,बसमतनगर में 18 से 20 हजार, नांदेड़ में 8 से 10 हजार बोरी की आवक काड़ी 12000-13500, गट्ठा 11,400-12,500 रुपये, सांगली में 5 से 6 हजार बोरी की आवक पर राजापुरी काड़ी 13,500-15,000, गट्ठा 12,500 -13,000, मीडियम लगड़ी 16,000-16,500 रुपये एवं वाशिम्, रिसोड़, जिंतूर, शेनगाँव, ज्वालाबाजार, अन्य मंडियों में मिलाकर एक सप्ताह में 8 से 10 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 11, 000-12,800, गट्ठा 11,500-12,200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान तमिलनाडु के ईरोड़ में लगभग 15 से 16 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 9059-14,117, गट्ठा 7129-12,999, पेरुंदुरै में 5 से 6 हजार बोरी की आवक पर काड़ी 9823-14,889, गट्ठा 8832-12,839, गोपीचेट्टीपालयम में काड़ी 12, 542-13,104, गट्टा 12,006-12,788 रुपये एवं ओड़ीशा के बेहरामपूर में साप्ताहिक 800-1000 बोरी की आवक पर काड़ी 11,500, पालीश काड़ी 12, 200 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 16, 2025, 6:11 am
गुजरात में अजवायन की भारी आवक

गुजरात में अजवायन की भारी आवक हैदराबाद : जानकार सूत्रो के अनुसार वर्तमान में कमजोर ग्राहकी एवं गुजरात में नये ग्रीष्मकालीन माल की बढ़ती सप्लाई के साथ देश के अन्य उत्पादक राज्यो में अच्छी वर्षा और अनुकूल मौसम की स्थिती को देखते हुए स्टॉकिस्टो की बिक्री का दबाव जारी है, लेकिन इस समय केवल बढ़िया किस्मो की मांग के कारण बढिया अजवायन के मूल्यों में 800-1000 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। जानकार सूत्रो के अनुसार केवल गुजरात में साप्ताहिक 25-26 हजार बोरी की सप्लाई हो रही है, जिसमें जामनगर में 6 से 7 हजार, उंझा में 8 से 10 हजार और अन्य सभी छोटी मंडियो में मिलाकर 7-8 हजार बोरी की आवक में मध्य प्रदेश की मंडियो में अनुमानित 10-12 हजार बोरी और अन्य राज्यो में 4-5 हजार बोरी बिक्री के लिए लदान हो रहा है तथा अनुमान हैकि उत्पादन में वृद्धि से आागमी दो महीनो ंतक सप्लाई जारी रह सकती है। गुजरात के जामगर में हल्का माल 6500-7000, एवरेज 8500-9500, मीडियम 10,000-11,500, मीडियम बेस्ट 13,000-13,500, हरा माल 16500-17,000 रुपये तथा उंझा में हल्का एवरेज किस्म 7000-7500, मीडियम बेस्ट 12,000-12,500 रुपये तथा नीमच में गुजरात का काला माल 5500-6000, एवरेज 9500-10,500, मीडियम 11, 500-12,000, बेस्ट 12,500-13,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ। आंध्र के कर्नूल में मंगलवार और शुक्रवार मिलाकर लगभग 500 बोरी की आवक पर लाल किस्म 13,500-14,500, सफेद 16,000-18,500, बढ़िया हरा 19,000-22,500 रुपये तथा विकाराबाद में साप्ताहिक 150 से 200 बोरी की आवक पर एवरेज 9000-9500, मीडियम 11,000-11,500, बढ़िया माल 11,800-12,000 रुपये के मूल्य पर व्यापार हुआ।

Updated On: June 16, 2025, 6:10 am